समाज व देश  हित मे जरूरी है  शिक्षक प्रशिक्षण मे सुधार 

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Published on : 11 May, 23 04:05

विद्या भवन तथा  अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय का संयुक्त आयोजन 

समाज व देश  हित मे जरूरी है  शिक्षक प्रशिक्षण मे सुधार 

उदयपुर  शिक्षक प्रशिक्षण  की आवश्यकता को समझते हुए विद्या भवन ने  आजादी से पूर्व वर्ष 1942 मे शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान स्थापित किया । समय, काल व परिस्थितियों  मे हुए   परिवर्तन तथा  तकनीकी व व्यवसायिकरण के इस युग मे शिक्षक शिक्षा के  लक्ष्य, चुनौतियों व संभावनाओ पर  विमर्श अत्यंत आवश्यक है  ।  समाज, देश व संपूर्ण मानवता के हित मे  शिक्षक प्रशिक्षण मे  गुणात्मक बदलाव जरूरी है ।  

यह विचार विद्या भवन के मुख्य संचालक डॉ अनुराग प्रियदर्शी ने शिक्षक शिक्षा पर आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के समापन समारोह मे व्यक्त किये ।

 विद्या भवन गोविन्दराम सेकसरिया शिक्षक महाविद्यालय में आयोजित इस संगोष्ठी का आयोजन  अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय बैंगलुरू , दर्शन  शास्त्र विभाग, मोहन लाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय  व विद्या भवन सोसाइटी के सानिध्य मे हुआ । 

 संगोष्ठी संयोजक शिक्षाविद डॉ हृदय कांत दीवान ने कहा कि   शिक्षक प्रशिक्षण की  गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए  गम्भीर प्रयास करने होंगे  ।   शिक्षकों को  समाज में छवि   स्वयं बनानी होगी ।    

दिल्ली विश्वविद्यालय की पूर्व प्रोफेसर डॉ  साधना सक्सेना ने   कहा कि  शिक्षा के क्षेत्र में आदर्शो के साथ साथ  वास्तविक समस्याओं पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि शिक्षा का लक्ष्य चिन्तनशील मानव बनाना है। शिक्षक शिक्षा में निरंतर  चिंतन करने और सीखने की  जरूरत है।  तभी विद्यार्थियों में विषय की गहरी समझ विकसित  हो सकेगी ।  उन्होंने राजस्थान में अध्यापक शिक्षा की महत्वपूर्ण गतिविधि  "इंटर्नशिप" को  और अधिक सार्थक और प्रभावी बनाने का आग्रह किया  । 

 सुखाड़िया विश्वविद्यालय  दर्शनशास्त्र विभाग की अध्यक्षा   प्रो. सुधा चौधरी ने  कहा कि    शिक्षको की समस्याओं के  समाधान  से उनमें समर्पण  व  सृजनात्मकता का और अधिक विकास होगा ।  

एनसीईआरटी एवं एमडीएस विश्वविध्यालय   शिक्षा संकाय  के पूर्व डीन प्रो. नागेन्द्र सिंह ने शिक्षक शिक्षा  में अनुसंधान तथा डॉ निमरत कौर ने चार वर्षीय एकीकृत अध्यापक शिक्षा कार्यक्रम पर विष्लेषणात्मक चर्चा की ।  आईसर मोहाली की प्रो. गुरजीत कौर , लोकमान्य तिलक शिक्षक महाविद्यालय की पूर्व प्राचार्य प्रो. शशि चित्तौड़ा, मोहनलाल सुखाडिया विश्वविद्यालय  शिक्षा संकाय की प्राचार्य अल्पना सिंह, विद्या भवन गाँधी अध्ययन संस्थान के डॉ मोहन लाल जाट ने  शिक्षण  गुणवत्ता में अभिवृद्धि  करने पर सुझाव रखे  ।

विद्या भवन जी एस टी सी प्राचार्य डॉक्टर फरजाना इरफ़ान ने कहा  कि   संगोष्ठी में सम्मिलित हुए  दिल्ली, कर्नाटक ,गुजरात , मध्यप्रदेश और राजस्थान  के   175 शिक्षाविदों  का चिंतन  शिक्षक  प्रशिक्षण कार्यक्रमों मे गुणात्मक परिवर्तन  लायेगा । धन्यवाद सह संयोजक डॉक्टर नैना त्रिवेदी ने दिया।


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