राहुल गाँधी के बहाने क्या अब विपक्षी दलों की एकता परवान पर चढ़ेंगीं?*

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Published on : 26 Mar, 23 07:03

-नीति गोपेंद्र भट्ट -

राहुल गाँधी के बहाने क्या अब विपक्षी दलों की एकता परवान पर चढ़ेंगीं?*

नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को सूरत (गुजरात) की एक कोर्ट द्वारा दो साल की सजा के अगले ही दिन उनकी लोकसभा सदस्यता खत्म होने के बाद देश कीराजनीति में आयें भूचाल से लगता है कि वर्तमान परिस्थितियों में विपक्षी दलों को एक मंच पर लाने का मार्गप्रशस्त कर दिया है।राहुल गाँधी के प्रकरण में विपक्ष के सभी नेताओं के एक सुर में सामने आयें बयान यहींदर्शाते हैं। कांग्रेस से थोड़ी दूरी बनाकर चलने वाले नेता भी अब राहुल के पक्ष में बोलते नजर आ रहें हैं।राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यदि कांग्रेस इस अवसर का सही ढंग से लाभ उठाती है तों भाजपा केसताए विपक्षी दल एक मंच पर आ सकते है।

शनिवार को अपनी सांसदी चले जाने के बावजूद आत्म विश्वास से भरें राहुल गांधी नई दिल्ली में पहली बारमीडिया से मुख़ातिब हुए और मोदी अदानी मुद्दे पर हमलावर होते हुए उन्होंने भी इस घटनाक्रम पर विपक्षी दलोंद्वारा अपने समर्थन में दिए गए बयानों पर उनका आभार जताया और कहा कि अब हम सब मिलकर काम करेंगे।राहुल ने यहाँ तक कह दिया कि मोदी जी हमें एक मज़बूत हथियार पकड़ा दिया है।

हालाँकि भाजपा के खिलाफ विपक्षी एकता के लिए लंबे समय से प्रयास किए जा रहे हैं। विशेष कर सोनियागाँधी ने इसके लिए गम्भीर प्रयास किए थे लेकिन अभी तक विपक्षी दलों की इस मुहिम में शरद पंवार के साथमिल कर महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की सरकार का गठन कराने के अतिरिक्त कोई ठोस कामयाबी नहीं मिलसकी है। इस मध्य कई नेता, तीसरे मोर्चे की संभावना भी तलाशते रहे।

राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के समापन पर भी कांग्रेस पार्टी ने कई दलों को श्रीनगर आने का न्योता दियाथा, मगर दर्जनभर पार्टियां भी वहां नहीं पहुंच सकीं। इससे पहले ज्यादातर विपक्षी दलों ने यात्रा से दूरी बनारखी थी।

कुछ अर्से पहलें एनडीए से अलग हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नए सिरे से विपक्ष को साथ लेकरचलने की कवायद शुरु की।उन्होंने भाजपा के खिलाफ विपक्षी दलों को एक मंच पर लाने का प्रयास किया।इस मुहिम में वे अपने साथ डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को भी साथ रखे हुए हैं। तेजस्वी यादव ने भी झारखंड केमुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उसके बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की। ममता बनर्जीभी विपक्षी एकता को लेकर आगे बढ़ती नजर आईं। मोदी से डरी दक्षिण भारत की क्षेत्रीय पार्टियाँ भी इस परमुद्दे पर अपनी शर्तों पर आगे बढ़ना चाहती हैं।

सभी विपक्षी दलों का मानना है कि इस मामले में कहीं देर न हो जाए, इसलिए कांग्रेस को जल्द फैसला लेनापड़ेगा। राहुल गाँधी की शनिवार को प्रेस वार्ता में दिए बयान से एक बार फिर से इस क़वायद को सिरे परचढ़ाने का मार्ग खुल रहा है ऐसा लगता है। समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, अब कांग्रेसपार्टी की जिम्मेदारी बनती है कि वह क्षेत्रीय पार्टियों को आगे करे। अगर सब मिलकर साथ चलें तो भाजपा, देशसे भी बाहर हो जाएगी। राहुल बाबत अखिलेश ने कहा, मैं इतना भी बड़ा नेता नहीं हूं कि उन्हें बातचीत करसुझाव दूं। कांग्रेस एक राष्ट्रीय पार्टी है। कांग्रेस पार्टी को खुद ही सोचना होगा। राजनीतिक जानकारों केमुताबिक, अखिलेश यादव का बयान साफ तौर पर यह इशारा कर रहा है कि कांग्रेस पार्टी को कुछ जगहों पर'बड़े भाई' की भूमिका छोड़नी होगी। दोनों ही दलों ने भाजपा के खिलाफ अलग-अलग चुनाव लड़ कर कुछहासिल नहीं किया है। दिल्ली, उत्तर प्रदेश और गुजरात जैसे राज्यों में कांग्रेस पार्टी अकेले विधानसभा चुनावलड़ने का नतीजा देख चुकी है।

 

विरोधी दलों का कहना हैकि मोदी सरकार तानाशाही के मार्ग पर चल रही है और गैर-भाजपा नेताओं औरपार्टियों के नेताओं को विभिन्न मामलों में मुकदमों में फँसा कर और ईडी एवं इनकम टेक्स आदि संस्थानों काबेजा उपयोग कर उन्हें डराने धमकाने और उनका वजूद खत्म करने की साजिश कर रही है।

 

*सदस्यता गंवाने के बाद राहुल गांधी की पहली प्रेस वार्ता*

 

संसद की सदस्यता गंवाने के बाद राहुल गांधी ने शनिवार को एआईसीसी में आयोजित अपनी पहली प्रेसकाँफ़्रेस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी पर जमकर हमला बोला। उन्होंने एक बार फिर सेमोदी और अडानी के रिश्ते पर सवाल पूछे।
राहुल गांधी ने कहा कि मैं सवाल पूछना बंद नहीं करूंगा। अडानी का नरेंद्र मोदी से क्या रिश्ता है? इन लोगों सेमुझे डर नहीं लगता। अगर इनको लगता है कि मेरी सदस्यता रद्द करके, डराकर, धमकाकर, जेल भेजकर मुझेबंद कर सकते हैं तों करें ।मैं हिन्दुस्तान के लोकतंत्र के लिए लड़ रहा हूं और लड़ता रहूंगा।


प्रेस वार्ता में राहुल गांधी ने कहा कि अदानी की शेल कंपनी में 20 हजार करोड़ रुपये किसने इनवेस्ट किए ।मैंनेसंसद में मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से कई सबूत भी दिए। लेकिन मेरे भाषण को हटा दिया गया। मुझे बोलनेनहीं दिया गया।मैंने कई बार बोला है कि हिन्दुस्तान में लोकतंत्र पर आक्रमण हो रहा है। इसके हमें रोज नए-नएउदाहरण मिल रहे हैं...मैंने संसद में सबूत दिए, अडानी और मोदी जी के रिश्ते के बारे में बोला। अडानी कोनियमों में बदलाव करके एयरपोर्ट दिए गए, इस पर बोला । लोकसभा अध्यक्ष

से मिल कर संसद में बोलने देने का आग्रह किया ।

ओबीसी समाज का अपमान करने सम्बंधी सवाल पर राहुल गांधी ने कहा कि यह ओबीसी का मामला नहीं है, येनरेंद्र मोदी और अडानी के रिश्ते का मामला है। भारत जोड़ो यात्रा की मेरी कोई भी स्पीच देख लीजिए,मैंनेहमेशा कहा है कि सब समाज एक हैं। नफरत, हिंसा नहीं होनी चाहिए। भाजपा ध्यान को भटकाने का कामकरती है।


राहुल गाँधी ने कहा, 'पार्लियामेंट हाउस में मैने कहा कि मुझे बोलने दीजिए, एक बार तो बोलने दीजिए। दो बारचिट्ठी लिखी, तीसरी बार मैं पर्सनली स्पीकर से जाकर मिला और उनसे भी आग्रह किया कि मुझे बोलनेदीजिए। तो वह मुस्कार कर कहते है कि मैं तो यह नहीं कर सकता। राहुल गांधी ने कहा कि फिर तो शायदजाकर मुझे मोदी से पूछना पड़ा। वो तो करने नहीं देंगे।

उन्होंने कहा कि मुझे फर्क नहीं पड़ता की मैं संसद के अंदर हूं या बाहर हूं। चाहें मुझे हमेशा के लिए संसद सेबाहर करवा देवें । मुझे अपनी तपस्या करनी है और मैं उसे करके दिखाऊंगा।

 

*गांधी किसी से माफी नहीं मांगता*

 

राहुल गांधी ने माफी मांगने के सवाल पर कहा, 'मेरा नाम सावरकर नहीं है, मेरा नाम गांधी है। गांधी किसी सेमाफी नहीं मांगता।'

उन्होंने अदालत में चल रहें मामले से जुड़े सवालों के जवाब देने से विनम्रतापूर्वक इंकार कर दिया।

राहुल गाँधी ने बहुत ही बेबाकी के साथ पत्रकारों के जवाब दिए और एक दो मौके पर उन्हें निडरता के साथटोंका भी। अदानी के साथ कांग्रेस के मुख्यमंत्रियों के एमओयू के सवाल पर हमलावर होकर उन्होंने कहा किअदानी को मिलें बीस हज़ार करोड़ रु में यदि इनके पैसे है तों उन्हें भी सजा दें जेल में डाल दें।

प्रेस कान्फ्रेंस में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कांग्रेस के राष्ट्रीयसंगठन मंत्री के सी वेणु गोपाल महामन्त्री प्रियंका गांधी संचार प्रमुख जय राम रमेश और प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी आदि भी मौजूद थे।

 

इधर भाजपा की ओर से केन्द्रीय राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने मोर्चा सम्भाल और कहा कि राहुल गांधी कोन्यायालय की प्रकिया से सजा मिली है और यदि वे माफ़ी माँग लेते तो यह नौबत नही आती। अब तो उन्हेंओबीसी जातियों का अपमान करने के लिए पूरे देश से माफ़ी माँगनी पड़ेगा अन्यथा देश उन्हें माफ़ नही करेगा।


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