डॉक्टर मोहम्मद शमीम शमीम खान ने खतरनाक बीमारी  सोरायसिस त्वचा रोग पर दिया व्याखान  

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Published on : 25 Mar, 23 06:03

के डी अब्बासी

डॉक्टर मोहम्मद शमीम शमीम खान ने खतरनाक बीमारी  सोरायसिस त्वचा रोग पर दिया व्याखान  

कोटा  ।राजस्थान सरकार आयुष विभाग द्वारा दाऊ दयाल जोशी आर्युवेद चिकित्सालय परिसर तलवंडी कोटा में आयोजित संभाग स्तरीय अरोग्य मेला 2023 में 23  मार्च से 26 मार्च तक डॉ मौहम्मद शमीम खान एम डी यूनानी वरिष्ठ यूनानी चिकित्सा अधिकारी परभारी, राजकीय युनानी औषधालय भीमगंज मंडी उत्तर कोटा यूनानी विशेषज्ञ के तौर पर सेवाएं दे रहे हैं । और इन्हों ने सोरायसिस त्वचा रोग का यूनानी इलाज विषय पर व्याख्यान दिया।
 उन्होने बताया कि सोराइसिस त्वचाका संक्रमित रोग नहीं है। यह केवल रोगी तक ही सीमित रहता है।  समाज में इसे अधिकतर लोग कुष्ठ रोग समझते हैं यह गलत धारणा है। यह छुआछूत से नहीं फैलता। यह त्वचा की पुरानी बीमारी है जो महीनों और सालों तक चलती है। इसमें लाल या गुलाबी  रंग के चकत्ते त्वचा पर निकलते हैं जिनपर चांदी की तरह की भूसी पाई जाती है । अधिकतर इसका परारंभ सिर या पैर में एक छोटा से दाना से होती फिर बाद में खुजाते खुजाते पूरे शरीर में फैल जाता है। 
 सोरायसिस एक विश्वव्यापी बीमारी है।  अनुमानित
 प्रसार दर भारत में जनसंख्या का 0.5-1.5% है और विश्व स्तर पर जनसंख्या का २ से ३% है। यह  16-22 वर्ष और 57-60 वर्ष की आयु में ज्यादा होता है।गर्मियों की तुलना में सर्दी में हमला अधिक होता है।यह अनुवांशिक तौर पर ३० % लोगों में पाया जाता है।रोग का एकदम सही कारण अभी भी अज्ञात है, लेकिन यह 
 एक ऑटोम्यून्यून बीमारी माना जाता है।असामान्य देहद्रव  आहार (ठंडा और सूखा और नमकीन
 आहार), रेड मीट, कम कैल्शियम और उच्च आयोडीन आहार;  मानसिक
 तनाव, आघात, धूप, यौवन, गर्भावस्था,एलोपैथिक दवाएं जैसे मलेरिया-विरोधी, बी-ब्लॉकर्स, कैंसर-रोधी को सोराइसिस उत्पन्न करने का मुख्य कारण माना गया है। सोरायसिस का इलाज यूनानी चिकित्सा पद्धति में तीन तरीके; इलाज बिल गिजा, इलाज बिल तदबीर और इलाज बिल दावा से किया जाता है । रोगी को मानसिक तनाव से बचने के लिए कहा जाए। नमकीन खट्टा तला भुना  चट पटा आहार से परहेज़ कराएं।
 


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