पद्मश्री उमाकान्त गुंदेचा के धु्रपद एवं पद्मश्री मोईनुद्दीन खां के सारंगी गायन पर श्रोताओं ने दी भरपूर दाद

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Published on : 15 Mar, 23 14:03

पद्मश्री उमाकान्त गुंदेचा के धु्रपद एवं पद्मश्री मोईनुद्दीन खां के सारंगी गायन पर श्रोताओं ने दी भरपूर दाद

उदयपुर। महाराणा कुंभा संगीत परिषद द्वारा भारतीय लोककला मण्डल में आयोजित किये जा रहे 60 वें महारणा कंुभा संगीत समारोह के दूसरे दिन की प्रथम प्रस्तुति के रूप में आज जहंा गुंदेचा बन्धुओं ने विभिन्न रागों में धु्रपद गायन पेश किया वहीं दूसरी प्रस्तुति के रूप में पद्मश्री उस्ताद माईनुद्दीन व मोमिन खां ने सारंगी वादन प्रस्तुत किया।  
परिषद की डॉ.पामिल मोदी ने बताया कि सामवेद से उपजी धु्रपद गायकी को गुन्देचा बंधुओं ने विश्व स्तर पर इसकी पहिचान दिलाई। 40 से अधिक देशों में धु्रपद गायन का प्रचार कर चुके पद्मश्री पंडित उमाकांत गुन्देचा एवं अनंत रमाकान्त गुन्देचा की जोड़ी ने खचाखच भरे लोककला मण्डल में इस समारोह में उनकी यह पहली प्रस्तुति थी। गुन्देचा बंधु ने धु्रपद गायन का प्रारंभ राग मुल्तानी से किया। इसके तहत उन्होंने पारंपरिक आलाप जोड़ और झाला प्रस्तुत करते हुए ताल चौताल में एक धु्रपद बंशीधर पिनाक धर... तथा सुल ताल में निबद्ध रचना देवी दयानी...प्रस्तुत की। गुन्देचा द्वारा गाई गई सर्वाधिक प्रसिद्ध रचना झीनी झीनी चदरिया... से ध्रुपद गायन का समापन किया। संत कबीरदास द्वारा लिखित इस रचना को राग चारुकेशी में निबद्ध किया था। गुंदेचा बन्धु के साथ पखावज पर पंडित अखिलेश गुन्देचा ने गायन के अनुरूप एवं तानपुरे पर डिम्पी सुहालका व शम्पा सरकार ने संगत की।
आज की दूसरी प्रस्तुति के रूप में पद्मश्री उस्ताद माईनुद्दीन व मोमिन खां ने सारंगी वादन प्रस्तुत किया। उन्होंने कल्याण थाट में राग मारू बिहाग प्रस्तुत की। इसमें बिलम्बित एक ताल और धु्रत तीन ताल में बन्दिशेे पेश की। उनके वादन में बालदार ताने, सुरों की छोटी-छोेटी  तानें, सपार्ट तान, और तीन सप्तक की सपाट तानें बजायी, और लाए करी के साथ गमक का भी प्रयोग किया गया। अंत में राग मिश्रा पीलू में पुराने अंदाज़ जैसे बनारस अंग राजस्थान और पंजाब अंग एवं घरानों का वादन सुननें को मिला। उस्ताद सलामत हुसैन द्वारा तबले पर दी गई संगत में नया अंदाज देखने को मिला। इनके साथ तानपुरे की संगत  डिम्पी सुहालका व शम्पा सरकार ने की।
इस अवसर पर आज के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विद्याभवन सोसायटी के चेयरमैन अजय मेहता,विशिष्ठ अतिथि आकाशवाणी के कार्यक्रम अधिकारी महेन्द्र सिंह लालस,सहकारी उपभोक्ता थोक भण्डार के चेयरमैन आशुतोष भट्ट, थे। समारोह में परिषद सचिव मनोज मुर्डिया, सुशील दशोरा,डॉ.सीमासिंह,सुरेशगिरी गोस्वामी,इकबाल सागर,श्याम रावत,डॉ. पुष्पा कोठारी,नितिन कोठारी सहित अनेक सदस्य मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. लोकेश जैन एवं डिम्पी सुहालका ने किया।
डॉ. यशवन्त कोठारी सम्मान पद्मश्री उस्ताद माईनुद्दीन को- इस वर्ष का स्व. डॉ. यशवन्तसिंह कोठारी सम्मान पद्मश्री उस्ताद माईनुद्दीन खां को प्रदान किया गया।
गुरूवार को होगी ये प्रस्तुतियां-परिषद के डॉ.प्रेम भण्डारी ने बताया कि गुरूवार को इसी कड़ी में 16 मार्च को रांची का प्रसिद्ध डॉ. आरतीसिंह एवं ग्रुप द्वारा कत्थक नृत्य की प्रस्तुति दी जायेगी और उसके बाद देश की प्रसिद्ध ओडिसी नृत्यांगना कविता द्विवेदी ओडिसी नृत्य पेश करेंगी।

 


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