यूरोप के प्रिंस, 151 बच्चो को चप्पल संग बांटी खुशियां

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Published on : 05 Mar, 23 06:03

नीम फाउंडेशन के सेवा कार्य मे पहुंचे यूरोप के प्रिंस, 151 बच्चो को चप्पल संग बांटी खुशियां

यूरोप के प्रिंस, 151 बच्चो को चप्पल संग बांटी खुशियां

उदयपुर। राजस्थानी गीतों को एक अलग ही अंदाज में अपनी आवाज से प्रस्तुत कर सोशल मीडिया में लाखों प्रशंसकों के चहेते बन चुके यूरोप के प्रिंस ने उदयपुर में नीम फाउंडेशन के साथ अलसीगढ़ के नाला फला गांव के बच्चो में खुशियां बांटी। 

नीम फाउंडेशन की फाउंडर रोशनी बारोट के साथ यूरोप के प्रिंस, कॉमेडियन आशु, पीयू देवड़ा, दिलीप पटेल, गजेंद्र पटेल समेत फाउंडेशन के सदस्यों ने 151 बच्चो को चप्पल वितरित किये और बच्चो को अल्पाहार करवाया।

रोशनी बारोट ने बताया कि वो अपने जन्मदिन को सेवा सप्ताह के रूप में मना रही है इसी कड़ी में नाला फला के बच्चों को चप्पल वितरित किये। 

 

प्रिंस के गानों पर झूमे बच्चे

 

चप्पल वितरण कार्यक्रम में सोशल मीडिया के जाने - माने कलाकार को अपने साथ पाकर बच्चो की खुशी का ठिकाना ही नही रहा। प्रिंस ने इस दौरान राजस्थानी अंदाज में गाने सुनाए तो कई बच्चो के चेहरों पर खिलखिला उठे तो कई बच्चे प्रिंस के साथ झूम उठे। इस दौरान स्कूल के अध्यापकों ने कहा कि शहर के कई स्कूलों में दानदाता पहुचते है लेकिन सुदूर गांवों में बेहद कम ही बच्चो के लिए कोई इतना सोचता है, ऐसे में नीम फाउंडेशन समय- समय पर बच्चो के लिए ओर ग्रामीणों के लिए भी जरूरत की वस्तुएं उपलब्ध करवाता है यह बहुत ही सराहनीय कार्य है।

 

बच्चो के संग मनाती हु सुख - दुख के हर लम्हे: रोशनी

 

नीम फाउंडेशन की फाउंडर रोशनी ने बताया कि वो स्वयं सोशल साइट पर काफी एक्टिव है और उनके भी हजारों फॉलोवर्स है साथ ही कई इंस्टाग्राम सेलिब्रिटी जब उदयपुर आते है तो वो उन्हें इन बच्चो के बीच लाकर कोई ना कोई सेवा कार्य जरूर करती है। रोशनी ना सिर्फ खुशी के मौके पर बल्कि अपने पिताजी की पुण्यतिथि पर भी बच्चो को भोजन, जरूरत की वस्तुएं प्रदान करने जैसे कार्य करती है और लोगो से हमेशा यही अपील करती है कि भले ही आप अपना जन्मदिन या कोई भी विशेष दिन किसी बड़े होटल - रेस्टोरेंट में सेलिब्रेट करे पर उसके साथ ही ऐसे जरूरतमंद बच्चो के साथ भी इन खास दिनों को मनाकर खुशियों को दुगना करे। 

 

प्रिंस को रास आई खूबसूरत वादियां

 

उदयपुर से अलसीगढ़ के नाला फला गांव पहुचने में पहाड़ों के बीच गुजरते टेढ़े मेढे, घुमावदार रास्ते ओर खेतो की हरियाली के साथ ही एक ऊंचे पहाड़ पर एकत्र हुए बच्चो को चप्पल बांटना यूरोप के प्रिंस को खासा रास आया। प्रिंस ने बताया कि शहर के प्रदूषण से दूर प्रकृति की गौद में इन छोटे- छोटे गांवों के बच्चो के लिए शिक्षा के साथ ही अन्य जरूरत की चीजें मिलना कितना मुश्किल है उसके बावजूद भी इन बच्चो के चेहरे पर सिर्फ एक चप्पल मिल जाने से ऐसी चमक आई जैसे इन्हें दुनिया की सारी दौलत मिल गयी हो।

 


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