क्वालिटी मात्स्य बीज उत्पादन में स्वरोजगार की अपार संभावनाएं - डॉ तिवारी 

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Published on : 27 Feb, 23 07:02

क्वालिटी मात्स्य बीज उत्पादन में स्वरोजगार की अपार संभावनाएं - डॉ तिवारी 

उदयपुर । मात्स्यकी महाविद्यालय के स्नातक विद्यार्थियों हेतू संस्थागत विकास योजना, भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद्, नई दिल्ली के सोजन्य से आयोजित मत्स्य प्रजनन और हैचरी प्रबंधन विषय पर आयोजित 7 दिवसीय दक्षता विकास प्रशिक्षण का अयोजन किया गया। समापन समारोह में मुख्य अतिथि  केन्द्रीय मत्स्य शिक्षण संस्थान, मुंबई के पूर्व प्रधान वैज्ञानिक डॉ वी के तिवारी ने प्रशिक्षण के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि प्रधान मंत्री मत्स्य संपदा योजना सहित राज्य सरकार की अनेक योजनाओं के माध्यम से मत्स्य पालन के विभिन्न क्षेत्रों में स्वरोजगार को बढ़ावा दिया जा रहा है। प्रदेश में बढ़ते मछली पालन की दृष्टि से हमेशा क्वालिटी फिश सीड की मांग रहती है अतः हेचरी प्रबंध और बीज उत्पादन से प्रशिक्षित युवाओं को रोजगार मिल सकता है। विशिष्ट अतिथि महाराणा प्रताप एवं प्रौधोगिकी विश्वविधालय के आई डी बी प्रभारी एवं निदेशक मॉनिटरिंग एंड प्लानिंग डॉ महेश कोठारी ने सभी 25 सफल प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए। उन्होने विद्यार्थियो को अपना ध्येय निश्चित करने, उच्च स्तरीय संस्थानों में आगे के अध्ययन की तैयारी करने और अपनी विधा में और प्रखरता लाने के लिऐ आई डी बी के अन्तर्गत प्रदत्त प्रशिक्षणों का लाभ उठाने की बात कही। विशिष्ट अतिथि डॉ सुबोध शर्मा, पूर्व अधिष्ठाता ने प्रतिभागियों को सकारात्मक विचार धारा के उद्यमियों से जुड़ कर मत्स्य उत्पादन उद्यम स्थापित करने की बात कही।  कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ बी के शर्मा, अधिष्ठाता मात्स्यकी महाविध्यालय ने विद्यार्थियो को विषय की गंभीरता और प्रयोगात्मक उपयोगिता की अपार संभावनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होने कहा कि इस प्रकार के प्रायोगिक प्रशिक्षण से विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास संभव है। 
सह प्राध्यापक एवं आयोजन सचिव डॉ. एम एल ओझा ने बताया कि इस प्रशिक्षण में सी आई एफ ई के  प्रधान वैज्ञानिक डॉ. वी के तिवारी, डॉ अतुल जैन एवं पूर्व अधिष्ठाता मात्स्यकी डॉ एल एल शर्मा  ने अपने विस्तृत व्याख्यानों से प्रतिभागियों को अनेक जानकारियां उपलब्ध करवाई साथ ही मत्स्य अनुसंघान एवं बीज उत्पादन इकाई पर सम्बंधित तकनीकों के अभ्यास सत्रों का आयोजन किया गया, विद्यार्थियो को कॉमन कार्प के प्रजनन एवम हेचरी प्रबन्ध पर प्रायोगिक कार्य में दक्षता प्रदान की गईं। छात्रा कांता और रोहित ने प्रशिक्षण के अपने अनुभव साझा किए।


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