राज्य का प्रथम सिलिकोसिस जागरूकता एवं संवाद कार्यक्रम जिले में आयोजित

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Published on : 08 Feb, 23 11:02

राज्य का प्रथम सिलिकोसिस जागरूकता एवं संवाद कार्यक्रम जिले में आयोजित

भीलवाड़ा । माननीय मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत द्वारा चिंतन शिविर में सिलिकोसिस बीमारी से बचाव के लिए समस्त उपाय सुनिश्चित करने के दिशा-निर्देशों एवं तत्पश्चात् अतिरिक्त मुख्य सचिव(खान) श्री सुबोध अग्रवाल के दिशा-निर्देशों की क्रियान्विति सुनिश्चित करने के क्रम में दिये गये निर्देशानुसार निदेशालय खान एवं भू विज्ञान विभाग, उदयपुर व जिला प्रशासन भीलवाड़ा के संयुक्त तŸवाधान में राज्य में प्रथम बार भीलवाड़ा जिले में खनन से जुड़़े पट्टाधारियो एवं खनिज आधारित उद्योग के प्रतिनिधियों के साथ सिलिकोसिस जागरूकता एवं संवाद कार्यक्रम का आयोजन मंगलवार को जिला कलेक्ट्रेट सभागार में किया गया।

संवाद कार्यक्रम में खान एवं भू विज्ञान विभाग निदेशक श्री संदेश नायक एवं जिला कलक्टर श्री आशीष मोदी द्वारा संबंधित विभागीय अधिकारियों एवं उद्यमियों को सिलिकोसिस बीमारी से बचाव के लिए आधुनिक तकनीक, सुरक्षा उपकरणों, वेट ड्रिलिंग का उपयोग किये जाने के संबंध में निर्देशित किया गया।

कार्यक्रम में जिला क्षय अधिकारी श्री प्रदीप कटारिया ने सिलिकोसिस बीमारी के कारण एवं बचाव के संबंध में विस्तृत प्रस्तुतिकरण दिया एवं बताया कि सिलिकोसिस लाईलाज बीमारी है, जिसका बचाव डस्ट मास्क का उपयोग करने, वेट ड्रिलिंग का प्रयोग करने, खनन उद्योग में धूल कणों को हवा में उड़ने से बचाव करने से हो सकता हैं।

संवाद कार्यक्रम में अधीक्षण खनि अभियंता, वृŸा भीलवाड़ा श्री ए.के नन्दवाना ने अवगत करवाया गया कि वर्तमान में ग्रेनाईट और सैंड स्टॉन के खनन में आधुनिक तकनीक का उपयोग करते हुए वायर-सा का उपयोग किया जा रहा है जिसमें कटिंग के दौरान पानी का उपयोग होने से धूल उड़ने की समस्या कम हो जाती है। इसके अतिरिक्त बिजौलिया खनन क्षेत्र में जहां मानवीय श्रम से कार्य होते हैं, वहां पर धूल की मात्रा कम करने हेतु मोडिफाइड टाँकी दी गई है। खनन आधारित उद्योग के प्रतिनिधि श्री शेषकरण ने बताया कि वर्तमान में उद्योगों में डस्ट को हवा में उड़ने से रोकने के लिए डस्ट कलेक्टर आदि का उपयोग किया जाने लगा एवं बैल्ट कन्वेयर आदि को टीन शेड से कवर किया जा रहा है।

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग शासन सचिव श्री समित शर्मा, निदेशक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, चिकित्सा विभाग के नोडल अधिकारी डॉ. सिसोदिया ने भी, विडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से संवाद कार्यक्रम में जुड़कर अपने विचार प्रकट किये। शासन सचिव श्री शर्मा ने कहा कि जिस प्रकार कोरोना काल में भीलवाड़ा द्वारा बचाव हेतु आदर्श मॉडल प्रस्तुत किया गया था, उसी तर्ज पर सिलिकोसिस बीमारी से बचाव के लिए एक आदर्श मॉडल के रूप में आगे आना चाहिये। आधुनिक तकनीक एवं वैज्ञानिक तरीके अपनाकर इस तरह खनन कार्य किया जाना चाहिये कि हवा में धूल मिट्टी के कणों का फैलाव न्यूनतम रहे, साथ ही उनके द्वारा जिले में खनन एवं खनिज आधारित उद्योग से संबंधित हॉटस्पॉट को चिन्हित किये जाने एवं स्थापित इकाइयों जैसे कि खदानों, क्रेशर, फैक्ट्रियों का निरीक्षण कर नियमानुसार कार्यवाही करने, उनसे सिलिकोसिस बचाव के उपायों की पालना करवाये जाने के दिशा-निर्देश प्रदान किये गये।

 जिला कलक्टर श्री मोदी ने उक्त चिन्ह्किरण कार्य 28 फरवरी तक पूर्ण किये जाने एवं माह अप्रैल तक एक्शन प्लान राज्य सरकार को प्रेषित किये जाने का आश्वासन दिये।
बैठक में, अतिरिक्त निदेशक खान(पर्यावरण एवं विकास) श्री पी. आर. आमेटा, अतिरिक्त निदेशक खान मुख्यालय, उदयपुर जे.के. गुरूबक्क्षाणी, जिले के खान विभाग के समस्त अधिकारीग, उद्योग विभाग, प्रदूषण विभाग, श्रम विभाग के अधिकारी उपस्थित रहें।


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