राज्य महिला आयोग ने जनसुनवाई में सुनी महिलाओं की समस्याएं

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Published on : 07 Feb, 23 09:02

महिला उत्पीडन के मामलो में त्वरित कार्यवाही करे- अध्यक्ष रियाज

राज्य महिला आयोग ने जनसुनवाई में सुनी महिलाओं की समस्याएं

जैसलमेर, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती रेहाना रियाज चिश्ती ने महिला उत्पीडन के मामलों में अधिकारियों को त्वरित कार्यवाही करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि महिला अधिकारों की रक्षा के लिए उनमें जागरूकता होना अत्यावश्यक है, महिलाएं शिक्षित होकर न केवल अपने अधिकारों की रक्षा कर सकती है अपितु अपने परिवार का भी बेहतर संरक्षण कर सकती है। उन्होंने कहा कि महिला अधिकारों की जागरूकता एवं महिला उत्पीड़न के मामलों की जानकारी के लिए आयोग स्वयं सभी जिलो में जा रहा है तथा वहां की विशेष परिस्थितियों का अध्ययन कर तदनूरूप रणनीति बना रहा है। उन्होंने कहा कि आयोग के समक्ष आने वाले प्रकरणों का समयबद्ध रूप से निस्तारण किया जाएगा।

आयोग की अध्यक्ष रियाज मंगलवार को जिला कलक्ट्री परिसर स्थित डीआरडीए सभागार में महिला जनसुनवाई कर रही थी। जनसुनवाई में आयोग की सदस्य श्रीमती अंजना मेघवाल, अतिरिक्त जिला कलक्टर गोपाललाल स्वर्णकार, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमृत जीनगर, अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी रणजीत सिंह, आयोग की सदस्य सचिव मीनाक्षी मीना, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सत्येन्द्रपाल सिह, उप सचिव कमल किशोर यादव, उपनिदेशक महिला अधिकारिता अशोक कुमार गोयल के साथ ही जिला स्तरीय अधिकारी एवं महिलाएं उपस्थित रही।

महिला उत्पीड़न के मामलों में त्वरित हो कार्यवाही

इस अवसर पर श्रीमती रियाज ने कहा कि पुलिस के समक्ष जैसे ही कोई महिला फरियाद लेकर आती है तो उसे तुरन्त राहत प्रदान करते हुए आरोपियों के विरूद्ध कडी तथा त्वरित कार्यवाही कीे जरूरत है ताकि समाज में महिला अत्याचार की रोकथाम का सन्देश जाए। उन्होने कहा कि महिलाएं उत्पीडन से राहत पाने के लिए घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम 2005 का सहारा लेकर बिना धन खर्च किए न्याय प्राप्त करे। उन्होंने इस अधिनियम का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करने पर भी जोर दिया ताकि प्रताडित महिलाएं इस अधिनियम के तहत संरक्षण प्राप्त कर सके।

महिला डेस्क के माध्यम से महिलाओं को कानूनों की दे जानकारी

उन्होंने पुलिस अधिकारियों से कहा कि वे थानों में महिला डेस्क के माध्यम से महिलाओ से संबंधित कानूनों का अधिक से अधिक प्रचार प्रसार करे ताकि इसका पीडित महिलाएं अधिक उपयोग कर सके।

महिलाएं शिक्षित होकर बनें सशक्त

आयोग की अध्यक्ष ने महिलाओं से आह्वान किया है कि वे घरेलू हिंसा को सहन नही करे एवं प्रताडित होने पर महिला आयोग में मामला दर्ज करावे। उन्होंने महिलाओं को शिक्षित होकर अधिक सशक्त बनने की सीख दी। उन्होंने पुलिस अधिकारियों से कहा कि वे महिला उत्पीडन के मामलों को गम्भीरता से लेकर उसमें समय पर राहत दिलाये।

प्राथमिकता से करें महिलाओं के मामलों में कार्यवाही

उन्होंने अधिकारियों को भी निर्देश दिए कि वे महिलाओं के उत्पीड़न के मामलों में जो भी परिवाद उनके पास आते है तो वे उनके स्तर से कार्यवाही होने योग्य हो, उनका तत्परता से निस्तारण करे। उन्होंने यह भी कहा कि जो मामले जनसुनवाई में आए है, उसको गम्भीरता से लेते हुए इनका निस्तारण करे। उन्होंने यह भी कहा कि मामलों में जो कार्यवाही हुई है, उसका आयोग एक सप्ताह में रिपोर्ट मांगेगा।

गर्भवती महिलाओं की सामान्य डिलीवरी करावें चिकित्सक

उन्होंने कहा कि जैसलमेर में महिलाओं द्वारा यह जानकारी दी गई है कि जिला अस्पताल में गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिए गायनोलाॅजी चिकित्सकों द्वारा सामान्य डिलीवरी कराने के बजाय सर्जरी डिलीवरी करवाने के लिए बाध्य किया जाता है, जो बहुत है गलत है। उन्होंने इस सम्बन्ध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देश दिए कि वे ऐसे चिकित्सकों को पाबंद करे एवं यह हिदायत दें कि जरूरी होने पर ही सर्जरी के माध्यम से डिलीवरी करे। उन्होंने माह में होने वाली सामान्य एवं सर्जरी डिलीवरी की रिपोर्ट भी आयोग को प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।

बालिकाओं ने रखी मांग

आयोग के समक्ष ग्रामीण क्षेत्र की बालिकाओं ने कहा कि उनके गांव में आठवीं तक ही विद्यालय है एवं उन्हें आगे पढ़ने के लिए शहर में आना पड़ता है, इसलिए सरकार के माध्यम से उच्च माध्यमिक विद्यालय स्वीकृत करवाने एवं शहर में छात्रावास की सुविधा उपलब्ध करवाने के सम्बन्ध में व्यवस्था करावे। इस सम्बन्ध में आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि वे राज्य सरकार स्तर पर वार्ता कर आवश्यक कार्यवाही करवाएंगे।

आयोग की गतिविधियों की दी जानकारी, योजनाओं का उठाएं लाभ

आयोग की सदस्य श्रीमती अंजना मेघवाल ने भी महिला उत्पीडन के मामले में आयोग द्वारा की जाने वाली गतिविधियों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि महिलाओं के उत्थान के लिए राज्य सरकार अनेको योजनाएं चला रही है जिसका पूरा-पूरा लाभ महिलाएं जागृत होकर उठाएं।

इससे पूर्व अतिरिक्त जिला कलक्टर स्वर्णकार ने आयोग के समक्ष प्रस्तुत महिलाओ को परिवेदनाओं पर संबंधित अधिकारियों से पूरी जानकारी ली और आयोग से प्राप्त निर्देशों के अनुरूप कार्यवाही को कहा।

जनसुनवाई के दौरान प्रस्तुत कुल 26 प्रकरणों में आयोग ने प्रकरणवार महिला अत्याचार के मामलों की पीडितों की व्यक्तिगत सुनवाई की तथा आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए।

महिला सुरक्षा सलाहकार केन्द्र का किया निरीक्षण

आयोग की अध्यक्ष रियाज एवं सदस्य अंजना मेघवाल ने महिला पुलिस थाने में संचालित महिला सुरक्षा सलाहकार केन्द्र का निरीक्षण किया एवं महिलाओं के उत्पीड़न के मामलों में केन्द्र द्वारा की गई गतिविधियों की जानकारी ली।


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