राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय कोटा में तीन से चार फ़रवरी तक अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ़्रेन्स का आयोजन

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Published on : 06 Feb, 23 06:02

शोध और अनुसंधान के विकास का मार्ग प्रशस्त करती हैं अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ़्रेन्स : कुलपति, प्रो. एस के सिंह

राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय कोटा में तीन से चार फ़रवरी तक अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ़्रेन्स का आयोजन

कोटा, 0राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय कोटा में तीन से चार फ़रवरी तक अंतरराष्ट्रीय स्तर की कॉन्फ़्रेन्स आयोजित की जा रही है| इस कॉन्फ़्रेन्स का नाम एडवांनसेज इन पावर जनरेशन, रिन्युअल एनर्जी एंड सस्टेनेबल डेवलपमेंट (ऐ.पी.जी.आर.ई.एस.) रखा गया है! राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय में इस कॉन्फ़्रेन्स का अयोजन इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय स्तर पर करवाया जा रहा है।इस अंतरराष्ट्रीय  कॉन्फ़्रेन्स में देश-विदेश के लगभग 120 शोधार्थी अपने शोध पत्र का वाचन करेंगे ।

राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति महोदय प्रो. एस के सिंह जी ने बताया कि तीन फ़रवरी को कॉन्फ़्रेन्स के उद्घाटन सत्र में एनआईटी श्रीनगर के निदेशक प्रोफ़ेसर राकेश सहगल मुख्य अतिथि के रूप में भाग ले रहे हैं। इन्ही के साथ इस अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ़्रेन्स में पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज, चंडीगढ़ से प्रो. आर. एस. वालिया एवं आईआईटी दिल्ली के पूर्व प्रो. एस. सी. कौशिक मुख्य वक्ता के रूप में अपना व्याख्यान देंगे । इस अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ़्रेन्स में कजाकिस्तान से प्रो. पी. के. जामवाल, मलेशिया से प्रो. ए. के. पांडे, सऊदी अरब से प्रो. अब्दुल ख़ालिक़, कनाडा से प्रो. एम.वी. रेड्डी व्याख्यान देंगे। पूरी कॉन्फ़्रेन्स 12 सत्रों में दो दिन में पूर्ण होगी। इन 12 सत्रों को समानांतर सत्र के रूप में चलाया जाएगा । 

दिल्ली तकनीकी विश्वविधालय से प्रो. के. मुर्तज़ा, शिव नादर विश्वविधालय नोएडा से प्रो. हरेंद्र , वाई.एम.सी.ए. फरीदाबाद से प्रो राजकुमार, अमिटी यूनिवर्सिटी नोएडा से प्रो. आर. के. तोमर,  राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय, कोटा से प्रो. डी.के. पलवलिया एवं प्रो. दिनेश बिड़ला, प्रो. पी. के. अग्रवाल, प्रो. एस. के. राठौर , प्रो. एस.के. पराशर, प्रो. के.एस.ग्रोवर एमएनआईटी जयपुर से प्रो. दिलीप शर्मा, एमएएनआईटी भोपाल से प्रो. एस.पी.एस.राजपूत, एमएनआईटी जयपुर से डॉ. नरेश रघुवंशी, डॉक्टर एम. एल. मीणा सेशन चेयर के रूप में भाग लेंगे। साथ ही को- सेशन चेयर के रूप में मिनिस्ट्री ऑफ़ न्यू एवं रेनूअबल एनर्जी से इंज. राहुल रावत और इंज. आर.एस. मीना भाग लेंगे, इनके साथ ही पारुल यूनिवर्सिटी से डॉ. अदिति शर्मा, अमिटी यूनिवर्सिटी से प्रो.एस. के. जैन, महाराणा प्रताप यूनिवर्सिटी उदयपुर से  प्रो. बि. एल. सालवी, एमबीएम विश्वविद्यालय जोधपुर से प्रो. पी. एम. मीना तथा कोटाविश्वविधालय  से डॉ घनश्याम शर्मा, बिटीआरआईटी सागर से डॉ. वीरेश फुसकेले एवं राजकीय कॉलेज राजगढ़ अलवर से डॉ. अशोक कुमार काकोरिया भाग लेंगे ।

दोनों दिन इस कॉन्फ़्रेन्स में पॉवर जनरेशन के क्षेत्र में नवीन इनोवेशन के लिए एवं रिन्युअल इनर्जी में और सतत विकास के बारे में चर्चा होगी। इस कॉन्फ़्रेन्स में इलेक्ट्रिकल, मकैनिकल सिविल, कंप्यूटर, इलेक्ट्रॉनिक एवं संचार इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण एवं कंट्रोल, वास्तुकला योजना, केमिकल कैमिस्ट्री एवं अन्य सभी सम्बंधित विषयों पर चर्चा होगी।
इसके साथ ही कॉन्फ़्रेन्स में  प्रकाशित शोध पत्र में से किसी एक  शोध पत्र को श्रेष्ठ शोध पत्र का पुरस्कार दिया जाएगा । सभी शोध पत्रों की दो विषय विशेषज्ञों से समीक्षा करवाई गई है। जिस विषय विशेषज्ञ ने सबसे ज्यादा शोध पत्रों की अच्छे से समीक्षा की है उन्हे श्रेष्ठ समीक्षक का पुरस्कार मिलेगा । ऊर्जा के क्षेत्र में राज्य सरकार एवं केन्द्र सरकार सतत् प्रयास हेतू प्ररित कर रही हैं! हमारे देश की इस शेत्र की योजनाओं से आम आदमी को बहुत अधिक फ़ायदा होने वाला है । इसका उदाहरण आज की इस बढ़ती हुई गैस की क़ीमतों को को देखते हुए भी हमारा बिजली का ख़र्च प्रति यूनिट लगभग पुराने जैसा ही है । सोलर ऊर्जा, फोटोवोल्टिक, पी.वी. प्रणाली, ए बी एस सिस्टम विंडोज ऊर्जा की ऊर्जा बचत में बड़ा योगदान है, भविष्य में वैकल्पिक ऊर्जा से और आगे भी बिजली उत्पादन के रूप में काम में लेने की बहुत ज़्यादा ज़रूरत है और और वैकल्पिक ऊर्जा को ज़्यादा से ज़्यादा मानवीय विकास के लिए संसाधन के रूप में काम में लेना चाहिए। विश्व के ज़्यादातर ऊर्जा ख़र्च के घरों में एवं उद्योगों में ख़र्च होती है उसमें हम घरों में ऐक्टिव कूलिंग मोड़ के लिए भी सूर्य की ऊर्जा का उपयोग कर सकते हैं घर में वेंटिलेशन के लिए हम सूर्य ऊर्जा का उपयोग कर सकते हैं । 
डीन फ़ैकल्टी अफ़्फ़ेयर्स प्रोफ़ेसर ए. के. द्विवेदी ने बताया कि इस कॉन्फ़्रेन्स में कन्वेयर के रूप में प्रो. डॉ. शिवलाल एवं प्रो. डॉ. शांतिलाल काम कर रहे है। डॉ. के. बी. राणा, डॉ. एम.एल. मीना, डॉ. ओ. एस. प्रजापति कोर्डिनेटर के रूप में कार्य कर रहे है । 
मैकेनिकल विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफ़ेसर ए. के. चतुर्वेदी ने बताया की इस कॉन्फ़्रेन्स का आयोजन करना हमारे विश्वविधालय के लिए बड़े ही गर्व और सौभाग्य की बात है जिससे रीसर्च के और नए-नए क्षेत्रों के बारे जानकारी मिल सकेगी ।


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