पेसिफिक मेडिकल विश्वविधालय का दीक्षान्त समारोह

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Published on : 05 Feb, 23 08:02

27 प्रतिभावान विधार्थीयों को स्वर्ण पदकों के साथ 700 छात्र् एवं छात्रओं को मिली उपाधियॉ

पेसिफिक मेडिकल विश्वविधालय का दीक्षान्त समारोह

उदयपुर,  पेसिफिक मेडिकल विश्वविधालय का दीक्षांत समारोह शनिवार को विश्वविधालय परिसर में आयोजित हुआ। कुलाधिपति राहुल अग्रवाल एवं मुख्य अतिथि उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति जितेन्द्र कुमार माहेश्वरी ने 40 विधार्थीयों को स्वर्ण, रजत एवं कांस्य पदको सहित और 700 छात्र् एवं छात्रओं को डिग्रियों का वितरण किया।


दीक्षांत समारोह की शुरुआत कुलाधिपति राहुल अग्रवाल के नेतृत्व में सभी डीन डायरेक्टर एवं विभाग अध्यक्षों का अकादमिक प्रोसेशन निकालने से हु*। इसके बाद विश्वविधालय परिसर में मेडल एवं डिग्रियों का वितरण किया गया।

इस अवसर पर कुलाधिपति राहुल अग्रवाल ने कहा कि पेसिफिक मडिकल विश्वविधालय के शिक्षकों से मेरी अपेक्षा है कि वे पहले स्वयं में आत्मसात करें फिर अपना ज्ञान विद्या*थयों को बांटे साथ ही विज्ञान और तकनीक के इस युग में सूचना प्रौद्योगिकी का अधिक से अधिक इस्तेमाल करे जिससे विधार्थीयों को हर दिन कुछ नया सीखने को मिले।

अग्रवाल नें कहा कि हमें ऐसे शैक्षिक म*डल तैयार करने होंगे जो न* शिक्षा नीति की प्राथमिकताओं को पूरा करें।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश जितेन्द्र कुमार माहेश्वरी ने कहा कि चिकित्सक को हमेशा खुश रहना चाहिए क्यों कि चिकित्सक की मुस्कान गंभीर से गंभीर बीमारी के मरीज को बीमारी से लडने की शक्ति देता है। इसलिए हमेशा चिकित्सक को किसी भी स्थिति में मरीज का जीवन को बचाने के लिए अपना सौ फीसदी योगदान देंना चाहिए,क्यो कि ड*क्टर को भगवान के रूप में माना गया।

इस दौरान विशिष्ठ अतिथि यूनेस्को के एशिया पेसिफिक क्षेत्रीय शांति व सतत् विकासार्थ महात्मा गांधी संस्थान के अध्यक्ष प्रो. भगवती प्रकाश शर्मा ने पेसिफिक विश्वविद्यालय समूह द्वारा, भावी पीढी के चिकित्सा अनुसंधानों की आवश्यकता पर बल देते हुए बताया कि पेसिफिक विश्वविद्यालय समूह दीर्घकालिक मल्टीसेन्ट्रिक अनुसंधानों की दिशा में आगे बढ रहा है। इसके उत्तरप्रदेश के गवर्नमेंट लिए इंस्टीट्यूट अ*फ मेडिकल साइंसेज और यथार्थ चिकित्सालय समूह के साथ अनुबंध पत्र् हस्ताक्षरित किए जा चुके हैं। महाराष्ट्र व गुजरात के मेडिकल संस्थानों साथ साझे अनुसंधान के लिए भी बातचीत जारी है।

पेसिफिक मेडिकल विश्वविद्यालय के भावी अनुसंधानों की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए प्रोफेसर शर्मा ने बताया कि साझे अनुसंधानों के इन अनुबंधों के अन्तर्गत पेसिफिक मेडिकल विश्वविद्यालय अन्य लम्बी अवधि के चिकित्सा अनुसंधान करेगा इन अनुसंधानों के अन्तर्गत विश्वविद्यालय खाद्य आनुवांशिकी एवं रोग जनन“ जैसे उमरते विषयों और मालिक्यूलर मेडिसिन, जोनोमिक्स व जिनोमिक इंजिनियऋृरग जैसे विषयों पर साझे अनुसंधान करेगा।

प्रो.शर्मा नयी पीढी की रोग निदान तकनीकों व चिकित्सा संबंधी अनुसंधानों को बढावा दिये जाने पर ही भारत चिकित्सा विज्ञान में अपना अग्रणी स्थान बना सकेगा। इसलिए विश्वविद्यालय चिकित्सा के क्षेत्र् में आ*टफिशियल इन्टेलिजेन्स 3डी ऋृप्रऋृटग व न्यूरल सेन्सर्स जैसे नवीन- क्षेत्र् में अनुसंधान के साथ ही पेसिफिक विश्वविद्यालय इन तकनीकों का अध्यापन में मी उपयोग करने की दिशा में आगे बढ रहा है।

दीक्षांत समारोह की शुरुआत में विश्वविद्यालय के उफलपति (प्रसिडेन्ट) ड*. ए.पी. गुप्ता ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए विश्वविद्यालय की साल भर की गतिविधियों एवं उपलब्धियों की जानकारी दी। साथ ही उन्होने कहा कि मेहनत का परिणाम कभी तत्काल नहलृ मिलता। उसके लिए बहुत सारे धैर्य की आवश्यकता होती है। इसलिए युवा वर्ग अपना लक्ष्य निर्धारित करें और उसी पर अपना ध्यान केंद्रित करें तो सफलता निश्चित मिलेगी।

संस्थान की वाइस चेयरमेन प्रीति अग्रवाल ने सभी पधारे अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।

दीक्षांत समारोह में लगभग 3000 मेहमानों के साथ साथ विशिष्ठ अतिथि एस्ट्रोलॉजर एवं कॉउन्सलर डॉ.अरविन्द द्विवेदी,न्यायधीश इन्द्रप्रीत सिंह जोश,केशव कौशिक,मि.डागा,मोहित माधव,शैलेश भट्ट,वीरेन्द्र जसुजा, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के शान्तनू गुप्ता,आयकर आयुक्त मुम्बई अमित कुमार सोनी,आयुक्त योगेश पंचोली,माईक्रोसॉफ्ट के अखिलेश कुमार द्विवेदी,डीआईजी भ्रष्टाचार निरोधक ब्यरोए उदयपुर राजेन्द्र प्रसाद गोयल,पेसिफिक ग्रुप्र के चेयरमेन बी.आर.अग्रवाल,संयोजक शरद कोठारी,रजिस्ट्रार देवेन्द्र सिंह सांरगदेवोत सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहें।

इस दौरान गत वर्षों में उत्*ष्ट प्रदर्शन करने एमबीबीएस क तीन विधार्थीयो को स्वर्ण वही एम.एस.सी मेडिकल के चार विधार्थीयो का स्वर्ण पदक,डेन्टल में तीन स्वर्ण,नर्सिग के स्नातक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में 11 स्वर्ण तथा फिजियोथैरेपी के स्नातक एवं स्नातकोत्तर के विधार्थीयों को छह स्वर्ण पदक प्रदान किए गए।


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