उदयपुर। जगत जैन मंदिर में प्रवासरत मुनि सुधींद्र सागर महाराज के दस लक्षण पर्व चलते आज नवें उपवास के उपलक्ष में कल्याण मंदिर विधान महा अर्चना संपन्न हुई
चतुर्थ पट्टाधीश 108 आचार्य श्री सुनील सागर जी के सुशिष्य मुनि श्री 108 सुधींद्र सागर मुनि श्री 108 शुद्ध सागर जी के सानिध्य में पार्श्व नाथ भगवान का अभिषेक महा शांति धारा और कल्याण मंदिर विधान पूजा अर्चना कर विश्व शांति महा यज्ञ किया कर पूर्ण आहुति दी गई जिसमें सभी श्रावक महिला पुरुष ने हर्षोल्लास के साथ भाग लिया
मुनि श्री ने कहा कि मंदिर में दीप धूप हवन से पूजन करना चाहिए क्योंकि इससे आसपास प्रदूषण खत्म हो कर पर्यावरण शुद्ध होता है तीन प्रकार का प्रदूषण पहला डीजल पेट्रोल फेक्ट्री केमिकल रासायनिक का प्रदूषण दूसरा लड़ाई जगड़े गालियां इनकी अशुभ वरगणा दीप धूप हवन कार्य से खत्म होता है इसका उपाय विज्ञान के पास में भी नही है अध्यात्म धर्म में दीप धूप हवन इसका उपाय है। तीसरा प्रदूषण प्लास्टिक से फैलने वाला इसका उपाय विज्ञान और अध्यात्म किसी के पास नही है इसका उपाय यही है प्लास्टिक का उपयोग बंद करो इसे जड़ मूल से खत्म करों।