जैसलमेर विधायक एवं जिला कलक्टर ने सोनार दुर्ग से शोभायात्रा को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

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Published on : 03 Feb, 23 11:02

मनोहारी शोभा यात्रा ने कराया मरु संस्कृति और अनूठी परम्पराओं का दिग्दर्शन

जैसलमेर विधायक एवं जिला कलक्टर ने सोनार दुर्ग से शोभायात्रा को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

जैसलमेर/ जग विख्यात चार दिवसीय मरू महोत्सव के दौरान शुक्रवार को सोनार दुर्ग से मरू संस्कृति की झलक को दृश्यावलोकन करती हुई भव्य शोभायात्रा का आयोजन हुआ।

शोभायात्रा को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

सोनार दुर्ग की अखे प्रोल से जैसलमेर विधायक रूपाराम धनदे व जिला कलक्टर टीना डाबी ने हरी झंडी दिखा कर लोक संस्कृति और परंपराओं को प्रतिदर्श भव्य शोभा यात्रा का आगाज किया। इस मौके पर अतिरिक्त जिला कलक्टर गोपाललाल स्वर्णकार, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमृत जीनगर, राज्य महिला आयोग की सदस्य श्रीमती अंजना मेघवाल, उपखण्ड अधिकारी जगदीश सिंह आशिया, आयुक्त लजपाल सिंह सोढ़ा, पुलिस उप अधीक्षक प्रियंका कुमावत, तहसीलदार निरभाराम कोडेचा, पर्यटन विभाग के सहायक निदेशक कृष्ण कुमार, पर्यटन व्यवसायी मयंक भाटिया सहित जनप्रतिनिधिगण, अधिकारीगण, विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधि, शहर के गणमान्य नागरिक एवं देशी-विदेशी सैलानी उपस्थित थे।

मरू लोक संस्कृति से ओत-प्रोत रही शोभायात्रा

मरु महोत्सव के अन्तर्गत शुक्रवार को सोनार दुर्ग से पूनमसिंह स्टेडियम तक निकली मनोहारी शोभायात्रा ने जैसलमेर के बाशिन्दों से लेकर देशी-विदेशी पर्यटकों को मरु लोक संस्कृति से रूबरू कराया। मुख्य बाजार से होती हुई निकली शोभायात्रा का नगर वासियों ने अपने घरों की छतों पर बैठ कर पुष्प वर्षा कर हार्दिक स्वागत किया एवं महोत्सव को उत्सव के रूप में लिया। शोभायात्रा की झलक पाने मार्ग के दोनों तरफ तथा भवनों की छतों पर सैलाब उमड़ पड़ा।

सीमा सुरक्षा बल के सजे-धजे ऊँट व उन पर बैठे बांके जवान आकर्षण का केन्द्र रहे

 बीएसएफ के सजे-धजे ऊंट व इन पर सवार बीएसएफ के जांबाज, केमल माउण्टेन बैंड वादकों का समूह, मंगलकलश लिए बालिकाएं, लोक कलाकारों का कारवां दुर्ग से निकल कर मुख्य मार्ग से होता हुआ शहीद पूनमसिंह स्टेडियम पहुंच कर शानदार समारोह में परिवर्तित हुआ। शोभायात्रा का सर्वाधिक आकर्षण का केन्द्र सीमा सुरक्षा बल के उपसमादेष्टा मनोहर सिंह शेखावत के नेतृत्व में शाही पोषाक मंे अपने हाथों में भाले लिए हुए बांके जवान, सजे-धजे ऊँटों पर सर्वाधिक आकर्षण का केन्द्र रहे एवं देशी-विदेशी सैलानियों ने इस दृश्य को अपने कैमरों में कैद किया।

शोभायात्रा में श्रृंगारित ऊँटों पर सवार रौबीले मरु श्री एवं इस प्रतियोगिता के प्रतिभागी, मिस ऊँटों एवं ऊँट गाड़ों पर सवार पारंपरिक वेशभूषा में सुसज्जित मिस मूमल एवं महेन्दा के प्रतियोगी और विभिन्न झांकियां आकर्षण का केन्द्र रहीं। लोक कलाकारों के कई जत्थों ने रास्ते भर लोक नृत्यों और लोक वाद्यों से लय-ताल की धूम मचाते हुए मरु संस्कृति और राजस्थानी परंपराओं का दिग्दर्शन कराया।

लोक कलाकारों ने मचाई लोक संस्कृति की धूम

शोभायात्रा में सबसे आगे बास्केटबॉल अकादमी के छात्र अपने हाथों में पर्यटन विभाग का लोगो सहित बैनर लिए हुए थे, वहीं मस्कवादन कलाकारो ने मस्क के माध्यम से राजस्थानी लोक गीतों की मधुर स्वरियां पेश कर सभी को मोहित किया, यहीं नहीं इस पर कई महिला पर्यटकों ने उत्साह के साथ नृत्य भी किया। इसके साथ ही रंगी-बिरंगी पोशाकों में सजी-धजी बालिकाएं अपने सिर पर मंगल कलश धारण किए हुए शोभायात्रा की शोभा बढ़ा रही थी, वहीं आंगीगैर द्वारा शानदार नृत्य पेश किया गया। इसके साथ ही लोक कलाकरों द्वारा कच्छी घोड़ी नृत्य पेश कर पूरे माहौल को संगीत से सरोबार कर दिया। मूमल-महिन्द्रा की झांकी भी ऊँट गाडो पर अतिसुन्दर लग रही थी।

शहर में हुआ भव्य स्वागत

शहर की हृदय स्थली गोपा चौक से होती हुई यह यात्रा मुख्य बाजार, जिंदानी चौक, सदर बाजार, गांधी चौक, होते हुए हनुमान चौराहा से निकल कर शहीद पूनमसिंह स्टेडियम पहुंची। शहर वासियों ने कतारें लगाकर शोभायात्रा का लुत्फ उठाया वहीं पुष्पवर्षा कर विभिन्न प्रतियोगिताओं के संभागियों का हार्दिक अभिनंदन एवं स्वागत के साथ ही हौसला अफजाई की।

शोभायात्रा में देश के विभिन्न हिस्सों से आए लोक कलाकार अपने क्षेत्र की संस्कृति एवं नाच-गान प्रस्तुत करते हुए चलते रहे।

विदेशी मेहमानों की रही भागीदारी, महोत्सव को लेकर दिखाई उत्साह

कोरोना के बाद मरू महोत्सव में इस बार विदेशी पर्यटकों की अच्छी भागीदारी रही। शोभायात्रा में विदेशी पर्यटक भी शामिल हुए एवं शोभायात्रा के सभी मनोहारी दृश्यों को अपनी चिरस्थायी याद के लिए कैमरो मंे कैद किया।


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