अमृत मंथन बजट से निकले कई अनमोल रत्न

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Published on : 02 Feb, 23 09:02

- गोपेन्द्र नाथ भट्ट -

अमृत मंथन बजट से निकले कई अनमोल रत्न

केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा लोकसभा में रखा गया वर्ष 2023-24 का आम बजट वोटरों कोलुभाने वाला और लोक लुभावनी घोषणाओं वाला बजट कहा जा सकता है। इस वर्ष के अंत तक होने वालेकरीब दस राज्यों के विधानसभा चुनावों और अगले वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को दृष्टिगत रखतेहुए वित्त मंत्री सीतारमण ने अपने बजट पिटारे से निकली घोषणाओं में आयकर में छूट की बहु प्रतीक्षित माँगको पूरा करने सहित समाज के हर वर्ग के लिए कुछ न कुछ तोहफ़ा देने का प्रयास किया है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बजट को देश को आगे बढ़ाने वाला,सबका साथ-सबका विकास तथा किसानों, जवानों, युवाओं,मिडिल क्लास सहित हर वर्ग का सपना पूरा करने वाला बताया है। हालाँकि प्रतिपक्षी दलों नेबजट की कुछ बातों को तों ठीक बताया है, लेकिन इसमें महँगाई को कम करने और बेरोज़गारी को दूर करने केगम्भीर और विशेष प्रयासों की झलक नही होने की बात कह कर इसकी आलोचना और  चिन्ता व्यक्त की  है।साथ ही इसे  चुनावी बजट की संज्ञा भी दी है।

निर्मला सीतारमण ने इस बार आम बजट में किसानों,महिलाओं, बुजुर्गों,मध्यम वर्ग, युवाओं,छोटे उध्यमियों केलिए विशेष घोषणाएँ की हैं । बजट में  रेल,सड़क शहरी विकास, नए एयरपोर्टस का निर्माण आदि पर ख़ास  फोकस किया गया हैं। उन्होंने बजट की सात प्राथमिकताओं ‘सप्तऋषि में समावेशी वृद्धि, हरित विकास, युवाशक्ति, वित्तीय क्षेत्र, अंतिम छोर तक पहुंच,बुनियादी ढांचे का विकास और क्षमताओं का पूरा इस्तेमाल आदिको शामिल किया हैं। साथ ही कहा  है कि 2023-24 में राजकोषीय घाटा  5.9 प्रतिशत रहने का अनुमान हैजिसे 2025-26 तक 4.5 प्रतिशत से नीचे लाने का प्रयास किया जाएगा।

वित्त मंत्री ने इस बजट को आजादी के अमृत काल का पहला बजट बताया  है। साथ ही कहा है कि  हमारीकल्पना भारत के समृद्ध और समावेशी विकास की हैं ताकि  विकास का लाभ सभी तक पहुंच सकें । उन्होंनेकहा कि भारत की आजादी के 75वें वर्ष में पूरी दुनिया ने यह भलीभांति स्वीकार कर लिया है कि भारतीयअर्थव्यवस्था एक ‘चमकता हुआ  सितारा है क्योंकि कोविड-19 और रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण वैश्विक स्तरपर व्यापक सुस्ती दर्ज किए जाने के बावजूद भारत की आर्थिक विकास दर 7 प्रतिशत रहने का अनुमान है।वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि विभिन्न चुनौतियों के बावजूद भारतीय अर्थव्वस्था सही रास्ते पर चलरही है इसलिए सारी दुनिया हमारी सराहना कर रही है। भारतीय अर्थव्यवस्था अब विश्व की 10वें नंबर सेपांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है । साथ ही देश में प्रति व्यक्ति आय भी बढ़कर दोगुनी हो गई  है ।

मोदी सरकार के कुल दसवें और उनके दूसरे कार्यकाल में सीतारमण द्वारा प्रस्तुत चौथें बजट की दस बड़ी बातोंमें कहा गया हैकि आम बजट 2023-24 को पिछले बजट की बुनियाद और 'इंडिया एट 100' के मसौदे परविकास के शिखर को पाने  की उम्मीद है। बजट की प्रमुख विशेषताओं में महिला सम्मान बचत पत्र की शुरुकरने की घोषणा मुख्य है, जिससे महिलाएं अपने बचत खातों में 2 साल तक दो लाख रु तक की राशि जमाकरा पाएंगी। यह योजना मार्च 2025 तक के लिए होगी । वरिष्ठ नागरिकों के लिए अधिकतम बचत सीमा 15 लाख से बढ़ा 30 लाख रु की गई है ।

इसके अतिरिक्त सभी अंत्योदय और प्राथमिकता प्राप्त परिवारों को एक साल तक मुफ्त खाद्यान्न उपलब्द्यहोगा । इस  योजना  पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत खर्च होने वाली लगभग दो लाख करोड़ रु कापूरा खर्च केंद्र सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। वित्त मंत्री ने बताया कि कोरोना महामारी के समय हमने 80 करोड़ गरीब लोगों को अनाज उपलब्ध कराकर यह सुनिश्चित किया था कि देश में कोई भूखा ना सोए।

अब सरकारी एजेसियां पेन  को भी पहचान पत्र मानेंगी। साथ ही  केवायसी प्रक्रिया को भी आसान बनाने कालक्ष्य रखा गया है।कृषि ऋण लक्ष्य को बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये किया गया है । साथ ही पीएम आवासयोजना के लिए आवंटन 66 प्रतिशत बढ़ाकर 79000 करोड़ रुपये किया गया है । इसके अलावा वित्त वर्ष 24 में पूंजी निवेश परिव्यय को 33 प्रतिशत से बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये किया जाएगा। बजट में ज्ञानआधारित अर्थव्यवस्था का लक्ष्य भी रखा गया  है।

बजट में कृषि ऋण लक्ष्य वित्त वर्ष 2023-24 के लिए बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रु किया है ताकि  पशु पालन, दुग्ध उद्योग और मछली पालन पर अधिक ध्यान दिया जा सके।बजट में परंपरागत हस्तशिल्प कारीगरों के लिए‘पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान' योजना शुरू करने की घोषणा की गई है।इसमें वित्तीय समर्थन के अलावाप्रौद्योगिकी मदद भी दी जाएगी। बजट में कहा गया है कि अंतर्राष्ट्रीय मिनेट्स वर्ष -23 में मोटे अनाजों को 'श्रीअन्न' का नाम देकर भारत को मोटे अनाजों  का ग्लोबल हब (वैश्विक केंद्र) बनाया जायेगा।

*वोटरों को लुभाने और लोक लुभावनी  घोषणाओं वाला आम बजट*

राजस्थान के सांसदों ने एक और जहाँ बजट को प्रगतिशील और विकासोन्मुखी बताते हुए कहा है कि मोदीसरकार ने आजादी का अमृत महोत्सव में प्रस्तुत अपने प्रथम  बजट में हर वर्ग


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