स्मार्ट गांव मदार मे ड्रोन द्वारा नैनो यूरिया छिड़काव का सजीव प्रदर्शन

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Published on : 28 Jan, 23 14:01

 स्मार्ट गांव मदार मे ड्रोन द्वारा नैनो यूरिया छिड़काव का सजीव प्रदर्शन

उदयपुर, महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय द्वारा स्मार्ट गांव मदार मे ड्रोन द्वारा नैनो यूरिया छिड़काव का सजीव प्रदर्शन आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. अजित कुमार कर्नाटक, माननीय कुलपति महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय उदयपुर ने बताया कि किसानों को हमेशा नई तकनीकियों को अपनाते रहना चाहिए। ड्रोन तकनीकी से फसलों पर कीटनाशी, खरपतवारनाशी, उर्वरको का छिड़काव आसानी से  कर सकते हैं जहां एक तरफ इससे समय एवं श्रम की बचत होती है वही पानी की भी बचत होती है। आपने ड्रोन द्वारा किसानो के खेतों पर लगे गेंहू  प्रदर्शन पर नैनो यूरिया छिड़काव का सजीव प्रदर्शन का अवलोकन किया।  इस मौके पर आपने किसानों से स्मार्ट गांव मे अपनाए जा रहे नवचारो कि प्रशंसा की एवं किसानों से आह्वान किया कि नवाचारों को अपने खेतों पर अधिक से अधिक उपयोग करें।


इस अवसर पर डॉ आर ए कौशिक, निदेशक प्रसार शिक्षा निदेशालय, उदयपुर ने  अतिथियों का स्वागत करते हुए बताया कि चयनित स्मार्ट गांव में कृषि में नए - नए  तकनीकी का प्रदर्शन करते रहते हैं। आपने फल एवं सब्जियों की उन्नत तकनीकी को अपनाने की सलाह दी  जिससे किसानों की आय में वृद्धि हो सके। इस अवसर पर डॉ पीके सिंह अधिष्ठाता सीटीएआई ने बताया कि  आई आई एफ एल फाउंडेशन मुंबई एवं ब्लू इन इंफिनिटी लैब्स के सहयोग से अनुसंधान एवं शैक्षणिक उद्देश्य हेतु 25 किलोग्राम क्षमता का ड्रोन विश्वविद्यालय को दिया गया है। इससे गेहूं की फसल पर पहली बार प्रयोग किया गया है। इस अवसर पर आर एस राठौड़,समन्वयक स्मार्ट विलेज, ने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा विगत वर्ष में किए गए कार्यों एवं विभिन्न गतिविधियां से अवगत करवाया। गेहूं की उन्नत किस्म एवं सब्जियों की गाजर, पालक, प्याज की उन्नत किस्मों के प्रदर्शन लगे हुए हैं। 

श्री प्रवीण लाम्बा, क्षेत्रीय अधिकारी इफको उदयपुर ने नैनो यूरिया का महत्व बताते हुए कहा कि नैनो यूरिया  2 से 4 ml  प्रति लीटर मिलाकर फसल की बुवाई से 35-‌40 दिन बाद छिड़काव से प्रयोग कर सकते हैं। नैनो यूरिया के 500 ml की बोतल सहकारी समिति पर ₹225 उपलब्ध है। जो कि एक एकड़  क्षेत्र में छिड़काव के लिए पर्याप्त है। इसकी उपयोग क्षमता 80-85 % पाई गई है। एवं इसके प्रयोग से 5-8 प्रतिशत उपज एवं गुणवत्ता मे वृद्धि पाई गई है।

 डॉ. विक्रमादित्य दवे सीटीएआई एवं उनके दल ने  ड्रोन का सफ़ल प्रदर्शन संपन्न किया। इससे पूर्व डॉ गायत्री तिवारी ने प्रोड शिक्षा का महत्व बताते हुए कहा कि आज के समय में इसकी वयस्क नागरिकों मे महती आवश्यकता है। इस अवसर पर उन्होंने कृषि साहित्य वितरित किया।इस मौके पर बी के शर्मा, अधिष्ठाता,  फिशरीज महाविद्यालय, डॉक्टर लतिका व्यास, प्रसार शिक्षा निदेशालय, श्री दौलत सिंह राठौड़, इफको किसान, फर्टिलाइजर डीलर प्रशिक्षणार्थियों व 125 किसान, एवं किसान महिलाओं ने भाग लिया।

 


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