सी टी ए ई में पोषक अनाज मूल्य संवर्धन पर पोस्टर प्रतियोगिता

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Published on : 25 Jan, 23 05:01

सी टी ए ई में पोषक अनाज मूल्य संवर्धन पर पोस्टर प्रतियोगिता

महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के संघटक प्रौद्योगिकी एवं अभियांत्रिकी महाविद्यालय में पोषक  अनाजो के मूल्य संवर्धन एवं प्रसंस्करण पर एक पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता का उद्धघाटन करते  हुए  महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. पी. के. सिंह ने पोषक अनाजो की महत्ता पर प्रकाश डाला और बताया की कभी पोषक अनाज यानी मिलेट्स हर आम हिंदुस्तानी  का मुख्य आहार हुआ करते थे । तब ज्वार, बाजरा या रागी की रोटी हर व्यक्ति की थाली में नजर आती थी और गेहू चावल कम ही खाया जाता था । उन्होंने छात्रो से आह्वान किया कि वे मोटे अनाजो के प्रसंस्करण एवं संसाधनों पर उद्योग लगाकर अपना स्वयं का व्यवसाय प्रारंभ करे । कार्यक्रम में छात्रो ने सभी प्रकार के पोषक अनाजो यथा रागी, बाजरा, कांगनी, सावा, सामा, ज्वार, जौ, कोड़ो, कुटकी आदि के प्रसंकरण एवं मूल्य संवर्धन तकनिकी को पोस्टर के माध्यम से दर्शाया और उनसे बनने वाले उत्पाद बनाने की विधि की जानकारी दी। प्रतियोगिता के जज के रूप में डॉ. रेनू मोगरा ने पोषक अनाजो में विद्यमान पोषक तत्वों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। प्रतियोगिता के दूसरे जज के रूप में डॉ. निकिता वधावन ने छात्रो को संबोधित करते उन्हें बताया की मोटे अनाजो में किस प्रकार पोषक तत्वों को बरकरार रखा जा सकता है। कार्यक्रम सचिव डॉ. संजय जैन ने बताया की प्रधान मंत्री ने २०२३ को अंतरराष्ट्रीय  पोषक वर्ष बनाने का आह्वान किया, जिसे विश्व के ७२ देशो ने अपना समर्थन दिया है । भारत मिलेट्स के उत्पादन और क्षेत्र कवरेज  दोनों में विश्व में प्रथम  स्थान पर है । दुनिया का 18 प्रतिशत मिलेट्स उत्पादन भारत में होता है । उन्होंने बताया की इस पूर्ण वर्ष में विभाग द्वारा प्रत्येक महिने में वादविवाद, पोस्टर, प्रश्नोत्तरी, कार्यशालाओ तथा संघोष्ठियों  के माध्यम से पोषक अनाजो के बारे में जागरूकता बढाई जाएगी । डॉ. महेश कोठारी, ने सरकार  की योजनाओं की जानकारी दी की किस प्रकार छात्र उद्यमी बनकर अपना स्वयं का व्यवसाय प्रारंभ कर सकते है । डॉ. एन के जैन ने धन्यवाद प्रस्तापित किया।


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