उदयपुर 6 जनवरी। सुप्रकाशमति माताजी के साथ चल रही संस्कार यात्रा का मंगलप्रवेश 11 जनवरी को बलीचा स्थित ध्यानोदय क्षेत्र में होगा।
सुप्रकाश ज्योति मंच के राष्ट्रीय संयोजक ओमप्रकाश गोदावत ने बताया कि संस्कार यात्रा का राजस्थान मंे बिछिवाड़ा पंहुचनें के साथ ही राजस्थान में इसका मंगल प्रवेश हुआ। जिला राष्ट्र संत उपसर्ग विजेता गुरु माँ गणिनि आर्यिका 105श्री सुप्रकाशमति माताजी सहित 5 जैन साध्वी करीब सैकड़ों युवाओं को संस्कारयुक्त बनाते हुए, देश में अपराधिक घटनाआंे में कमी लाने के उद्देश्य से पद विहार करते हुए अब तक से 75000 हजार किलोमीटर की यात्रा कर चुके है। यह पद यात्रा कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात, होते हुए आज सांय राजस्थान के बिछिवडा में पंहुची।
उन्होंने बताया कि कल प्रातः होगा मंगल प्रवचन के बाद यात्रा का खेरवाड़ा, परसाद होते हुए उदयपुर के जैन धर्म के मुकुट तीर्थ ध्यानोदय पर 11 जनवरी को मंगल प्रवेश होगा। ध्यानोदय क्षेत्र में गुरु माँ के सानिध्य मे बनने जा रहा विश्व का अनोखा ध्यान करने का 61 फीट उंचा पीरामिड बनेगा। इसके निर्माण में पूरा स्वर्ण मयी आभा का जैसलमेर के पत्थर का शामिल होगा। इसके बनने के बाद गुरु माँ के माध्यम से विश्व भर से श्रद्धालु ध्यान कर पायेंगे एवम अध्यात्म से अपने जीवन में शांति ला पायेंगे। गोदावत ने बताया कि यह ध्यान शाला सुमेरु ध्यानशाला के नाम से जानी जायगी।
बिछीवाड़ा में आयोजित प्रवचन में गुरु मंा ने कहा कि वर्तमान मंे बच्चों को बस यही बताया जाता है देख बेटा जीवन में कुछ हो ना हो बस अपने को सबसे बड़ा बनना है। बड़ा कैसे बनेगा यह किस माध्यम से बनना ओर उसमे सच्चाई से बनाना है यह नहीं बताया जाता। बस वो ज़ब छोटे से झूठ बोलता है तो यह सोच सकते है कि फिर बड़ा हो कर वह क्या करेगा। मुख्य अपराध संस्कार का हनन यही से प्रारम्भ होता है। एक दूसरे की होड़ में आप अपने बच्चों का भविष्य बर्बाद कर रहे है। आप का बच्चा किस क्षेत्र मे आगे है उसकी बुद्धि किस क्षेत्र मे अच्छी है उससे उसे अवगत नहीं कराया जाता है। बी एल चित्तोडा ने बताया कि 8 जनवरी 2023 को खेरवाड़ा मंे संस्कार का श्ंाखनाद होगा।