जे एस जी मेवाड़ रीजन ने 172 तपस्वियों का किया सम्मान

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Published on : 03 Oct, 22 11:10

जे एस जी मेवाड़ रीजन ने 172 तपस्वियों का किया सम्मान

उदयपुर। महात्मा गांधी तथा लाल बहादुर शास्त्री के जन्म दिन तथा विश्व अहिंसा दिवस के अवसर पर जे एस जी मेवाड़ रीजन ने अपने  172 तपस्वियों का सम्मान,वंदन तथा अभिनंदन किया। इस तप अभिनन्दन महा-समारोह में सकल जैन समाज के विभिन्न श्रेणियों के तपस्वी थे। तपस्वियों में प्रमुख श्रेणीक तप,सिद्धी तप,समोसरण तप, वर्षी तप, 36 उपवास,31 उपवास,17 उपवास ,10 उपवास,8 उपवास 5 उपवास तथा 18 वर्ष से कम बच्चों के 3 उपवास वाले सम्मिलित थे।

मेवाड़ रीजन चेयरमैन मोहन बोहरा ने बताया कि पारिवारिक न्यायालय के न्यायाधीश महेन्द्र कुमार मेहता ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि तपस्वी का आशाय अपने शरीर को तपा कर मन,वचन तथा काया को शुद्ध करना है तथा यह धारणा करनी है कि उनके कारण किसी भी जीव को कष्ट न हो। मेहता ने अपने उद्बोधन में यह भी कहा एक ही संगठन के इतने तपस्वियों का सम्मान संगठन की एकता, विराटता तथा महानता को दर्शाता है।
विशिष्ट अतिथि मेवाड़ रीजन के संस्थापक चेयरमैन ओम प्रकाश चपलोत ने कहा कि जैन धर्म एक महान धर्म है जो समता का सन्देश देता है . विशिष्ट अतिथि फेडरेशन उपाध्यक्ष आर सी मेहता का कहना था तपस्वी वास्तविक रूप से धर्म के राजदूत होते है।

संयुक्त सचिव महेश पोरवाल ने बताया कि तपस्वियों का सम्मान एक सम्मान पत्र तथा श्रीफल देकर एवं उपारना ओड़ा कर किया गया। कार्यक्रम को रूचिकर बनाने हेतु जैन भजन तथा गीत गायक राकेश चपलौत एंड कम्पनी को आमंत्रित किया गया जिन्होंने अपने कर्ण प्रिय गीतों से वातावरण में भक्ति रस गोल दिया।

मेवाड़ रीजन चेयरमैन इलेक्ट अनिल नाहर ने डूंगरपुर तथा भीलवाड़ा में दो नये ग्रुप्स सृजन ने घोषणा की तथा कहा कि तपस्या के लिये आत्मबल की आवश्यकता होती है। नाहर ने बताया कि उक्त समारोह में 400 से अधिक सदस्यों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कारवाई जिनमें अरुण मंडोत, हेमन्त गोखरू, जितेन्द्र हरकावत, पारस ढेलावत, विकास जैन, आलोक पगारिया,आशुतोष सिसोदिया प्रमुख थे. कार्यक्रम संचालन शिल्पा नाहर तथा महेश पोरवाल ने किया वहीं धन्यवाद अरुण मंडोत ने दिया।


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