राहु की उल्टी चाल प्रभावित करती दूसरे ग्रहों की चाल

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Published on : 04 Sep, 22 06:09

-       राष्ट्रीय ज्योतिष सम्मेलन के पहले दिन ज्योतिषियों ने किया मंथन

राहु की उल्टी चाल प्रभावित करती दूसरे ग्रहों की चाल

उदयपुर। राहु एक क्रूर ग्रह माना जाता है और इसकी उल्टी चाल दूसरे ग्रहों की चाल को भी प्रभावित कर देती है। यही चीज मंगल के साथ भी है। आप देख सकते हैं कि कोविड काल में मंगल की चाल के कारण कैसी भयावह स्थिति उत्पन्न हुई थी। मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के बप्पारावल सभागार, स्वर्ण जयंती अतिथि गृह में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय ज्योतिष संगोष्ठी के पहले दिन देशभर से आए ज्योतिष विद्वानों ने आम जीवन में ज्योतिष विधा के महत्व के विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा की।

विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग और अखिल भारतीय प्राच्य ज्योतिष शोध संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित इस संगोष्ठी के आयोजक प्रो. नीरज शर्मा ने भारतीय ज्योतिष परंपरा और उसकी व्यावहारिक उपयोगिता विषय पर व्यक्तव्य दिया। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. आईवी त्रिवेदी ने की। वहीं मुख्य अतिथि के रूप में राजस्थान राज्य उच्च शिक्षा परिषद जयपुर के उपाध्यक्ष प्रो दरियाव सिंह चुंडावत, विशिष्ट अतिथि प्रो. सीआर सुथार, श्री मेवाड़ विजय पंचांग के गणितकर्ता पं. चंद्रशेखर शर्मा और डॉ. मयंक गुप्ता उपस्थित रहे। आयोजन सचिव डॉ. रवि शर्मा ने बताया कि उद्घाटन सत्र में संस्कृत विभाग के सहायक आचार्य डॉ. जीएल पाटीदार की पुस्तक संस्कृत वाङ्मयादर्श का विमोचन किया गया। इस दौरान निशुल्क परामर्श शिविर भी आयोजित किया गया जिसमें सैंकड़ों लोगों ने ज्योतिषियों से निशुल्क परामर्श प्राप्त किया।

 इस दौरान कुलपति प्रो. आईवी त्रिवेदी ने कहा कि हमारी भारतीय संस्कृति में ज्योतिष विद्या का प्रमाण हमारे वेदों में भी मिलता है। इसे अधिक से अधिक बढ़ाने के लिए हमने विश्वविद्यालय में ज्योतिष शास्त्र पर पीजी और डिप्लोमा कोर्स शुरू कर दिए हैं और आगामी सत्र से एडमिशन भी शुरू हो जाएंगे।

 टॉयलेट में दक्षिण की ओर हो पीठ --

इस दौरान जयपुर के मनोज गुप्ता ने बताया कि घर में टॉयलेट इस तरह बनाना चाहिए जिससे उसमें व्यक्ति की पीठ दक्षिण व मुंह उत्तर की ओर होना चाहिए। उत्तर की दिशा में देवताओं का निवास होता है और दक्षिण में यमराज। अगर ऐसा न हो तो घर में शांति व सुख-समृद्धि नहीं रहेगी। घर में शौचालय नैऋत्य कोण में ही बनवाना चाहिए। सुख-समृद्धि के लिए घर के मुख्य द्वार के सामने कोई बिजली का खंभा या पेड़ नहीं होना चाहिए। ऐसा नहीं होने से घर में खुशहाली नहीं आती है।


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