उदयपुर। श्री जैन श्वेताम्बर वासुपूज्य महाराज मंदिर ट्रस्ट की ओर से वासुपूज्य मंदिर दादाबाड़ी में साध्वी डॉ. नीलांजना श्रीजी ने कहा कि पल पल घटता है वो क्या है, हर पल बढ़ता है वो क्या है, कभी बढ़ता है कभी घटता है और चैथा न कभी घटता है और न कभी बढ़ता है वो क्या है? चिंतन के सागर में उतरना है, यथार्थ को प्राप्त करना है तो इन चारों प्रश्नों के उत्तर खुद से लेने हैं।
पहला जवाब है उम्र। व्यक्ति पैसों की बचत के लिए हरसंभव काम करेगा जबकि पैसा और कमाया जा सकता है लेकिन उम्र सौ वर्ष से अधिक नहीं हो सकती। पल पल उम्र घट रही है उसकी ओर ध्यान नही है। जो बढ़ रहा है वो लोभ, लालच है। जैसे जैसे उम्र घट रही है लोभ के कारण पैसा, जमीन एकत्र करने की वृत्ति बढ़ रही है। पुण्य जो अपने कर्म के अनुसार बढ़ता है और घटता है और चैथा भाग्य की रेखा न घटती है और न बढ़ती है।
उन्होंने कहा कि भाग्यशाली हैं कि ये जन्मभूमि मिली है। विदेशों में साफ सफाई ज्यादा है, अच्छा है लेकिन तीर्थंकर सब यहीं हुए। प्रदूषण फैल रहा है। हम ही फैला रहे हैं, यह फैलाने कोई देवता नहीं आ रहे हैं। आज बाकी सब जगह टैक्स लग रहा है लेकिन मंदिर में इसलिए टैक्स नही कि आप कम से कम आना तो सीखो।
साध्वी दीप्तिप्रज्ञा श्रीजी ने प्रार्थना प्रस्तुत की वहीं साध्वी योगरुचि श्रीजी ने भी विचार व्यक्त किये।