हिन्दुस्तान जिं़क के सीएसआर के तहत् स्थापित लघु उद्योग महिलाओं को बना रहे उद्यमी

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Published on : 05 Jul, 22 12:07

हिन्दुस्तान जिं़क के सीएसआर के तहत् स्थापित लघु उद्योग महिलाओं को बना रहे उद्यमी

हिन्दुस्तान जिं़क के सीएसआर के तहत् विभिन्न परियोजनाएं चलायी जा रही है जिनमें लघु उद्योगों को बढ़ावा देना प्रमुखता से है। विगत दो वर्षाे में दो महिला उद्योग स्थापित किये गये जिसमें महिलाएं उद्यमी बनकर उभरी है। जिं़क के निकटवर्ती गांव मूंगा का खेडा में मसाला उद्योग एवं परिधान निर्माण उद्योग जो कि पुठोली में स्थित है। इन उद्योगों के माध्यम से 50-60 महिलाएं प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुडी हुई है। इन महिलाओं को इन उद्योगो से जुड़कर स्वावलंबन की राह नजर आयी है अब ये महिलाएं 4 से 5 हजार रूपये प्रति महिला आय सृजित कर आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर है। इन यूनिट में निर्माण से लेकर बाजार में विपणन की जिम्मेदारी तक सभी कार्य महिलाओं द्वारा ही किये जाते है। महिलाओं द्वारा निर्मित मसालें दिल्ली, गाजियाबाद और आगरा सहित प्रदेश के 8 से अधिक जिलों और 300 से अधिक दूकानों पर उपलब्ध है।


महिलाओं द्वारा निर्मित परिधान उपाया ब्राण्ड से उपलब्ध है सभी उत्पाद उच्चगुणवत्र्तापूर्ण होने के कारण बाजार में विभिन्न संस्थाओं द्वारा क्रय किये जाते है। उद्योग की इसी श्रृंखला को आगे बढ़ाते हुए जय चित्तोड़ कृषि उत्पादक संगठन हिन्दुस्तान जिं़क की समाधान परियोजना के अंतर्गत मिनरल मिक्सचर यूनिट की स्थापना ग्राम मूंगा का खेड़ा में की जा रही है। इसकी स्थापना से स्थानीय आवश्यकताअनुसार मिनरल मिक्सचर बनाया जाएगा जिससे पशुधन के स्वास्थ्यवर्धन के साथ साथ किसान भाइयों के आय में भी वृद्धि होगी। मसाला उद्योग एवं परिधान निर्माण इकाई हिन्दुस्तान जिं़क की सखी परियोजना के अंतर्गत संचालित है।

सखी द्वारा निर्मित मसालें और परिधान बने आमजन की पसंद

जिंक ने सखी समूहों की आय सृजन को प्राथमिकता समझते हुए सखी के उत्पादों को बेचने के लिए स्थानिय और राज्य स्तर पर बिक्री और बाजार से जोडा है ताकि सखी महिलाओं के बने उत्पाद सीधे बाजार में पहुंचे। सखी द्वारा निर्मित किए जा रहे मसालें एवं परिधान अब बाजार में भी उपलब्ध है, शुद्धता की गारंन्टी सुनिश्चित करते हुए 35 से अधिक महिलाएं मसाला उद्यमी के रूप में कार्यरत है जिनमें से 12 महिलाएं मसालों का उत्पादन एवं अन्य उन्हें गांव एवं शहरी क्षेत्र में विपणन का कार्य कर रही है। इसी प्रकार परिधान बनाने के लिये 25 से अधिक महिलाएं जुडी है जो कि डिजायनर कपडे़, बेग, होम डेकोर तैयार करती है जिन्हंे आमजन द्वारा पंसद किया जा रहा है।

महिलाओं को उद्यमी बनाने में निभा रहा महत्वपूर्ण भूमिका

हिन्दुस्तान जिंक ग्रामीण महिलाओं को समाज की मुख्य धारा से जोड कर उन्हें उद्यमी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। हिन्दुस्तान जिंक अपने सामाजिक सरोकार के तहत महिलाओं को आत्म निर्भर बनाने के लिए विगत 14 वर्षों से ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं का स्वंय सहायता समूह बनाकर उनक रूचि एवं आवश्यकता आधारित प्रशिक्षण देकर समाज में अपनी अलग ही पहचान दिलाने का अनुठा प्रयास कर रहा है। फलस्वरूप इस अभियान से जुडी महिलाओं में अदम्य विश्वास मुखरित हुआ है।

सखी हाट से जुड़ महिलाओं में बढ़ा आत्मविश्वास

हिन्दुस्तान जिं़क राजस्थान के 5 जिलों उदयपुर, राजसमंद, चित्तौडगढ़, भीलवाडा और अजमेंर एवं उत्तराखंड के रूद्रपुर की 7 इकाइयों में सखी कार्यक्रम से ‘वोकल फाॅर लोकल को बढ़ावा दे रहा है जिनसे घरेलू उत्पादों और स्थानीय पहल को पुनर्जीवित करने में सहायता मिली है। हिन्दुस्तान जिं़क का सखी कार्यक्रम महिलाओं को लघु उद्यमियों के रूप में पहचान दिलाने और उन्हें प्रशिक्षित कर आर्थिक रूप से स्वतंत्र एवं सशक्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। सखी महिलाओं द्वारा हस्तकौशल एवं हस्त निर्मित उत्पादों सुदंर परिधानों, शुद्ध खाद्य सामग्री और साथ ही विभिन्न खाद्य स्टाॅल से सुसज्जित एवं महिलाओं द्वारा चित्तौडगढ़ के जिं़क नगर में संचालित सखी हाट सभी के आकर्षण का केंद्र है।


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