महाराणा प्रताप के लिए जब कोई अपशब्द बोलता है तो मन को बहुत पीड़ा होती है — मेवाड़

( 4215 बार पढ़ी गयी)
Published on : 24 Jun, 22 15:06

उदयपुर में मीट द प्रेस कार्यक्रम में बोले राज्यपाल के पर्यटन सलाहकार लक्ष्यराज सिंह मेवाड़

महाराणा प्रताप के लिए जब कोई अपशब्द बोलता है तो मन को बहुत पीड़ा होती है — मेवाड़

 लेकसिटी प्रेस क्लब उदयपुर के मीट द प्रेस कार्यक्रम का आगाज शुक्रवार को मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के सदस्य और राज्यपाल के पर्यटन सलाहकार लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ से सीधी बात के साथ किया। शहर के अमृत श्री कॉप्लेक्स के होटल श्रीनंदा में आयोजित मीट द प्रेस की शुरूआत लेकसिटी प्रेस क्लब अध्यक्ष कपिल श्रीमाली ने लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ के अभिनंदन के साथ की।
लक्ष्यराज सिंह से सवाल पूछा कि जब महाराणा प्रताप के खिलाफ कोई गलत बोलता है तो आपके अंदर कैसे भाव पैदा हाेते हैं? जवाब में लक्ष्यराज सिंह ने कहा कि जब कोई महाराणा प्रताप के लिए अपशब्द बोलता है तो मन में बहुत पीड़ा होती है। महाराणा प्रताप ने स्वतंत्रता शब्द को जन्म दिया। देश की आजादी की अलख जगाई। उन्होंने कहा कि असली राष्ट्रवाद क्या होता है यह हम सब महाराणा प्रताप से सीख सकते हैं। हमारी भावी पीढ़ी को भी हमारी मिट्टी की तरफ, हमारी संस्कृति की तरफ वापस लाना होगा।
मेवाड़ का गौरव समूचे उदयपुर की कामयाबी :
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने उदयपुर ने अपना नाम देश ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में स्थापित किया है, जो समूचे मेवाड़ की कामयाबी को दर्शाता है। इसका श्रेय प्रत्येक उदयपुरवासी को जाता है। इस गौरव को स्थापित करने में कई साल लगे हैं, लेकिन हमें इसे केवल पर्यटन नगरी तक ही सीमित नहीं करना चाहिए। इसमें और भी कई चीजें हैं। उन्होंने कहा कि मेवाड़ को दुनिया इसकी सांस्कृतिक विविधता के लिए भी पहचानती है। अब यह धीरे—धीरे शिक्षा व मेडिकल हब के रूप में स्थापित होता जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि अब तक उदयपुर को पूर्व का वेनिस नाम से जानती है, हमारी सफलता तब है जब वेनिस वासी यह कहें कि हम पश्चिम के उदयपुर हैं।

पुरखों के बताये रास्ते पे चलेंगे :

लक्ष्यराजसिंह की इन दिनों सामाजिक सक्रियता पर उनके राजनीति में आने के सवाल पर कहा कि जुझारुपन व कर्मठता से सामाजिक क्षेत्र में काम करना मेवाड़ की परंपरा रही है, यह बरसों से चला रहा है, आज की दुनिया जरूर छोटी होती चली जा रही है इस वजह से शायद ये बातें ज्यादा देखने को मिलती है वहीं ज्यादा सामने आ जाती है। काम करने की कोशिश तो वे कर रहे है, जिन रास्तों में पूर्वज चलें उन पर चलने का एक प्रयास है। आज की तारीख में कोई भी व्यक्ति जनप्रतिनिधि के रूप में सामने आ सकता है सभी के लिए वो दरवाजे खुले हैं। उन्होंने कहा कि यह बात नहीं है कि इस दिशा में कोई सोच नहीं है, पर काम करना सेवा करना निरंतर जारी  रहेगी।

-अग्रेजी ए फॉर एप्पल से शुरू होती है, जेड फॉर जीरो पर जाकर खत्म, जबकि हिन्दी अ से अनपढ़ से शुरू होती है और अंतिम वर्ण ज्ञ से ज्ञानी बनाती है

इन दिनों मेवाडी परंपराओं को महत्व देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जैसे गुजरात में गुजराती व मारवाड़ में मारवाड़ी लेकिन उदयपुर में मेवाड़ी बोलने में लोग संकोच करते हैं, इसका कारण लोग उस संस्कृति की तरफ भाग रहे है, जहां सूरज भी डूबता है। इस चीज का दोष हम यहां जो पीढ़ी बैठी है उसको ही देंगे, उन्होंने कहा कि दूसरों पर अंगुलियां उठाने से काम नहीं चलेगा। हमें हमारी भाषा और संस्कृति के संरक्षण के लिए जमीनी स्तर पर काम करना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि व्यक्ति कितनी भी भाषाएं सीखें, लेकिन अपनी मेवाड़ी और हिंदी भाषा को ह्रदय में समाकर रखे तभी स्थानीय संस्कृति का गौरव बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी भाषा- ए फॉर एप्पल से शुरू होती है और जेड फॉर जीरो पर जाकर खत्म होती है, जबकि हिन्दी अ से अनपढ़ से शुरू होती है और से ज्ञानी बनाती है। हमें हमारी मिट्टी तरफ हमारी संस्कृति की तरफ वापस आना होगा। लोग क्या सोचेंगे इस सोच व पाखंड से जब तक हम ऊपर नहीं उठेंगे हम कुछ नहीं करना होगा।

कई विषयों पर हुए सवाल:

लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने मोबाइल, लेपटॉप पर शायराना अंदाज में कहा कि- ‘सादगी थी बन्दगी थी सरलता थी जब फेसबुक और वाट्सअप न थे तब जिंदगी थी।’ उन्होंने कहा कि हमें कहीं न कहीं खुद को दुरूस्त करने की आवयकता है। फेसबुक वाट्सअप को चेहरे पर रखकर नहीं सोया जा सकता है किताब को चेहरे पर रखकर सोया जा सकता है। वो चीज आज की जरूरत है और शिक्षा के लिए काम करना होगा। इसके अलावा उन्होंने शहर की जुड़ी समस्याओं, पर्यटन से जुड़ी बातों व अन्य कई मुद्दों पर पूछे गए सवालों का जवाब दिया।

कलाकारों व पत्रकारों का हुआ अभिनंदन :
समारोह दौरान लक्ष्यराज सिंह का लेकसिटी प्रेस क्लब की कार्यकारिणी की ओर से स्मृति चिह्न देकर अभिनंदन किया गया। इसी प्रकार प्रस्तर शिल्पकार हेमंत जोशी, समाजसेवी व श्रीनंदा प्रोपराईटर चंद्रेश व्यास तथा सिंधी अकादमी के पूर्व अध्यक्ष हरीश राजानी का स्मृति चिह्न देकर अभिनंदन किया गया। इस मौके पर जनसंपर्क उपनिदेशक डॉ. कमलेश शर्मा, प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष संजय गौतम, संजय खाब्या, प्रकाश शर्मा, प्रदीप मोगरा, प्रताप सिंह राठौड़, रफीक एम पठान, मनीष जोशी व बड़ी संख्या में मीडियाकर्मी मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन जयश्री नागदा ने किया, आभार निशा राठौड़ ने ज्ञापित किया 


साभार :


© CopyRight Pressnote.in | A Avid Web Solutions Venture.