मुंबईं । देश का चालू खाते का घाटा (कैड) वित्त वर्ष 2021-22 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 1.2 प्रतिशत रहा जबकि वित्त वर्ष 2020-21 में 0.9 प्रतिशत अधिशेष की स्थिति थी। मुख्य रूप से व्यापार घाटा बढ़ने से कैड बढ़ा है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआईं) ने बुधवार को यह जानकारी दी। आरबीआईं के अनुसार, चालू खाते का घाटा वित्त वर्ष 2021-22 की मार्च तिमाही में 13.4 अरब डॉलर यानी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 1.5 प्रतिशत रहा, जो इससे पूर्व दिसंबर तिमाही में 22.2 अरब डॉलर यानी जीडीपी का 2.6 प्रतिशत था।