उदयपुर । महाराणा मेवाड़ चैरिटेबल फाउण्डेशन, उदयपुर की ओर से अन्तरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस पर सिटी पैलेस म्यूजियम में दिनांक 9 मई से 18 मई तक स्वलीनता से प्रभावित और बौद्धिक अक्षमता वाले बच्चों के लिए अलग-अलग आयोजनों का आज समापन हुआ।
समापन अवसर पर संकल्प संस्था एवं प्राच्य शोध पीठ समिति (प्रयास संस्था) के बाल चिकित्सा पुनर्वास केन्द्र, उदयपुर के बच्चों ने अपने अभिभावकों एवं संस्थान प्रशिक्षकों के साथ भाग लिया। फाउण्डेशन ने ऐसे बच्चों को सिटी पेलेस संग्रहालय का प्रातः 8 बजे भ्रमण करवाया और उन्हें ऐतिहासिक इमारतों का अवलोकन कराते हुए संक्षिप्त जानकारी प्रदान की।
अन्तराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस पर फाउण्डेशन की अन्य गतिविधियों में महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय, बीकानेर (एमजीएसयू) के सेन्टर फॉर म्यूजियम एण्ड डॉक्यूमेंटेशन और महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउण्डेशन, उदयपुर के संयुक्त तत्वावधान में ऑनलाइन ‘पावर ऑफ म्यूजियम्स’ विषय पर विशेषज्ञ वार्ता रखी गई। इसके तहत डॉ. हंसमुख सेठ, ऐसोसिएट क्यूरेटर, सिटी पेलेस म्यूजियम, उदयपुर ने संग्रहालय के वर्तमान परिप्रेक्ष्य में शिक्षा को एक सशक्त माध्यम बताया। डॉ. सेठ ने अपने पॉवर पोइन्ट के माध्यम से बीकानेर विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को संग्रहालयों से जोड़ने के आयाम सांझा किये। इस वार्ता का मुख्य उद्देश्य आमजन के साथ ही विशेषकर युवा वर्ग को अपने गौरवशाली इतिहास और धरोहरों के प्रति जागरूक करना रहा।
ऑन लाइन वार्ता की अध्यक्षता करते हुए विश्व विद्यालय के कुलपति प्रो. विनोदकुमार सिंह ने संग्रहालयों के प्रति विद्यार्थी वर्ग को सजग बनाने के लिए सुकार्य हेतु सेन्टर एवं फाउण्डेशन की सराहना करते हुए इसे समय की मांग बताया। वार्ता का शुभारम्भ मां सरस्वती की वन्दना से आरम्भ करते हुए सेन्टर फॉर म्यूजियम एण्ड डॉक्यूमेंटेशन की निदेशक डॉ. मेघना शर्मा ने वार्ता से जुड़े सभी अतिथियों का औपचारिक स्वागत किया। वार्ता के समापन पर सिटी पेलेस म्यूजियम, उदयपुर की असिस्टेंट क्यूरेटर चेल्सिया संतोष ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।
महाराणा मेवाड़ चैरिटेबल फाउण्डेशन, उदयपुर के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी भूपेन्द्रसिंह आउवा ने बताया कि फाउण्डेशन द्वारा आयोजित आयोजनों एवं वार्ताओं के माध्यम से बच्चों एवं युवा वर्ग को अपनी धरोहरों के प्रति जागरूक करना ही फाउण्डेशन का मुख्य उद्देश्य रहा।