अदित्य है मरू लोक संस्कृति एवं विरासत- कल्ला 

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Published on : 19 May, 22 04:05

अदित्य है मरू लोक संस्कृति एवं विरासत- कल्ला 

जैसलमेर। अंतरराष्ट्रीय म्यूजियम दिवस के अवसर पर दी थार हेरिटेज म्यूजियम में अवलोकन का गरिमामई आयोजन हुआ जिसमें नगर के अनेक गणमान्य नागरिकों एवं छात्रों ने भाग लिया। इस अवसर पर नगर परिषद के सभापति हरिवल्लभ कल्ला ने कहा कि मरू क्षेत्र का इतिहास लोक संस्कृति तथा विरासत अदित्य है दर्शनीय है। कल्ला कहा की जैसलमेर का सौंदर्य विश्व विख्यात है। उन्होंने नई पीढ़ी से आह्वान किया कि हमें हर हालत में अपनी सांस्कृतिक धरोहर को बचाना है आने वाली पीढ़ियों तक। प्रारंभ में कल्ला ने संग्रहालय में प्रदर्शित ऐतिहासिक विरासत लोक वस्तुओं का गहनता से अवलोकन किया तथा संग्रहालय के संस्थापक लक्ष्मीनारायण खत्री से प्रदर्शित प्रत्येक कलाकृति की महत्ता की जानकारी प्राप्त की।
इस अवसर पर संग्रहालय के संस्थापक लक्ष्मीनारायण खत्री ने वर्ल्ड म्यूजियम दिवस की बधाई देते हुए कहा कि मरु क्षेत्र की संस्कृति लोकजीवन प्राचीन है। लोक कला विद खत्री ने कहा कि जैसलमेर के गांव गांव ढाणी ढाणी में पुरातात्विक, ऐतिहासिक, पुरा संपदा सामग्री असुरक्षित पड़ी है। आज इसके संरक्षण की आवश्यकता है। खत्री ने कहा कि आज हमारे घर प्लास्टिक व इलेक्ट्रॉनिक चीजों से भरे पड़े हैं जो अप्राकृतिक है तथा हमारे मूल संस्कृति के अंग नहीं है।

 वरिष्ठ साहित्यकार डॉ ओमप्रकाश भाटिया ने कहा कि संग्रहालय में प्रदर्शित वस्तुएं हमारे पूर्वजों के उच्च कला अनुराग की साक्षी है। डॉक्टर भाटिया ने कहा कि मरुस्थल के रहवासियों ने कठिन परिश्रम से यहां जीवन जीना आसान बनाया था। उन्होंने कहा कि संग्रहालय हमारे अतीत के इतिहास को जानने का माध्यम है इसलिए बच्चों को संग्रहालय अवश्य ही दिखाना चाहिए।
कार्यक्रम के प्रारंभ में कार्यकर्ता दामोदर गर्ग, चयन खत्री, रमेश सावल ने सभी आगंतुकों का स्वागत किया। कार्यक्रम के संयोजक लक्ष्मीनारायण श्रीमाली ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि जैसलमेर की हर गली और मोहल्ला संग्रहालय की तरह दर्शनीय हैं।
प्रारंभ में संग्रहालय के संस्थापक लक्ष्मीनारायण खत्री ने संग्रहालय में प्रदर्शित प्राचीन हस्तलिखित पांडुलिपियो, राजाओं के पत्र, जैसलमेर के इतिहास से जुड़े पुराने फोटो और कागजात, साँप सीढ़ी की प्राचीन पेंटिंग, महिलाओं के वस्त्र एवं आभूषण, कलात्मकता ताले, पुराने बाट माप व तराजू, रसोई के बर्तन, लकड़ी के छापो, ऊंट घोड़े की श्रृंगार सामग्री इत्यादि से सभी को रूबरू कराया तथा इसके महता पर जानकारी प्रकट की।
इस अवसर पर गाइड एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष पदम सिंह राठौड़, वरिष्ठ पत्रकार पृथ्वीराज शर्मा, पूर्व मिस्टर डेजर्ट जितेंद्र खत्री, संग्रहालय के ट्रस्टी जुगल किशोर भाटिया, पार्षद सिकंदर खान ,वरिष्ठ व्याख्याता हरीश छंगाणी, कला संस्कृति प्रेमी गौरव पुरोहित, सेवानिवृत्त अधिशासी अधिकारी नारायण सिंह पवार, पर्यटन व्यवसाई महेंद्र सिंह सिसोदिया इत्यादि व अनेक छात्रों ने निशुल्क भ्रमण कर मरू लोक कला संस्कृति तथा विरासत से परिचित हुए।


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