बैंकाक । एच एस प्रणय ने निर्णायक पांचवें मैच में गजब का जज्बा दिखाया जिससे भारतीय पुरूष बैडमिंटन टीम ने यहां रोमांचक सेमीफाइनल में डेनमार्क को 3-2 से हराकर थॉमस कप के फाइनल में पहुंचकर इतिहास रच दिया।
भारतीय टीम 1979 के बाद से कभी भी सेमीफाइनल से आगे नहीं बढ़ सकी थी। लेकिन उसने जुझारू जज्बा दिखाते हुए 2016 के चैम्पियन डेनमार्क को हरा दिया। वि चैम्पियनशिप रजत पदक विजेता किदाम्बी श्रीकांत तथा सात्विकसाईंराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की दुनिया की आठवें नंबर की युगल जोड़ी ने भारत को फाइनल की दौड़ में बनाये रखा लेकिन 2-2 की बराबरी के बाद एच एस प्रणय ने टीम को इतिहास रचने में मदद की। दुनिया के 13वें नंबर के खिलाड़ी रास्मस गेमके के खिलाफ प्रणय को कोर्ट पर फिसलने के कारण टखने में चोट भी लगी लेकिन इस भारतीय ने मेडिकल टाइमआउट लेने के बाद मुकाबला जारी रखा। वह कोर्ट पर दर्द में दिख रहे थे लेकिन इस परेशानी के बावजूद उन्होंने 13-21 21-9 21-12 से जीत दर्ज कर भारत का नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज करा दिया।