हिन्दुस्तान जिंक द्वारा स्वास्थ्य सेवा के तहत् विश्व प्रतिरक्षण सप्ताह आयोजित

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Published on : 01 May, 22 14:05

स्वास्य सेवा के तहत् की गयी इस पहल से कुल २ हजार से अधिक बच्चें लाभान्वित

हिन्दुस्तान जिंक द्वारा स्वास्थ्य सेवा के तहत् विश्व प्रतिरक्षण सप्ताह आयोजित

हिंदुस्तान जिंक, द्वारा विष्व प्रतिरक्षण सप्ताह आयोजित कर वृहद स्तर पर टीकाकरण जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। कंपनी ने सभी राजस्थान स्थित नंदघरों और आंगनवाडी केंद्रों में जागरूकता सत्र आयोजित किए, जिनमें तीन हिंदुस्तान जिंक स्थानों के आसपास के क्षेत्र दरीबा, कायड और देबारी में ७५५ से अधिक बच्चें लाभान्वित हुए। सप्ताह के दौरान, गर्भवती महिलाओं के साथ-साथ पात्र बच्चों के माता-पिता को शिक्षित करने के लिए टीकाकरण से विभिन्न बीमारियों से लोगों की रक्षा करने में सहायक होने, गर्भावस्था के दौरान टीके कैसे लगाए जाते हैं, और बीच में अंतर कैसे होता है प्रतिरक्षा बनाने में मदद करने के लिए खुराक को बनाए रखने की जानकारी प्रदान की। सत्र के बाद प्रसव पूर्व देखभाल, प्रसवोत्तर देखभाल, स्तनपान कराने वाली माताओं और शून्य से पांच वर्ष की आयु के बच्चों की एचबी जांच और वजन की निगरानी की गई।

कंपनी ने पैरा वर्कर्स और सर्विस प्रोवाइडर्स को शेड्यूल्ड वैक्सीनेशन देने में भी मदद की। इसके अलावा, हिंदुस्तान जिंक ने टीकाकरण के महत्व के बारे में जागरूकता के लिए गांवों में अन्य बैठकों और प्रश्नोत्तरी का आयोजन किया। एएनएम, आशा समन्वयक, बीपीएम, बीसीएमओ और आरसीएचओ भी इन बैठकों में अंतराल की पहचान करने में मदद करने के लिए आमंत्रित किया गया था। बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए टीकाकरण प्रक्रिया। स्थानीय समुदायों के साथ टीकाकरण और उचित टीकाकरण की कमी से उत्पन्न होने वाले विभिन्न स्वास्थ्य मुद्दों के साथ-साथ केस स्टडी के बारे में एक शिक्षाप्रद वीडियो भी साझा किया गया।

कंपनी द्वारा ६ जिलो में सेवा मंदिर, जतन, सहयोगी केयर, और जीएसवीएस संस्थानों के साथ मिलकर आयोजित किया गया। दीपक फाउंडेशन और वॉकहार्ट फाउंडेशन के सहयोग से हिंदुस्तान जिंक ने २५ से ३० अप्रैल तक टीकाकरण आयोजित किया गया जहां मोबाइल हेल्थ यूनिट्स (एमएचयू) की एक टीम ने जावर, दरीबा, देबारी, कायड चंदेरिया और आगुचा एवं उत्तराखंड के पंतनगर, में आंगनवाडी केंद्रों पर टीकाकरण किया गया। स्वास्य सेवा के तहत् की गयी इस पहल से कुल २ हजार से अधिक बच्चें लाभान्वित हुए।


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