बौद्धिक संपदा अधिकार और इसकी जागरूकता पर वेबिनार का आयोजन

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Published on : 03 Mar, 22 15:03

बौद्धिक संपदा अधिकार और इसकी जागरूकता पर वेबिनार का आयोजन

उदयपुर,  टीईपीपी आउटरीच सह क्लस्टर इनोवेशन सेंटर (टीओसीआईसी),  प्रौद्योगिकी एवं अभियांत्रिकी महाविद्यालय, महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर द्वारा पेटेंट ऑफिस  कार्यालय, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से बौद्धिक संपदा अधिकार और इसकी जागरूकता पर कुलपति एमपीयूएटी, प्रो.नरेन्द्र सिंह राठौड़ के सानिध्य में एक वेबिनार का आयोजन किया गया।  वेबिनार का तकनीकी संचालन  टीम जेनेसिस के प्रो. पी.के. सिंह (अधिष्ठाता, सीटीएई), प्रो. एस.एम. माथुर (संयोजक, प्रकाशन और पेटेंट सुविधा प्रकोष्ठ, एमपीयूएटी) और प्रो. नवीन जैन, (समन्वयक, टीओसीआईसी, सीटीएई और वेबिनार के आयोजन सचिव) की देखरेख में किया गया। 
वेबिनार के मुख्य अतिथि , प्रो.एस.के. शर्मा (निदेशक अनुसंधान, एमपीयूएटी) थे। वेबिनार मे विशिष्ठ वक्ता "भारतीय पेटेंट कार्यालय" के   सुश्री नेकिता कुमारी और श्री राजीव कुमार थे। 
प्रो. एस.के. शर्मा, (निदेशक अनुसंधान, एमपीयूएटी) ने वेबिनार के मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए  पेटेंट और उनकी आवश्यकता के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि किसी देश के विकास में नवाचार एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने सिखाया कि विचारों को उनकी मौलिकता बनाए रखने के लिए पेटेंट कराना बहुत महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, उन्होंने पेटेंट के संबंध में विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों के बारे में बताया।
भव्या टाक और अनुश्री जैन ने कार्यक्रम के अतिथियों और पैनलिस्टों का परिचय दिया एवं स्वागत किया। प्रो नवीन जैन ने स्वागत भाषण दिया। प्रो.पी.के. सिंह (अधिष्ठाता, सीटीएई) ने प्रतिभागियों का उत्साह वर्धन करते हुए पेटेंट के विषय मे वेबिनार आयोजित करने के लिए टीओसीआईसी, सीटीएई  एवं  वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय को धन्यवाद दिया। उन्होंने इस तथ्य पर भी जोर दिया कि नवाचार समय की आवश्यकता है और पेटेंट हमारे नवप्रवर्तन विचारों और शोध परिणामों की सुरक्षा में एक महत्वपूर्ण कदम है। 
 सुश्री नेकिता कुमारी, निरीक्षक, पेटेंट और डिजाइन, भारतीय पेटेंट कार्यालय ने बड़े उत्साह के साथ पेटेंट के बारे में अपने ज्ञान को साझा किया। उन्होंने पेटेंट के विभिन्न चरणों के बारे में जानकारी देकर शुरुआत की। उन्होंने पूरे भारत से पंजीकृत पेटेंट की संख्या के बारे में कई आंकड़े दर्शाते हुए पेटेंट देने के विचार की जांच करने के लिए मंत्रालय द्वारा अपनाई जाने वाली सभी प्रक्रियाओं के बारे में बताया। उन्होंने पेटेंट में विभिन्न करियर विकल्पों के बारे में भी बताया।

अंत में, श्री राजीव कुमार, परीक्षक पेटेंट और डिजाइन, भारतीय पेटेंट कार्यालय, नई दिल्ली ने पेटेंट की ई-फाइलिंग प्रक्रिया में अपने विस्तृत ज्ञान को साझा किया और इस बात पर जोर दिया कि यह वास्तव में कोविड -19 महामारी के दौरान यह एक बड़ी उपलब्धि है कि बहुत से शोधकर्ताओं ने घर या कार्यालयों से पेटेंट फॉर्म दाखिल किया है। उन्होंने समझाया कि पेटेंट क्या है, साथ ही पेटेंट से संबंधित विभिन्न नियमों के बारे में बताया। उन्होंने उन चीजों की एक सूची साझा की, जिनका पेटेंट कराया जा सकता है, साथ ही उन चीजों की एक सूची भी साझा की जिनका पेटेंट नहीं कराया जा सकता है।

कार्यक्रम में उपस्थित लोगों द्वारा चैट के माध्यम से सभी शंकाओं और प्रश्नों को उठाया गया, जिनका तुरंत प्रख्यात वक्ताओं ने समाधान किया। कार्यक्रम के अंत में लघु प्रश्नोत्तरी का आयोजन भी किया गया। सभी प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। छात्र समन्वयक जतिन जैन ने  सहयोगियों को धन्यवाद ज्ञापित किया । वेबिनार सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। छात्र समन्वयक जतिन जैन, तनय पंसारी, सौरभ पूर्बिया और अनुराग मीणा थे। हर्ष सिंघवी ने पूरे वेबिनार के संपूर्ण तकनिकी पहलुओं का प्रबंधन किया ।


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