जन स्वास्थ्य प्रशिक्षण युवाओ मे रोजगार के लिए नीवं का पत्थर साबित होंगे- प्रो. अमेरिका सिंह

( 2381 बार पढ़ी गयी)
Published on : 07 Dec, 21 13:12

प्रशिक्षण युक्त रोजगार मजबूत एवं सुखद भविष्य का आधार

 जन स्वास्थ्य प्रशिक्षण युवाओ मे रोजगार के लिए नीवं का पत्थर साबित होंगे- प्रो. अमेरिका सिंह

सुविवि के प्राणीशास्त्र  विभाग मे 6 दिसंबर को ङॉ ए पी जे अब्दुल कलाम उद्यमिता एवम कौशल विकास  केंद्र तथा  जनस्वास्थ्य नवाचार एवम उद्भवन केंद्र का उद्घाटन माननीय कुलपति प्रो अमेरिका सिंह के कर कमलों द्वारा किया गया। विभागाध्यक्ष एवम रूसा करियर हब की समन्वयक प्रो आरती प्रसाद के निर्देशन मे प्रारंभ की गयी 15 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रथम दिवस पर विश्व स्वास्थ्य संगठन के वाहक जनित रोग विशेषज्ञ एवम विश्व स्वास्थ्य संगठन के पूर्व वैज्ञानिक सलाहकार ङॉ आर एस शर्मा ने प्रथम सत्र मे प्रशिक्षणार्थीयो को देश मे होने वाली सभी वाहक जनित रोगो के वाहक, रोग कारक, इनकी पहचान एवं प्रजनन स्थलो की जानकारी दी। साथ ही डॉ शर्मा ने वर्ष 2030 तक भारत से मलेरिया उन्मूलन एवं इसमे आने वाली कठिनाईयों के बारे मे बताया। ङॉ शर्मा ने वर्तमान मे फैल रहे ङेगूँ और जीका रोग पर विशेष ध्यान आकर्षित किया। 
प्रशिक्षण के द्वितीय सत्र मे प्रायोगिक तौर पर प्रमुख वाहको की वर्गीकृत  पहचान कर इनकी मानव स्वास्थ्य पर  होने वाले प्रभावो के बारे में समझाया गया।  इसी सत्र मे गुजरात राज्य के पूर्व कीट वैज्ञानिक डॉ पी टी जोशी ने वाहक रोग नियंत्रण के लिए प्रयोग मे ली जाने वाली तकनीक एवं समाज का इसमे योगदान पर प्रकाश ङाला। ङॉ जोशी ने स्क्रब टाइफस, सेरिब्रल कांगो हेमरेजिक फीवर तथा प्लेग पर अपना व्याख्यान दिया।
प्रो आरती प्रसाद ने बताया कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में युवाओं को किट विज्ञान से जुड़ी समस्त आधारभूत एवम आधुनिक तकनीकी की बारीकीयो के बारे में देश भर के प्रसिद्ध विषय विशेषज्ञ कीट वैज्ञानिकों द्वारा व्याख्यान द्वारा एवम प्रयोगशाला में प्रायोगिक प्रशिक्षण द्वारा अवगत करवाया जाएगा जिससे युवाओं को इन किट वैज्ञानिकों से सीधे संपर्क के साथ ही क्षेत्र में रोजगार के अवसरों के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त हो सकेगी। जिससे इन युवाओं के लिए रोजगार के ढेरों अवसर उत्पन्न हो सकेंगे।
प्रो प्रसाद ने बताया कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में जनस्वास्थ्य कीट विज्ञान से जुड़ी दो बहुराष्ट्रीय कम्पनियो की भी सहभागिता है जोकि प्रशिक्षण के पश्चात युवाओं को अपनी कम्पनी में रोजगार के अवसर प्रदान करेंगे। प्रो प्रसाद के अनुसार इन कम्पनियों का प्रशिक्षण कार्यक्रम से जुड़ना इस तथ्य का पूर्ण रूप से खंडन करता है कि जनस्वास्थ्य किट विज्ञान के क्षेत्र में रोजगार के अवसरों की कमी है।
प्रो प्रसाद ने बताया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम के आगामी दिनों में प्रमुख रोग वाहकों का फील्ड से संग्रहण तथा इनका प्रयोगशाला में परीक्षण करना सिखाया जाएगा।


साभार :


© CopyRight Pressnote.in | A Avid Web Solutions Venture.