व्यवसाय प्रबंधन में सांख्यिकी का अमूल्य योगदान-प्रोफ़ेसर अमेरिका सिंह कुलपति

( 3693 बार पढ़ी गयी)
Published on : 07 Dec, 21 12:12

*लेखा एवं व्यावसायिक सांख्यिकी विभाग में गुणात्मक शोध पर कार्यशाला*

व्यवसाय प्रबंधन में सांख्यिकी का अमूल्य योगदान-प्रोफ़ेसर अमेरिका सिंह कुलपति

प्रोफेसर अमेरिका सिंह माननीय कुलपति मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के मार्गदर्शन में लेखा एवं व्यावसायिक सांख्यिकी विभाग में गुणात्मक शोध पर कार्यशाला का आयोजन 7 दिसंबर 2021 को हुआ। उन्होंने विभाग को कार्यशाला के लिए शुभकामनाएं प्रेषित की।

कार्यक्रम में प्रोफेसर आर के सिंह, अधिष्ठाता, दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स, मुख्य अतिथि तथा दिल्ली विश्वविद्यालय, डाक्टर हेमेंद्र कुमार डांगी, दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स दिल्ली विश्वविद्यालय, प्रोफेसर पीके सिंह, अधिष्ठाता, वाणिज्य एवं प्रबंध महाविद्यालय, प्रोफेसर मंजू बागमार, विभागाध्यक्ष व्यवसायिक प्रशासन विभाग अतिथि गण थे।लेखा एवं व्यवसायिक सांख्यिकी विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर शूरवीर सिंह भाणावत ने उपस्थित सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का स्वागत किया। 

 


लेखा एवं व्यवसायिक सांख्यिकी विभाग के अध्यक्ष प्रोफ़ेसर शूरवीर सिंह भाणावत ने गुणात्मक शोध की महत्वता के बारे में बताया और उन्होंने ऐसा भी बताया कि एकाउंटिंग नंबर किसी भी व्यवसाय की पूर्ण स्थिति प्रदर्शित नहीं करता है। लेहमन ब्रदर्स की घटना इस बात का महत्वपूर्ण उदाहरण है। वित्तीय विवरणों में प्रदर्शित लाभ किसी व्यवसाय के बारे में एक अनुकूल राय बताता है लेकिन वित्तीय विवरणों में प्रदर्शित नगद उस व्यवसाय की वास्तविक स्थिति को दर्शाता है। उन्होंने मुख्य अतिथियों को विभाग में चल रहे ब्लॉकचेन एकाउंटिंग प्रोजेक्ट जो कि रूसा द्वारा अनुदानित है के बारे में भी बताया एवं विभाग ने शोध कार्य में जो सफलता प्राप्त की है उनके बारे में भी बताया। प्रोफेसर आर के सिंह ने विभाग की शोध कार्य में सफलताओं के लिए बधाई दी। प्रोफेसर सिंह ने बताया कि वाणिज्य एवं प्रबंधन के अधिकांश शोध कार्य गुणवत्ता शोध पर आधारित होते हैं क्योंकि संख्यात्मक मापन पूर्ण वास्तविकता को प्रदर्शित नहीं कर सकता हैं। उन्होंने कहा कि अगर आप किसी शोध की गहराई में जाना चाहते हैं तो गुणात्मक विश्लेषण अति आवश्यक है। आगे प्रो. सिंह ने बताया कि आज के शोधार्थियों के शोध कार्य में विश्लेषण अधिक एवं संश्लेषण का अभाव होता है।

 कार्यक्रम में प्रोफेसर राजेश्वरी नरेंद्रन, डॉ. सचिन गुप्ता, डॉक्टर शिल्पा वर्डिया, डॉ शिल्पा लोढा, डॉक्टर पारुल दशोरा, डॉ रेनू शर्मा, डॉक्टर सचिन गुप्ता, डॉक्टर शैलेंद्र सिंह राव, डॉक्टर देवेंद्र श्रीमाली, श्री पुष्पराज जी मीणा उपस्थित थे। प्रोफेसर पी के सिंह ने बताया कि गुणात्मक शोध कल्पनाओं पर आधारित होता है जहां कल्पनाएं अधिक होती है वहां गुणात्मक शोध की गुणवत्ता भी अधिक होती है। उद्घाटन सत्र के समापन पर डॉक्टर आशा शर्मा ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया तथा बताया कि इस कार्यशाला में देश के विभिन्न हिस्सों से 60 से अधिक ऑनलाइन और ऑफलाइन मोड में प्रतिभागियों ने भाग लिया है

 प्रथम तकनीकी सत्र में प्रोफेसर आर. के. सिंह सर ने गुणवत्ता शोध की महत्वता के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि अलग अलग व्यक्ति का परिप्रेक्ष्य अलग अलग होता है इस परिप्रेक्ष्य को विश्लेषण करने के लिए गुणात्मक शोध एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। प्रो. सिंह ने गुणात्मक शोध का अध्ययन करने के लिए कुछ पुस्तकों के नाम भी बताएं। 

द्वितीय तकनीकी सत्र में प्रोफेसर हेमेंद्र कुमार डांगी ने Nvivo सॉफ्टवेयर पर व्यावहारिक अभ्यास करवाया। डॉ. डांगी ने बताया कि Nvivo का प्रयोग करके आप शोध कार्य में शब्द बारंबारता, वर्ड क्लाउड, ट्री चार्ट एवं अन्य गुणात्मक विश्लेषण कर सकते हैं। यह सॉफ्टवेयर शोधार्थियों के शोध कार्य की गुणवत्ता में अभिवृद्धि करेगा।


साभार :


© CopyRight Pressnote.in | A Avid Web Solutions Venture.