कोटा | चरित्र के बिना कुछ मिलने वाला नहीं, परिवर्तन के बिना विकास संभव नहीं हो सकता ये बात चन्द्रोदय तीर्थ क्षेत्र चांदखेडी जैन मंदिर खानपुर में चातुर्मास के दौरान चल रहे कल्याणकारी प्रवचन के दौरान महासागर जी महाराज ने कही। उन्होंने कहा कि असफलता बताती है कि तुम्हारे जीवन में पुण्य का अभाव है। उन्होंने कहा कि पुण्य कर्म का उदय होगा तो सफलता अपने आप मिल जाएगी, वही उत्तम सागर जी महाराज ने कहा कि हर क्षेत्र में लक्ष्य निर्धारित होना चाहिए हर कार्य को करने की एक विधि होती है, पहले अपनी आत्मा की शरण में जाना चाहिए, उन्होंने कहा कि भगवान व गुरु दुख से बचाने का मार्ग बता सकते हैं, दुख दूर नहीं कर सकते। उन्होंने खाना, भोजन व आहार में अंतर बताया और उनके गुण व अवगुण की जानकारी दी। उत्तम सागर जी महाराज ने कहा कि भगवान के भरोसे अंधकार में रहेंगे, भगवान इशारा देते हैं सहारा नहीं, भगवान के इशारे से ही कार्य सफल हो जाते हैं। महाराज श्री ने कहा कि कनक, कामिनी के बाद व्यक्ति कीर्ति फैलाना चाहता है, कीर्ति खलनायक या पुण्य आत्मा की होती है। पुण्य आत्मा की कीर्ति आने वाली पीढ़ी का मार्गदर्शन करती है। उन्होंने कहा कीर्ति दान देकर सामाजिक कार्य करके फैलाई जाती है, मान कसाय के बिना कीर्ति नहीं फैल सकती।
उधार लेकर नहीं करें कोई कार्य
महाराज श्री ने कहा कि ब्याज के आगे घोड़ा भी पीछे रह जाता है, कार्य के बाद गुस्सा आता है और गुस्सा दुकान के नौकर व घर परिवार पर निकलता है। इसलिए कभी भी कर्ज लेकर काम नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पुण्य नहीं होगा तो कुछ नहीं हो सकता। व्यक्ति पुण्य के नाम पर पीछे भागता है और पाप में आगे रहता है। उन्होंने कहा कि पुण्य छूटेगा तो व्यवस्था बिगड़ जाएगी। क्रोध और कसाय में कुछ दिखता नहीं और स्वयं का व दूसरे का विनाश होता है। कसाय से बचोगे तो कल्याण होगा। चांदखेडी के अध्यक्ष हुकम जैन काका ने बताया कि चन्द्रोदय तीर्थ क्षेत्र में मुनिसंघों के सानिध्य में चद्रोदय तीर्थ क्षेत्र की धरा धर्ममय हो गई है। हर क्षण भगवान की स्तुति से जीवन को सफल बनाने का श्रावक प्रयास कर रहा है। कमेटी के महामंत्री नरेश जैन वैद, कोषाध्यक्ष गोपाल जैन, अजय बाकलीवाल, महावीर जैन, प्रशांत जैन, कैलाश जैन भाल सहित कमेटी के सदस्यों सहित हर व्यक्ति चातुर्मास में अपनी आहुती दे रहा है। मुनि श्री के संघ में मुनि महासागर महाराज, मुनि निष्कंप सागर महाराज, क्षुल्लक गंभीर सागर और धैर्य सागर महाराज की उपस्थिति में जगत का कल्याण हो रहा है।