पांच मिनिट से ज्यादा मिर्गी का दौरा हो तो मरीज को तुरंत अस्पताल पहुंचाए

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Published on : 17 Nov, 21 13:11

पांच मिनिट से ज्यादा मिर्गी का दौरा हो तो मरीज को तुरंत अस्पताल पहुंचाए

उदयपुर। मिर्गी का दौरा पडने पर लोग मरीज को होश में लाने के लिए कई जतन करने लग जाते है। इससे भी ज्यादा घातक स्थिति मरीज की तब बन सकती है जब मरीज को पांच मिनिट से ज्यादा देर तक मिर्गी को दौरा उठ रहा होता है और उसे इलाज नहीं मिल पाता है। ऐसी स्थिति मरीज के जान पर भी बन सकती है।

यह कहना था जीबीएच जनरल हॉस्पीटल के न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. निशांत अश्वनी और जीबीएच अमेरिकन हॉस्पीटल के न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. पंकज तापडया का। वे बुधवार को नेशनल ऐपीलेप्सी डे के मौके पर हॉस्पीटल परिसर में आयोजित सेमीनार को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि मिर्गी के मरीज को दौरा कभी भी, कहीं भी आ सकता है। ऐसे मरीज को देखते ही लोग कई जतन करने लग जाते है, जबकि सबसे पहले ऐसे व्यक्ति के टाइट कपडों को ढीला कर देना चाहिए। उसे करवट में लेटाकर हवा आने दी जाएं। उस मरीज के अकडे हुए अंगों को जबरदस्ती सीधा करने का प्रयास नहीं करना चाहिए और ना ही उसके हाथ पैरों की मालिश करनी चाहिए और ना ही मुंह में कुछ भी डालना चाहिए। ऐसे मरीज पांच से छह मिनिट में यदि सामान्य स्थिति या होश में ना आए तो बिना समय गवाएं आसपास के डॉक्टर के पास ले जाएं, क्योंकि यदि इसी हालत में दोबारा दौरा पडता है तो स्थिति घातक होने का खतरा रहता है। उन्होंने रोग के लक्षण बताते हुए कहा कि जिन्हें पहले से इस तरह के रोग है वे तैराकी, ड्राइविंग, खतरनाक व भारी भरकम मशीनों पर काम करने से बचे। वे अपनी दवा का नियमित सेवन करें और बिना डॉक्टर के परामर्श के कोई भी दवा लेना बंद ना करें। ऐसे रोगी व्रत, उपवास से बचे और शराब का सेवन ना करें। देर रात तक ना जागे व कम से कम सात से आठ घंटे की नींद अवश्य लें। ग्रुप डायरेक्टर डॉ. आनंद झा ने बताया कि सेमीनार में अमेरिकन इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के प्राचार्य डॉ. विनय जोशी, मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. वीरेंद्र गोयल, यूनिट हैड दुष्यंत शुक्ला आदि मौजूद रहे।


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