समय प्रबंधन व नव सृजन से ही नए स्टार्टअप -प्रो. अमेरिका सिंह

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Published on : 23 Oct, 21 04:10

आर्थिक समृद्धि में पारंपरिक हस्त कशीदाकारी महत्वपूर्ण-सिंघल

समय प्रबंधन व नव सृजन से ही नए स्टार्टअप -प्रो. अमेरिका सिंह



- वस्त्र मंत्रालय हेंडीक्राफ्ट व सुविवि के डिपार्टमेंट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी एंड डिजाइनिंग विभाग का दो माह का हस्त कशीदाकारी कार्यशाला आरंभ 

उदयपुर। मोहनलाल सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.अमेरिका सिंह ने कहा कि हाथों में समृद्धशाली बननेे का गुण होता है, समय प्रबंधन व नव सृजन से ही नए स्टार्टअप सफलता की और अग्रसर होते है। 
 कुलपति प्रो. सिंह शुक्रवार को वस्त्र मंत्रालय हेंडीक्राफ्ट, भारत सरकार एवं मोहनलाल सुखाडिय़ा विश्विद्यालय के डिपार्टमेंट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी एंड डिजाइनिंग विभाग के संयुक्त तत्वावधान में दो माह की हस्त कशीदाकारी कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। कुलपति प्रो. सिंह ने कार्यशाला में भाग ले रहे प्रतिभागियों से कहा कि वें स्वयं का ब्रांड मार्केट में उतारने के उद्देश्य से ही कार्यशाला में तन्मयता से भाग लें।

लर्निंग एवं अर्निंग पर आधारित कार्यशाला : 
विश्वविद्यालय के संघटक आर्ट्स कॉलेज सभागार में  कार्यालय विकास आयुक्त हस्तशिल्प के असिस्टेंट डायरेक्टर गिरीश सिंघल ने उद्घाटन सत्र में कहा कि लर्निंग एवं अर्निंग पर आधारित यह कार्यशाला प्रतिभागियों को श्रेष्ठ आर्टिसन्स से सीखने के लिए प्रेरित करती है। सरकार की कई स्कीम्स से स्वरोजगार प्रारंभ किया जा सकता है जिसमें हस्त कला का क्षेत्र बहुत ही व्यापक है। 

एक्सपोर्ट में कशीदाकारी मार्केट में भारत अव्वल 

सिंघल ने कहा कि भारत से एक्सपोर्ट होने वाले हस्त कशीदाकारी का मार्केट शेयर बहुत ज्यादा है,इसमें आय अर्जित करने के अवसर सदैव खुले रहते है। उन्होंने बताया कि डंका,गोटा पत्ती, सोने चांदी के तारों से की जाने वाली   कशीदाकारी के लिए राजस्थान और उदयपुर प्रसिद्ध है।

सृजनात्मकता में नए विचारों का आवागमन

आट्र्स कॉलेज के एसोसिएट डीन प्रो.प्रदीप त्रिखा ने कहा कि सृजनात्मकता में नए विचारों का आवागमन हमेशा चलता है । सुई धागा और कपड़ों के रंग बिरंगे संसार के साथ आर्थिक विकास भारत की परंपरा में है। कार्यशाला के प्रारंभ में फैशन टेक्नोलॉजी एवं डिजाइनिंग की प्रभारी डॉ.डॉली मोगरा ने बताया कि कार्यशाला में सभी तरह की कशीदाकारी को सम्मिलित किया जाएगा। इसके तहत एथनिक व वेस्टर्न वियर की रेंज को फ्यूजन करके श्रेष्ठ उत्पादन करने पर जोर दिया जाएगा। 

इनका हुआ सम्मान 
कार्यशाला में हस्तकाशीदाकारी के क्षेत्र में प्रसिद्ध विभूतियों का अतिथियों द्वारा सम्मान किया गया। कलाग्राम की प्रिया खान को हस्तकशीदाकारी में, मोहम्मद जाफर को डंके के कार्य के लिए, आजाद वर्डिया को बीड वर्क एवं निशाद बानो को आरी-तारी के कार्य के लिए कलाभूषण सम्मान से सम्मानित किया गया।

सीखने के साथ आर्थिक मदद 
प्रतिभागियों को सीखने के दौरान मिलेगी आर्थिक सहायता। 
इस ट्रेनिंग में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों को सीखने के लिए सरकार द्वारा 15000 रुपए का आर्थिक अनुदान मिलेगा। संचालन डॉ. ममता कावडिय़ा ने  किया।

विभाग में प्रवेश प्रक्रिया अंतिम चरण में 
जन संचार प्रभारी डॉ. पी. एस.राजपूत ने बताया कि आर्ट़्स कॉलेज में फैशन टेक्नोलॉजी एंड डिजाइनिंग विभाग में सभी कोर्सेज में प्रवेश प्रक्रिया जारी है।  तीन डिप्लोमा कोर्सेज के साथ फैशन टेक्नोलॉजी एंड डिजाइनिंग में मास्टर्स कोर्स में प्रवेश लेकर इस क्षेत्र में कैरियर बनाया जा सकता है। विद्यार्थियों को न्यूनतम फीस के साथ विभाग में आधुनिक मशीनों की लैब्स में सीखने व कार्य करने का अनुभव मिलता है।


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