OMG-प्रतिदिन 250  प्लास्टिक महीन  कण खा रहे हैं हम  

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Published on : 17 Oct, 21 14:10

झीलों मे प्लास्टिक विसर्जन से पेयजल मे  आते हैं प्लास्टिक कण

 OMG-प्रतिदिन 250  प्लास्टिक महीन  कण खा रहे हैं हम  

उदयपुर,  प्लास्टिक व पॉलीथीन के बेतहाशा इस्तेमाल व जल स्रोतों व जमीन पर इनके विसर्जन से प्लास्टिक के माइक्रो कण भोजन व पेयजल से हमारे शरीर मे जा रहे है। पर्यावरण व मानव  स्वास्थ्य पर इसका विषैला प्रभाव हो रहा है। 

यह चिंता रविवार को आयोजित झील संवाद मे व्यक्त की गई।

  विश्व खाध्य दिवस  16 अक्टूबर के इस वर्ष के  संदेश " स्वस्थ कल के लिए आज सुरक्षित भोजन" के संदर्भ मे बोलते हुए झील संरक्षण समिति के डॉ अनिल मेहता ने कहा कि औसतन एक व्यक्ति प्रतिदिन 250 माइक्रो प्लास्टिक कण खा रहा है। प्रति सप्ताह हम 5 ग्राम तक प्लास्टिक खा लेते है।  झीलों व आयड नदी मे प्लास्टिक के विसर्जन से झीलों का  पेयजल  व भूजल दोनो मे प्लास्टिक के महीन कण घुल  रहे हैं। यह गंभीर रोगों को जन्म दे रहा है।

झील विकास व सुरक्षा समिति के सदस्य तेज शंकर पालीवाल ने कहा कि झीलों मे सामिष व निरामिष दोनो प्रकार के झूठे  व बचे हुए भोजन का विसर्जन हो रहा है। इससे सड़ान्ध हो रही है एवं झीलें प्रदूषित हो रही है।  झूठा डालना छोड़ने व जितना आवश्यक उतना ही भोजन निर्माण जैसे  व्यहवार से इस बर्बादी को रोका जा सकता है। 

 

गांधी मानव कल्याण समिति के निदेशक नंद किशोर शर्मा ने कहा कि   मछलियों के शरीर से लेकर माँ के दूध तक मे प्लास्टिक के महीन कण पाए गए हैं।  सिंगल यूज प्लास्टिक के अत्यधिक इस्तेमाल ने माइक्रो प्लास्टिक की समस्या को बढ़ाया है।  सामाजिक जागृति से ही पॉलीथीन का प्रयोग रुकेगा।

द्रुपद सिंह, मोहन सिंह चौहान एवं रमेश चंद्र राजपूत ने कहा कि प्रशासन को  झील क्षेत्र को तुरंत पॉलीथीन फ्री क्षेत्र घोषित कर देना चाहिए।

 

संवाद से पूर्व अमर कुंड पीछोला से प्लास्टिक पॉलीथीन का कचरा हटाया गया  व जलीय  खरपतवार , 

 सड़ी  खाद्य सामग्री निकाली गई। 

 

श्रमदान में मोहन सिंह चौहान,रमेश चन्द्र राजपूत, द्रुपद सिंह,धारित्र मेहता, तेजशंकर पालीवाल, नन्द किशोर शर्मा व स्थानीय युवाओं ने भाग लिया।

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