पेसिफिक हॉस्पिटल बेदला उदयपुर ने दक्षिण राजस्थान में मस्तिष्क धमनी विकार के लिए पहला कंटूर डिवाइस प्लेसमेंट किया

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Published on : 08 Oct, 21 10:10

पेसिफिक हॉस्पिटल बेदला उदयपुर ने दक्षिण राजस्थान में मस्तिष्क धमनी विकार के लिए पहला कंटूर डिवाइस प्लेसमेंट किया

उदयपुर। पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्प्टिल के पेसिफिक सेन्टर ऑफ न्यूरो साइन्सेस में ब्रेन हेमरेज के पीढित मरीज की धमनी में दक्षिणी राजस्थान की पहली कंटूर डिवाइस लगाकर उसको नया जीवनदान दिया। इस मरीज के कंटूर डिवाइस प्लेसमेंट में मस्तिष्क एवं लकवा रोग विशेषज्ञ डॉ.अतुलाभ वाजपेयी,डॉ.रमाकांत,डॉ.अखिलेश,डॉ.आलोक,डॉ.चंद्र शेखर एव टीम का सहयोग रहा।
दरअसल नाथद्वारा निवासी ४७ बर्षीय महिला को मस्तिष्क में तेज दर्द, उल्टी, घबराहट के चलते परिजन पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल, के पेसिफिक सेन्टर ऑफ न्यूरों साइन्सेंस लेकर आए। जहाँ पर रोगी को मस्तिष्क एवं लकवा रोग विशेषज्ञ डॉ अतुलाभ वाजपेयी को दिखाया तो जॉच करने पर रोगी के मस्तिष्क में ब्रेन हेमरेज का होना पाया गया। महिला को भर्ती करके  मस्तिष्क की ऐन्जियोग्रॉफी करने पर मस्तिष्क की नस में एक बडे मुँह का गुब्बारा पाया गया। महिला पिछले एक साल से उच्च रक्तचाप से भी ग्रसित थी, लेकिन वह नियमित उपचार नहीं ले रही थी। 
मस्तिष्क एवं लकवा रोग विशेषज्ञ डॉ अतुलाभ वाजपेयी ने बताया कि मस्तिष्क की ऐन्जियोग्रॉफी में पाये गये चोडे मुँह के तिकोने गुब्बारे को फटने से रोकने के लिए उसे बंद किया जाना आवश्यक था परन्तु गुब्बारे को बंद करने के उपचारों में रोगी के मस्तिष्क में कोइलिंग, क्लिपिंग, स्टेंड असिस्टेंट कोईलिंग, फ्लो डाइवर्टर, आदि कोई भी माध्यम संभव नहीं था।
डॉ.वाजपेयी ने स्पष्ट किया कि रोगी के उपचार के लिये नवीनतम तकनीक कंटूर डिवाइस द्वारा गुब्बारे को बंद किया जो कि उदयपुर में प्रथम बार एवं राजस्थान में दूसरी बार किया गया। गौरतलब है कि कंटूर डिवाइस का उपयोग इंट्राक्रैनील एन्यूरिज्म के इलाज के लिए किया जाता है। कंटूर एक छतरी जैसी डिवाइस है जो एन्यूरिज्म के अंदर और बाहर रक्त के प्रवाह को मोडती है और बाधित करती है। साथ ही इसमें मरीज को खून पतला करने की दवाई भी लेनी नहीं पडती है। 
पीएमसीएच के चेयरमैन राहुल अग्रवाल का कहना है कि बेहतर इलाज के लिए बेहतर इक्यूपमेंट, तकनीक और विश्वसनीय टीम महत्वपूर्ण होती है,जों कि पेसिफिक हॉस्पिटल में उपलब्ध है। मरीज अब पूरी तरह से स्वस्थ्य हैं।
 


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