कविता- हृदय में हिंदी

( 5814 बार पढ़ी गयी)
Published on : 18 Sep, 21 08:09

-लक्ष्मीनारायण खत्री

कविता- हृदय में हिंदी

 विश्व में

हिंदुस्तान की

पहचान

हिंदी मे है ज्ञान

इसमें सृजन

सुख का ध्यान

लोकजीवन

की है यह भाषा

यहां

नित बोली

में अभिव्यक्ति

की सदा अभिलाषा

शब्द शब्द

में मधुरता

बोली में रागात्मकता

जन गण के

हृदय में हिंदी

क्षण क्षण सिद्धि।


साभार :


© CopyRight Pressnote.in | A Avid Web Solutions Venture.