पारस अस्पताल ने किया दक्षिणी राजस्थान का पहला 3डी तकनीक से घुटना प्रत्यारोपण

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Published on : 03 Aug, 21 11:08

घुटनों के दर्द से था चलना भी बाधित, प्रत्यारोपण के दिन ही मरीज़ चलने योग्य

पारस अस्पताल ने किया दक्षिणी राजस्थान का पहला 3डी तकनीक से घुटना प्रत्यारोपण

उदयपुर : घुटनों की बहुत सी गंभीर समस्याओं के केसेज़ में घुटना प्रत्यारोपण की सलाह दी जाती है लेकिन इसको लेकर व्यापक स्तर पर भ्रम की स्थिति है। अक्सर लोग सही जानकारी के आभाव में इस विकल्प से डरते नज़र आते हैं, जबकि इलाज के दृष्टिकोण से घुटना प्रत्यारोपण एक वाकई बेहतरीन विकल्प है, साथ ही बीते लम्बे दौर में इसमें आधुनिकताएं आईं हैं। हाल ही में पारस जेके अस्पताल, उदयपुर ने दक्षिणी राजस्थान का पहला 3 डी तकनीक से घुटना प्रत्यारोपण किया, जो नI केवल सफल रहा बल्कि मरीज़ को प्रत्यारोपण वाले दिन ही चलने योग्य बना दिया गया और प्रोसीजर के दो दिनों बाद ही अस्पताल से छुट्टी भी दे दी गई। 

60 वर्षीय कनक लता जैन राजस्थान के बांसवाड़ा जिले की रहने वाली हैं। बीते समय जुलाई महीने में उनको घुटनों में बहुत तेज़ दर्द के कारण पारस जेके अस्पताल, उदयपुर में भर्ती किया गया। कनक लता काफी समय से घुटनों के दर्द से पीड़ित थीं, उन्हें चलने-फिरने में बहुत कठिनाई का सामना करना पड़ रहा था। उन्होंने बहुत सी अन्य जगहों से इलाज करवाया, दवाओं का सेवन किया लेकिन किसी जगह से भी सफलता नहीं मिली। पारस जेके अस्पताल, उदयपुर आने पर सभी ज़रूरी जांच के बाद उनकी स्थिति देखते हुए डॉक्टर आशीष सिंघल, कंसल्टेंट ओर्थोपेडिक्स एंड जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जन ने उन्हें घुटना प्रत्यारोपण का विकल्प बताया। मरीज़ की सहमती के बाद 3डी तकनीक के साथ घुटना प्रत्यारोपण किया गया और कनक लता ठीक उसी दिन चलने योग्य भी हो गईं। 

3डी तकनीक घुटना प्रत्यारोपण में सबसे आधुनिक है, इसके तहत सीटी स्कैन व 3डी नेविगेशन तकनीक की मदद से प्रभावित घुटने की एक प्रकार से 3डी इमेज तैयार की जाती है। यह 3डी  इमेज इस प्रक्रिया को आधुनिक बनाती है। इस प्रकार ठीक आकार और प्रभावित इलाके को रिप्लेस करना बहुत आसान हो जाता है। 

डॉक्टर आशीष सिंघल, कंसल्टेंट ओर्थोपेडिक्स एंड जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जन, पारस जेके अस्पताल, उदयपुर बताते हैं, “3डी नेविगेशन की तकनीक के साथ घुटना प्रत्यारोपण करने के इस प्रोसीजर के तहत सटीकता की संभावना बढ़ जाती है, साथ ही इसमें बेहद कम खून बहने का जोखिम होता है और मरीज़ के जल्दी ठीक होने की भी सम्भावना होती है। इसमें अस्पताल में भी ज़्यादा दिन रुकना नहीं पड़ता है।  पारस जेके अस्पताल, उदयपुर अपने मरीज़ों को  आधुनिक व सर्वोच्च इलाज देने के लिए हमेशा तैयार है।”

बोन एंड जॉइंट डे के इस अवसर पर ज़रूरी है कि हम अपनी हड्डियों और जोड़ों का ख़ास ख्याल रखना सीखें। स्वस्थ शरीर में स्वस्थ हड्डियों की बहुत बड़ी भूमिका होती है। ऐसे में इनका ख़ास ख्याल रखने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करें और अपने भोजन में कैल्शियम, प्रोटीन व अन्य पोषक तत्वों की उचित मात्रा अपने भोजन में जोड़ें। साथ ही हड्डियों में लगातार होने वाले किसी दर्द को नज़रंदाज़ नI करें और तुरंत डॉक्टर की सलाह लें ताकि आने वाले जोखिम को कम किया जा सके। 


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