83 प्रतिशत रेलकर्मियों को वैक्सीन की पहली व 20 प्रतिशत को दोनों डोज दी’

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Published on : 27 Jul, 21 10:07

83 प्रतिशत रेलकर्मियों को वैक्सीन की पहली व 20 प्रतिशत को दोनों डोज दी’

श्रीगंगानगर,  रेलवे के पास अपने कर्मचारियों और उनके आश्रितों को बीमारी के दौरान चिकित्सा और राहत प्रदान करने के लिए अपनी चिकित्सा प्रणाली है। इस उद्देश्य के लिए जोनल और मंडल स्तरों पर अस्पताल और हैल्थ यूनिटें कार्य कर रही हैं। उत्तर रेलवे का मुख्य रैफरल अस्पताल नई दिल्ली में स्थित है, जबकि सभी पांचों मंडलों में मुख्य मंडल, उपमंडल स्तरों पर हैल्थ यूनिटें और मंडल अस्पताल हैं तथा चिकित्सा में 216 डाॅक्टर और 2650 पैरामेडिक शामिल हैं।
 उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक श्री आशुतोष गंगल ने बताया कि उत्तर रेलवे के चिकित्साकर्मियों ने कोरोना महामारी की दूसरी घातक लहर के दौरान रोगियों के इलाज के लिए अथक प्रयास किया। रेलवे लाभार्थियों जिनमें सेवारत और सेवानिवृत्त कर्मचारी व उनके आश्रित शामिल हैं तथा गैर.रेलवे लाभार्थियों का विभिन्न अस्पतालों में प्रभावी ढंग से इलाज किया गया।उन्होनेे बताया कि मई से जून माह के दौरान 25000 आरटी-पीसीआर टेस्ट किए गए, जिनमें 7200 लोग संक्रमित पाए गए। 710 कोविड़ बैड़ों, 24 आईसीयू बैडों और 61 वेंटिलेटरों की संयुक्त सुविधा के साथ जोन पर 1900 गंभीर मामलों का इलाज किया गया। चरम संक्रमण के दौरान आॅक्सीजन पर रह रहे रोगियों के लिए आॅक्सीजन की आवश्यकता बढ़ी तो रेल निवास आॅफिसर्स रैस्ट हाउस नई दिल्ली में आॅक्सीजन सुविधा वाले 108 बैडों की व्यवस्था की गई। सही समय पर किए गए इस उपाय से अनेक लोगों की जान बचाई गई।
 उन्होने बताया कि चरम संक्रमण के दौरान यह सुनिश्चित किया गया कि जोन के अंतर्गत सभी अस्पतालों में मेडिकल आॅक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति बनी रहे, इसके लिए हाल ही में केंद्रीय अस्पताल में 500 लीटर मिनट की क्षमता वाला एक आॅक्सीजन उत्पादन संयंत्र भी स्थापित किया गया है। ऐसे 5 और संयंत्रा मंडल अस्पतालों में भी स्थापित करने की प्रक्रिया चल रही है। इससे जोन के अस्पतालों में मेडिकल आॅक्सीजन की आपूर्ति के लिए बाहरी स्रोतों पर निर्भरता कम होगी।
 उन्होने बताया कि इस घातक वायरस ने बहुत से लोगों में कोविड़ से ठीक हो जाने के बाद भी अन्य तरह के साइड इफैक्ट पैदा कर दिए हैं। इसी तरह की जटिलताओं से जूझ रहे रेलवे लाभार्थियों के इलाज के लिए 47 बैड़ अलग रखे गए हैं। उत्तर रेलवे केंद्रीय अस्पताल में म्यूकाॅरमाइकोसिस के 18 रोगियों का इलाज किया गया है। माननीय प्रधानमंत्री के टीकाकरण कार्यक्रम को गति देते हुए उत्तर रेलवे ने अपने 83 प्रतिशत कर्मचारियों को टीके की पहली खुराक दी गई और लगभग 20 प्रतिशत कर्मचारियों को टीके की दोनों खुराकें दी गई हैं। उत्तर रेलवे के टीकाकरण केंद्र अब गैर रेलकर्मियों के लिए भी खुले हैं। संबंधित राज्य सरकारों ने भी इन टीकाकरण केंद्रों को नामित किया है।


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