सम्बंधित समाचार पत्र के खिलाफ मानहानि का चार करोड़ रुपए का नोटिस

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Published on : 27 Jul, 21 05:07

डूंगरपुर की गैप सागर झील पर अतिक्रमण की खबर भ्रामक,ग़लत, तथ्यहीन आधारहीन और मनगढ़ंत तथा राजपरिवार को बदनाम करने की साज़िश - सांसद हर्ष वर्धन सिंह डूंगरपुर

सम्बंधित समाचार पत्र के खिलाफ मानहानि का चार करोड़ रुपए का नोटिस

नई दिल्ली/डूंगरपुर।  राज्य सभा सांसद हर्षवर्धन सिंह डूंगरपुर,ने ऐतिहासिक नगर डूंगरपुर की गैप सागर झील पर नगर के एक दैनिक अख़बार द्वारा अतिक्रमण की मनगढ़ंत खबर प्रकाशित करने को लेकर आज सोमवार को एक लिखित वक्तव्य जारी किया है।
वक्तव्य  में कहा गया है कि गैप सागर पर अतिक्रमण को लेकर डूंगरपुर के एक समाचार पत्र ने जो समाचार प्रकाशित किया है वह भ्रामक,ग़लत, तथ्यहीन और आधारहीन है  तथा डूंगरपुर के गौरवपूर्ण राजपरिवार की प्रतिष्ठा को ढेस पहुँचाने की गलत नियत से प्रकाशित किया गया है। 
उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में बिना तथ्य को जाने व समझे मुझे और डूंगरपुर राजपरिवार की प्रतिष्ठा को ख़राब करने और बदनाम करने की यह गहरी साजिश  है। उन्होंने कहा कि जिस गैपसागर तालाब को हमारे राजपरिवार के पुरखों ने  जनता के हित में बनवाया उसे पाटने की कल्पना तक हम कभी नही कर सकते।

सांसद हर्ष वर्धन सिंह डूंगरपुर ने बताया कि विजय राजराजेश्वर मंदिर, डूंगरपुर के ठीक सामने जो भूभाग है, वह बरसो से जैसा था वैसा ही आज भी है,जिसका उपयोग व उपभोग राजपरिवार अपने निवास उदयबिलास पैलेस के निजी बगीचे के रूप में वर्षों से करते आ रहा है। उसकी भौतिक स्थिति में आज तक किसी प्रकार का कोई बदलाव नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि समाचार पत्र में झील की भूमि पाटने  की खबर तथ्य हीन, गलत व भ्रामक है।उन्होंने बताया कि मौके पर मौजूद गोलाकार भाग उदयबिलास पैलेस का ही अभिन्न भाग है।
हर्षवर्धन सिंह डूंगरपुर ने बताया कि  इस भूमि के सम्बन्ध में मेरे पास प्रमाणित तथ्यों के सबूत मौजूद है और इस पर मेरे परिवार का पूर्ण स्वामित्व होने के कारण हमने अपने वकील के माध्यम से सम्बंधित समाचार पत्र के खिलाफ मानहानि का चार करोड़ रुपए का नोटिस दिया है तथा उन पर पृथक से क़ानूनी कार्यवाही भी की जाएगी।

उन्होंने बताया कि वीर शिरोमणी महाराणा प्रताप के वंश से जुड़े डूंगरपुर राजपरिवार का देश-विदेश में अपना एक अलग ही इतिहास और गौरव पूर्ण स्थान रहा हैं । हमारे पितामह महारावल उदय सिंह प्रथम ने राणा सांगा के साथ बाबर की सेना के ख़िलाफ़ युद्ध भूमि में अपने प्राण न्योछावर किए। हमारा परिवार सदियों से डूंगरपुर और वागड़ अंचल की जनता की सेवा में जुटा रहा है। मेरे दादा महारावल लक्ष्मणसिंह राजस्थान विधान सभा में पहले वर्षों प्रतिपक्ष के नेता रहें और बाद में विधानसभा अध्यक्ष भी बने। राजपरिवार के डॉ नागेन्द्र सिंह अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय हेग में भारत ही नहीं एशिया से पहले जज और अध्यक्ष रहें। राजसिंह डूंगरपुर ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड का अध्यक्ष बन डूंगरपुर की शोहरत को देश दुनिया में बढ़ाया। हमारे  राजपरिवार ने जल संरक्षण, वनों के विकास से लेकर शिक्षा स्वास्थ्य संस्कृति आदि के संवर्धन  के लिए अनेकों काम किए।लेकिन दुर्भाग्य से आज राजपरिवार और मेरी छवि को धूमिल  करने और हम पर बेवजह दबाव बनाने के लिए   लिए सुनियोजित तरीके से कतिपय लोगों द्वारा यह षड़यंत्र रचा जा रहा है।


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