आंवलहेड़ा पंचफल उद्यान में सीताफल की खेती से हरियाली और पंचायत की स्थायी आय का बढे़गा स्त्रोत

( 15574 बार पढ़ी गयी)
Published on : 20 Jul, 21 06:07

हिन्दुस्तान जिंक द्वारा आंवलहेड़ा ग्राम पंचायत के सहयोग से बालानगरी किस्म के 1300 पौधे लगाए

आंवलहेड़ा पंचफल उद्यान में सीताफल की खेती से हरियाली और पंचायत की स्थायी आय का बढे़गा स्त्रोत

हिन्दुस्तान जिंक  द्वारा ग्रामीण विकास के लिये की जा रही पहल के अंर्तगत ग्राम पंचायत आंवलहेड़ा स्थित पंचफल उद्यान पर सीताफल की बालानगरी किस्म के 1300 पौधे लगाने का कार्य किया जा रहा है। अगले तीन वर्षो में इन पौधों से हरियाली के साथ साथ इन पर फल लगने से यह पहल ग्राम पंचायत के लिये स्थायी आय का स्त्रोत भी बन जाएगें।

आंवलहेड़ा की सरपंच लीलादेवी कुमावत ने कहा कि हिन्दुस्तान जिंक  और ग्राम पंचायत द्वारा पंचफल को विकासित करने के लिये ग्राम पंचायत द्वारा गड्ढे कराने एवं जिंक  द्वारा सीताफल के पौधे उपलब्ध कराये गये है। फलदार पौध लगाने से आस पास के क्षेत्र में हरियाली के साथ जल्द ही भविष्य में पंचायत को स्थायी आय भी मिलेगी।

हिन्दुस्तान जिंक  द्वारा आंवलहेडा में उद्यानिकी विकास कार्यक्रम एवं पेयजल कूप, पम्प एवं पाईपलाईन बिछा कर गा्रमीण जनता के लिए पेयजल की आपूर्ति आवश्यकता के साथ ही चरागाह भूमि को पंचफल उद्यान में विकसित किया गया। ग्राम पंचायत के सहयोग से चरागाह उद्यानिकी विकास कार्यक्रम के तहत् 7.28 हेक्टेर क्षेत्र में पूर्व में फलदार पौधे मय ड्रीप ईरिगेशन एवं वानिकी पौधे लगाकर विकसित करने का कार्य किया गया है। इन पौधो के लिए 33 हजार भराव लीटर क्षमता के जल संग्रहण केन्द्र का निर्माण एवं वायर फेन्सिग भी हिन्दुस्तान जिंक द्वारा किया गया है। पौध लगाने हेतु गांव प्रतिनिधि रतन कुमावत, नारायण कुमावत, मुकेश वैष्णव, शंकर कुमावत का सक्रिय योगदान रहा।

अगले तीन वर्षो में मिलने लगेगी सीताफल की पैदावार

बालानगरी सीताफल की किस्म जिले की जलवायु के अनुकूल है, पंचफल में उपलब्ध मिट्टी और पानी की मात्रा से यह फसल संभव है। बरसात के मौसम में सीताफल की फसल लगायी जाती है। पंचफल पर पहाडी ढलान पर पानी को इकट्ठा करने का इंतजाम किया गया है। संभवतया अगले तीन वर्षो में सीताफल की पैदावार मिलने लगेगी।

 


साभार :


© CopyRight Pressnote.in | A Avid Web Solutions Venture.