जाने-माने इतिहासकार श्री नंदकिशोर शर्मा का अभिनन्दन

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Published on : 20 Jul, 21 05:07

समय की मांग है इतिहास का पुनर्लेखन - श्री शर्मा

जाने-माने इतिहासकार श्री नंदकिशोर शर्मा का अभिनन्दन

जैसलमेर, जाने-माने इतिहासकार एवं लोकसंस्कृतिमर्मज्ञ श्री नंदकिशोर शर्मा ने  इतिहास के पुनर्लेखन की आवश्यकता पर जोर दिया है और कहा है कि इस दिशा में अछूते रह गए ऎतिहासिक तथ्यों और यथार्थ को सामने रखकर गहन अनुसंधान किए जाने की आवश्यकता है ताकि नई पीढ़ी सही-सही इतिहास से रूबरू हो सके। 

*पूर्ण सत्य का उद्घाटन हो*

श्री शर्मा ने कहा कि भारतीय इतिहास में खूब सारी विकृतियों और गलत जानकारियों का समावेश है जिसके कारण से कई बार भ्रम की स्थिति पैदा हो जाती है और गौरवशाली भारतीय इतिहास के सही तथ्यों एवं घटनाओं को पूर्ण सत्य के साथ इतिहास में समाहित नहीं किया गया है, यह इतिहास के साथ धोखा है और पूर्वजों की गौरवशाली परम्पराओं एवं गर्वीली संस्कृति का अपमान है।

*देश के इतिहासकारों को आगे आना चाहिए*

उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि जब हमें सत्य और यथार्थ पर आधारित इतिहास से देश और दुनियावासियों को अवगत कराते हुए भारत की अनुपम थाती और शौर्य-पराक्रम एवं विलक्षण गौरवशाली सृजन एवं गाथाओं को जन-जन तक पहुंचाते हुए गौरवगान करना होगा। इस बारे में देश के इतिहासकारों को आगे आना होगा अन्यथा आने वाली पीढ़ियों और यह राष्ट्र हमें माफ नहीं करेगा और भगवान के घर भी हम अपराधी ठहराए जाएंगे।

श्री शर्मा ने यह उद्गार रविवार रात जैसलमेर जिला मुख्यालय स्थित मरु संग्रहालय में इतिहास विषयक कार्यक्रम में व्यक्त किए। उन्होंने बताया कि ऎतिहासिक सत्य, शत-प्रतिशत यथार्थ और तथ्यों को उजागर करते हुए कई रहस्यों को अनावरित करने की दिशा में महत्वपूर्ण उनका ग्रंथ शीघ्र ही प्रकाश में आने के बाद इतिहास विषय के शोधार्थियों एवं जिज्ञासुओं को कई दुर्लभ एवं अहम् संदर्भ ज्ञान प्राप्त हो सकेगा।

*लोक संस्कृति एवं परंपराओं पर गहन शोध जरूरी*

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सांस्कृतिक विषयों के लेखक एवं साहित्यकार, थार हैरिटेज म्यूजियम के संचालक लक्ष्मीनारायण खत्री ने जैसलमेर के इहिास, लोक संस्कृति, परंपराओं एवं लोक जीवन से संबंधित विलक्षण थातियों के संरक्षण एवं व्यापक प्रचार-प्रसार की दिशा में बहुआयामी, ठोस एवं सार्थक प्रयासों पर बल दिया।

*श्री शर्मा का योगदान अतुलनीय*

उन्होंने मरु संस्कृति के संरक्षण एवं देश-दुनिया को विलक्षण विरासतों से परिचित कराने में वयोवृद्ध इतिहासकार एवं लोक संस्कृति मर्मज्ञ श्री नंदकिशोर शर्मा द्वारा दशकों से की जा रही समर्पित सेवाओं को स्तुत्य बताया और कहा कि उनका समर्पित कर्मयोग नई पीढ़ी के लिए अनुकरणीय है।

*उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मान-अभिनंदन(

इस अवसर पर समाज-जीवन के विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिनिधियों की ओर से श्री नंदकिशोर शर्मा का दशकों से की जा रही उनकी सेवाओं को जैसलमेर के लिए अमूल्य बताते हुए सम्मान एवं अभिनंदन किया गया।

*शेवी करनेल की पुस्तक भेंट*

इस अवसर पर जयपुरी सामान ग्रुप की सीईओ श्रीमती मनीषा पाण्डे ने लेखिका शेवी करनेल की आंग्ल भाषा में प्रकाशित पुस्तक ‘‘ द नेमलेस गोड’’ श्री शर्मा को भेंट की। इस पुस्तक में लेखिका ने साम्प्रदायिक सौहार्द व पारस्परिक आत्मीय संबंधों, धर्म निरपेक्षता और मानवीय मूल्यों पर प्रेरणास्पद लेखन के लिए जरिये अमन-चैन और तरक्की का पैगाम दिया है। श्रीमती पाण्डे ने श्री शर्मा को हस्तशिल्प का बेहतरीन उपहार भी भेंट किया।

*एकल प्रयासों ने दी पहचान*

आरंभ में कार्यक्रम आयोजक श्रीमती मनीषा पाण्डे ने सभी आगंतुकों का स्वागत करते हुए इतिहासकार श्री नन्दकिशोर शर्मा के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला और कहा कि उनके एकल प्रयासों और ऎतिहासिक योगदान ने जैसलमेर को दुनिया में पहचान दी है। उन्होंने कार्यक्रम में भागीदारी के लिए सभी का आभार व्यक्त किया।

कार्यक्रम में रंगकर्मी विजय बल्लाणी, गायक कलाकार गोविन्द भाटिया, हेमन्त शर्मा, श्रीमती शिल्पा, निखिलेश शर्मा, वीरेन्द्र पुरोहित, कठपुतली कलाकार सुरेश भाट, किशोर भाट, कल्याण भाट, चित्रकार डॉ. उमेश शर्मा, उदित शर्मा आदि ने पुष्पहारों से श्री नंदकिशोर शर्मा का स्वागत किया।

इस अवसर पर श्री नंदकिशोर शर्मा ने जैसलमेर के इतिहास और परंपराओं से जुड़ी कई गाथाओं और रहस्यों के बारे में जानकारी दी।


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