कृषि विधार्थी नौकरी के बजाय जॉब प्रोवाइडर बने- डॉ राठौड़

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Published on : 05 Jul, 21 05:07

कृषि विधार्थी नौकरी के बजाय जॉब प्रोवाइडर बने- डॉ राठौड़

डेयरी एवं खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय  संघटक महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, में 3 जुलाई 2021 को डेयरी और खाद्य प्रौद्योगिकी कॉलेज में कृषि और संबद्ध धाराओं के स्नातकों के लिए कैरियर के अवसरों पर वेबिनार श्रृंखला शुरू हुई। इस श्रृंखला का उद्देश्य स्नातक के बाद उपलब्ध सभी संभावित कैरियर ट्रैजेक्ट्री पर छात्रों को जागरूक करना है।

कार्यक्रम संरक्षक एवं मुख्य अतिथि प्रो. नरेंद्र सिंह राठौड़, कुलपति, महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, अध्यक्ष प्रो. नरेंद्र कुमार जैन, अधिष्ठाता, डेयरी एवं खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय तथा कार्यक्रम आयोजन सचिव डॉ. निकिता वधावन थे। कार्यक्रम के प्रथम सत्र के मुख्य वक्ता श्री उत्सव आमेटा, सीनियर एक्ससेक्युटिव, अमूल, श्री रोहित सोनार्थी, छात्र, आई.आई.एम. लखनऊ तथा सुश्री विधि भट्ट, छात्र, आई.आई.एम., अहमदाबाद थे। कार्यक्रम के आरंभ में डॉ निकिता वधावन ने कार्यक्रम के उद्देश्य से सभी को अवगत कराया। 

मुख्य अतिथि प्रो. नरेंद्र सिंह राठौड़ ने वेबिनार की सराहना करते हुए बताया कि विश्वविद्यालय में 100 से भी अधीक वेबिनार आयोजीत हुए हैं किंतु यह वेबिनार अद्वितीय है क्योंकि इसमें विश्वविद्यालय में पूर्व पढ़े छात्रों ने अपने जीवन के अनुभव और सफलता के सूत्रों को अध्ययनरत छात्रों के साथ साझा किया है। प्रो. राठौड़ ने बताया कि विद्यार्थियों को पाठ्यक्रम के साथ साथ पाठ्यानुवर्ती गतिविधियो में भी भाग लेना चाहिए। उन्होंने बताया कि वर्तमान परिदृश्य में विद्यार्थियों का धेय्य जॉब प्रोवाइडर, नॉट जॉब सीकर अर्थात नौकरी तलाशने वाला नहीं बल्कि नौकरी देने वाला होना चाहिये। उन्होंने छात्रों को मार्गदर्शन देते हुए समझाया कि कैसे कृषि को तकनीक के साथ जोड़कर समाज में लाभकारी व्यवसायों को क्रियान्वित किया जा सकता है। विद्यार्थियों को रचनात्मकता के साथ कृषि, डेयरी एवं खाद्य प्रौद्योगिकी में नवाचार लाने चाहिए। प्रो. राठौड़ ने छात्रों का प्रोत्साहन करते हुए बताया कि कृषि में रोजगार के कई अवसर हैं। उन्होंने कहा कि छात्र अपने कड़े परिश्रम तथा लगन से स्वर्णिम भविष्य का निर्माण कर सकते हैं। 

प्रो. नरेंद्र कुमार जैन अधिष्ठाता, डेयरी एवं खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय ने बताया कि वेबिनार उन छात्रों के लिए बनाया गया है जो एक मजबूत करियर बनाना चाहते हैं, लेकिन भ्रम और संदेह के कारण आगे नहीं बढ़ सकते हैं। कोविड के कारण विद्यार्थी बाहर नहीं जा सकते, वेबिनार श्रृंखला छात्रों को करियर निर्माण के बारे में संपूर्ण ज्ञान प्रदान करेगी। प्रो. जैन ने बताया कि वेबिनर आयोजन से पूर्व ही गूगल फॉर्म्स की सहायता से विद्यार्थियों से उनके प्रश्न ले लिए गए थे। वेबिनार में 470 विद्यार्थियों ने भाग लिया।

श्री उत्सव आमेटा ने बताया कि विद्यार्थी कब और कैसे स्नातक के पश्चात करियर निर्माण कर सकते है, श्री रोहित सोनार्थी ने कंपीटिटिव परिक्षाओं की तैयारी के सूत्र बताये तथा सुश्री विधि भट्ट ने कृषि और संबद्ध धाराओं के स्नातकों के लिए कैरियर में उपलब्ध विवध अवसरों पर प्रकाश डाला। बाद में वृहद प्रश्नोत्तर सत्र आयोजीत हुआ जिसमें वक्ताओं ने विद्यार्थियों के प्रश्नों के उत्तरों के साथ उन्हें मार्गदर्शित भी किया। 

श्रीमान कमलेश मीणां, सह सचिव ने धन्यवाद प्रस्ताव पारित किया।  प्रतिभागियों तथा दर्शको द्वारा कार्यक्रम की सराहना की गयी। वेबिनार संचालन में  मानविक जोशी, अनुषा उपाध्याय एवं अधिश्री सनाढ्य का विशेष सहयोग रहा। श्री मंगल काबरा एवं श्री पीयूष चैधरी ने तकनीकी सहयोग दिया।


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