जिंदगी जश्न मनाएगी 

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Published on : 03 Jul, 21 07:07

-लक्ष्मीनारायण खत्री

जिंदगी जश्न मनाएगी 

वक्त आएगा 

भय डूब जाएगा 

आस का विश्वास 

अब तैर जाएगा 

मौत के 

मंडराते महाकाल का 

मोक्ष हो जाएगा 

मानव मौज मनाएगा 

अपनों के बीच 

बनी दूरियां

दर-दर हो जाएगी 

जिंदगी जश्न मनाएगी 

धरा की

बंद सीमाएं 

मिट जाएगी 

जीवन की राह 

खुल जाएगी

अंधेरे को 

आग की आंच 

कुचल जाएगी 

जग में 

ज्योति जगमगा जाएगी।

 


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