वक्त आएगा
भय डूब जाएगा
आस का विश्वास
अब तैर जाएगा
मौत के
मंडराते महाकाल का
मोक्ष हो जाएगा
मानव मौज मनाएगा
अपनों के बीच
बनी दूरियां
दर-दर हो जाएगी
जिंदगी जश्न मनाएगी
धरा की
बंद सीमाएं
मिट जाएगी
जीवन की राह
खुल जाएगी
अंधेरे को
आग की आंच
कुचल जाएगी
जग में
ज्योति जगमगा जाएगी।