चनप्रीत सिंह की 21 कविताओं का संग्रह 'एक अकेला पेड़' का विमोचन मुंबई में हुआ

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Published on : 19 Jun, 21 05:06

चनप्रीत सिंह की 21 कविताओं का संग्रह 'एक अकेला पेड़' का विमोचन मुंबई में हुआ

मुंबई, अभिनेता, कवि और लेखक चनप्रीत सिंह की 21 कविताओं का संग्रह 'एक अकेला पेड़' का विमोचन शुक्रवार 18 जून 2021 को यारी रोड, अँधेरी (वेस्ट),मुंबई में किया गया। इस काव्य-संग्रह का विमोचन इससे पहले अमेरिका में किया गया था। चनप्रीत सिंह अमेरिका में कैलिफ़ोर्निया के रहने वाले हैं। वे अपनी कविताएँँ सैन फ़्रांसिस्को में आयोजित कवि-सम्मेलनों में पढ़ते रहे हैं। बहुमुखी प्रतिभा के धनी चनप्रीत सिंह ने अमेरिका और भारत में विभिन्न नाटकों और फ़िल्मों में काम भी किया है। 'एक अकेला पेड़' काव्य-संग्रह को ' राइटर्सग्राम' पब्लिकेशन द्वारा हिंदी में प्रकाशित किया गया है, जोकि 135 पृष्ठ का है और इसकी कीमत 225 रुपये रखी गयी है। यह अमेज़ान जैसी सभी बड़ी ई-कॉमर्स वेब साइट पर उपलब्ध है। जीवन के सभी पहलुओं को 'एक अकेला पेड़' में कविताओं के माध्यम से बड़े आकर्षक और अनोखे तरीके से प्रस्तुत किया गया है। जीवन व मृत्यु जुड़ी छोटी और बड़ी घटनाओं को कविता के माध्यम से जीवन के पूरे उतर-चढ़ाव को दर्शाया गया है। सिंह की कविताए व्यक्ति राष्ट्रवाद, मानवता, एकता, भाईचारा, महिला-सशक्तिकरण और जीवन के अर्थ जैसे चीजों को बड़ी संवेदनशीलता से बताती है। इस कविता संग्रह की कविताएँ जैसे कि ,'बँटवारा','हठ','क्षमता से जंग' और 'आखरी दम' इत्यादि दिल को छू लेती हैं।   पुस्तक की शुरुआत शीर्षक कविता 'एक अकेला पेड़' से होती है, जिसमें एक पेड़ उन दिनों को याद कर रहा है, जब उसके साथी पेड़ पास खड़े थे। जलवायु परिवर्तन ने इस अंतिम पेड़ को छोड़ दिया है, जो अब अपने अस्तित्व के लिए लड़ रहा है।    'बँटवारा' कविता में कवि धार्मिक और राष्ट्रीय विभाजन के बारे में बात करता है, जो 1947 में विभाजन के दौरान हिंदुओं और मुसलमानों के बीच की खूनी झड़पों के बारे में हैं। सिंह कविता में यह बताते हैं कि एक वो अखंड भारत था, जब हिन्दू व मुस्लिम भाई मिल-जुल कर एक दूसरे के त्योहारों को मनाने थे और एक दूसरे के साथ मिल कर खाना खाते थे। यह वर्तमान वैश्विक और राष्ट्रीय संदर्भ में आत्मनिरीक्षण के लायक एक मार्मिक संदेश देते हैं।    'हठ' कविता में सिंह ने जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना करने के बारे में लिखा है। वह एक कवि के रूप में अपने जीवन से उदाहरण पेश करते हैं। एक कवि के रूप में उन्हें किस प्रकार की बाधाओं का सामना करना पड़ता है। और विपत्ति के बावजूद वह कैसे विजयी होते हैं। एक संदर्भ के रूप में उनके जीवन के माध्यम से कविता का निर्माण एक ऐसे तरीके से किया जाता है, जिससे पाठक अपने स्वयं के जीवन के अनुभवों, आकांक्षाओं और चुनौतियों के साथ अपने जीवन में परिवर्तन ला सकता है।    'आखरी दम' में कवि सोचता है कि क्या हम अपनी उम्मीदों को पूरा कर पाएंगे या नहीं? या हम और अधिक पाने के लिए तरसते रहेंगे? क्या हमारे अंतिम क्षण शांतिपूर्ण होंगे या दोषपूर्ण भावनाओं से भरे होंगे? यह एक अनसुलझी पहेली है,जो असामान्य सवाल उठाती है,जोकि आवश्यक है।   सभी को 'एक अकेला पेड़' कविता पढ़नी चाहिए। इसकी सादगी हर इंसान के मन को छू जाती है। यह हमें सिखाती है कि एक साधारण जीवन असाधारण सोच के साथ कैसे जीया जाये? पुस्तक में चनप्रीत सिंह द्वारा बनाई गई कुछ तस्वीरें भी हैं। जो कविताओं जीवंत करती है और इन कविताओं को और रसमय बना देती है।   कवि चनप्रीत सिंह अपनी कविताओं की पुस्तक 'एक अकेला पेड़' के बारे में कहते हैं,"सफलता में जितना योगदान हुनर और परिश्रम का होता है,


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