जगदंबा अंध विद्यालय ने मुख्यमंत्री श्री गहलोत के ‘कोई भूखा ना सोये‘ के सपने को किया चरितार्थ

( 28868 बार पढ़ी गयी)
Published on : 17 Jun, 21 07:06

कोरोना की दूसरी लहर में भी जरूरतमंदों की निःस्वार्थ सेवा की

जगदंबा अंध विद्यालय ने मुख्यमंत्री श्री गहलोत के ‘कोई भूखा ना सोये‘ के सपने को किया चरितार्थ

श्रीगंगानगर । श्रीगंगानगर में स्वामी ब्रह्मदेव और उनके द्वारा संचालित जगदंबा अंधविद्यालय संस्थान 1980 में अपनी स्थापना के दिनों से ही समाज के प्रति अपने उत्तरदायित्व को समझते हुए योगदान देते आ रहे हैं चाहे वह दिव्यांग बच्चों की शिक्षा का क्षेत्र हो, दूरदराज के जरूरतमंद व गरीब लोगों की आंखों का इलाज का चिकित्सा क्षेत्र हो या मन, वचन, कर्म के प्रवचनों के माध्यम से धार्मिक समानता का उद्देश्य।
स्वामी ब्रह्मदेव और उनकी संस्थान जगदंबा अंधविद्यालय हमेशा से श्रीगंगानगर में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए अग्रिम रहा है। गत वर्ष करोना काल की विपरीत परिस्थितियों में राजस्थान में संपूर्ण लाॅकडाउन के दौरान अंधविद्यालय के संस्थापक स्वामी ब्रह्मदेव के सानिध्य में रोजाना 10000 भोजन के पैकेट तैयार करके गंगानगर जिला प्रशासन को सौंप कर गरीब और जरूरतमंद के घरों तक पहुंचाए जाते रहे।
कोरोना की दूसरी लहर ने जब श्रीगंगानगर जिले को प्रभावित किया तो जैसे आफत का पहाड़ टूट पड़ा ऐसी विकट परिस्थिति में अंध विद्यालय ने कई जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया। इस वर्ष कोरोना काल की दूसरी लहर के दौरान शहर में जरूरतमंद लोगों की मदद कर जगदंबा अंध विद्यालय ने अनोखी मिसाल पेश की उन्होंने मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के सपने को चरितार्थ करते हुए हजारों लोगों को निःशुल्क भोजन उपलब्ध करवाया।  शहर में विभिन्न जागरूक कार्यक्रमों व मास्क वितरण शिविरों के माध्यम से 20,000 से ज्यादा मास्क बांटकर लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग व सरकारी गाईडलाइन की अनुपालना करने पर जोर दिया। लाॅकडाउन के दौरान राजस्थान के स्वायत्त शासन विभाग की तरफ से ‘कोई भूखा ना सोए‘ कार्यक्रम के तहत जगदंबा अंधविद्यालय इंदिरा रसोई को चयनित किया गया जिसमें रोजाना 600 भोजन के पैकेट तैयार करके जरूरतमंदों के लिए प्रशासन को सौंपे जाते थे। अंधविद्यालय इंदिरा रसोई संख्या 292 को भोजन में शुद्धता पौष्टिकता और भोजन सही समय, सही मात्रा में और अच्छी पैकिंग के साथ उपलब्ध करवाने का पर गुणवत्ता का सर्वोत्तम फीडबैक प्रणाम पत्र भी प्राप्त हुआ।
स्वामी ब्रह्मदेव ने जिला प्रशासन को आपातकालीन स्थिति में धर्मार्थ नेत्रा चिकित्सालय की सारी सेवाएं व नर्सिंग स्टाॅफ को उपयोग में लाने का आग्रह किया। अंधविद्यालय के सचिव शिवम कोहली की अध्यक्षता में निशुल्क मास्क वितरण के कई कार्यक्रम आयोजित किए गए। श्री कोहली ने कम उम्र में ही अपनी जिम्मेदारी समझते हुए स्वयं संक्रमित होने के बावजूद कोरोना जैसी खतरनाक बीमारी से आमजन को बचाने के लिए हर संभव प्रयत्न किए। उन्होंने अपने जज्बे से युवा पीढ़ी को राह दिखाई ।
स्वामी ब्रह्मदेव व शिवम कोहली ने लोगों को कोविड-19 से बचाव के लिए जागरूकता कार्यक्रम के तहत जगह-जगह प्रचार सामग्री, फ्लैक्स, संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए आसान जरूरी उपायों के बारे में बताया। जगदंबा चिकित्सालय के डाॅक्टर भी पीछे नहीं रहे। उनके द्वारा ब्लैक फंगस और कोविड-19 संक्रमण के बचाव के लिए स्थानीय समाचार पत्रों में आलेख लिखकर व अवेयरनेस कार्यक्रमों के तहत सोशल मीडिया पर वीडियो उपलब्ध करवाए गए। इन आलेखों से जन जागृति हुई व अधिक लोग संक्रमित होने से बच सके।
नव वर्ष पर जब टीकाकरण की शुरुआत हुई तब ही अंध विद्यालय के संस्थापक स्वामी ब्रह्मदेव ने प्राथमिकता के आधार पर अपनी उम्र के इस पड़ाव में भी कोरोना वैक्सीन का टीका लगवाकर टीके के बारे में समाज में फैली भ्रांतियों को विराम देते हुए कोविड-19 वैक्सीन के पूर्ण सुरक्षित होने का संदेश दिया।
जगदंबा एजुकेशन एंड रिसर्च सेंटर ने राष्ट्रीय स्तर तक गूगल मीट के माध्यम से वेबिनार आयोजित कर कोविड-19 संक्रमण से बचाव के उपाय बताए।
  गौरतलब है कि जगदंबा अंधविद्यालय संस्थान 1996 में सर्वश्रेष्ठ राष्ट्रीय समाज सेवी संस्थान की राष्ट्रीय पुरस्कार से भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति महामहिम डाॅ. शंकर दयाल शर्मा के कर कमलों से द्वारा सम्मानित किया गया था। जगदंबा धर्मार्थ नेत्रा चिकित्सालय में 1993 से निरंतर उत्तर भारत के दूरदराज के इलाकों से निशुल्क नेत्रा जांच चिकित्सा शिविर में आॅपरेशन के लिए चिन्हित किए गए मरीजों को अस्पताल श्रीगंगानगर हस्पताल में लाकर निशुल्क आॅपरेशन किए जाते हैं। अब तक करीब 20 लाख से भी अधिक नेत्र रोगी अस्पताल से लाभान्वित हो चुके हैं और 3.5 लाख से भी अधिक लोग आंखों के निशुल्क आॅपरेशन करा चुके हैं। अनेकों दृष्टिहीन व श्रवण शक्ति बाधित विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त कर अभिनव भारत के विकास में अपना योगदान दे रहे हैं।


साभार :


© CopyRight Pressnote.in | A Avid Web Solutions Venture.