भारत में चलाया जा रहा विश्व का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान एक बार फिर से तीव्र प्रगति के मार्ग पर चल पड़ा है - डॉ. हर्ष वर्धन

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Published on : 09 Jun, 21 02:06

18 से 44 वर्ष के आयुवर्ग को निःशुल्क टीके उपलब्ध करवाने की घोषणा सम्बन्धी नए दिशा निर्देश 21 जून से लागू होंगे

भारत में चलाया जा रहा विश्व का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान एक बार फिर से तीव्र प्रगति के मार्ग पर चल पड़ा है - डॉ. हर्ष वर्धन

नई दिल्ली (नीति गोपेंद्र भट्ट) ।  केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा है कि भारत में चलाया जा रहा विश्व का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान एक बार फिर से तीव्र प्रगति के मार्ग पर चल पड़ा है  ।

उन्होंने अपने ट्वविटर हैंडल पर लिखा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा सोमवार को सायं राष्ट्र के नाम दिए गए सन्देश में विश्व योग दिवस 21 जून से पूरे देश में 18  से 44  वर्ष के आयुवर्ग के लोगों लिए  राज्यों को निःशुल्क टीके उपलब्ध करवाने की घोषणा से राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान को नई गति मिलेगी ।    इस सम्बन्ध में जारी किये गए नए दिशा- निर्देश  21 जून से लागू होंगे ।

डॉ हर्ष वर्धन ने कहा कि  भारत सरकार द्वारा राज्यों को दिए जा रहे टीकों की निःशुल्क खुराकों के व्यर्थ में बर्बाद होने की खबरें चिंता जनक है  राज्य सरकारों को टीकों के महत्व को समझते हुए टीकों की खुराकों को व्यर्थ में बर्बाद होने से बचाने पर ध्यान देना चाहिए ।

देशव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत केंद्र सरकार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कोविड वैक्सीन निशुल्क प्रदान कर उनका सहयोग कर रही है । टीकाकरण अभियान, केंद्र सरकार के टेस्ट, ट्रैक, ट्रीट और कोविड उचित व्यवहार सहित महामारी के प्रबंधन और उसे रोकने के लिए बनाई गई समग्र कार्यनीति का अभिन्न भाग है । देश में कोविड-19 के उदार और तेज तीसरे चरण का क्रियान्वयन एक मई, 2021 से  शुरू हुआ था । इस रणनीति के तहत केंद्र सरकार हर माह केंद्रीय औषधि प्रयोगशाला द्वारा मान्यताप्राप्त वैक्सीनों का 50 प्रतिशत निर्माताओं से खरीदती है। इन वैक्सीनों को राज्यों को बिलकुल निशुल्क प्रदान किया जाता है, जैसा पहले भी किया जाता था ।

केंद्र सरकार ने अब तक निशुल्क और राज्य सरकारों द्वारा सीधी खरीद की सुविधा के जरिये राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 24  करोड़ 65 लाख 44 हजार से अधिक वैक्सीन की खुराकें मुहैया कराई हैं। आज सुबह आठ बजे तक उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार इन खुराकों में से खराब होने वाली खुराकों सहित 23,47,43,489 खुराकों की खपत हुई है। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पास अब भी  टीकें लगाने के लिए 1करोड़ 19  लाख 46  हजार 925 से अधिक खुराक मौजूद हैं ।

 


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