नई दिल्ली | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को उच्च स्तरीय बैठक में देश में कोविड -19 संबंधित ताजा स्थिति की व्यापक समीक्षा की। उन्हें विभिन्न राज्यों और जिलों में कोविड के प्रकोप पर एक विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया गया । उन्हें विशेष कर उन 12 राज्यों के बारे में बताया गया जहाँ एक लाख से अधिक सक्रिय मामले हैं। उच्च रोग भार वाले जिलों के बारे में भी पीएम को अवगत कराया गया।
प्रधानमंत्री को राज्यों की स्वास्थ्य सुविधाओं के बुनियादी ढांचे के बारे में बताया गया। पीएम ने निर्देश दिया कि राज्यों को स्वास्थ्य सेवाओं के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए सहायता और मार्गदर्शन दिया जाना चाहिए।
बैठक में कोविड की दूसरी लहर की त्वरित और समग्र रोकथाम उपायों को सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर भी चर्चा की गई। पीएम ने उल्लेख किया कि राज्यों को अधिक प्रभावित जिलों की पहचान करने के लिए एक एडवाइजरी भेजी गई थी, जहां केस पॉजिटिविटी 10% या अधिक है और ऑक्सीजन सपोर्टेड या आईसीयू बेड पर बिस्तरों का अधिभोग 60% से अधिक है।
बैठक में प्रधानमंत्री ने दवाओं की उपलब्धता की भी समीक्षा की। उन्हें रेमेडिसविर सहित दवाओं के उत्पादन में तेजी से वृद्धि के बारे में जानकारी दी गई। पीएम ने अगले कुछ महीनों में टीकों का पर उत्पादन बढ़ाने के लिए और टीकाकरण के रोडमैप की प्रगति की समीक्षा की। उन्हें अवगत कराया गया कि राज्यों को लगभग 17.7 करोड़ टीके की आपूर्ति की गई है। पीएम ने वैक्सीन अपव्यय पर राज्यवार स्थिति की भी समीक्षा की। उन्हें बताया गया कि 45 वर्ष से अधिक आयु के लगभग 31% पात्र लोगों को कम से कम एक खुराक दी गई है। पीएम ने कहा कि टीकाकरण की गति में कमी नहीं आनी चाहिए । लॉकडाउन के बावजूद टीकाकरण के लिए नागरिकों को समुचित सुविधा दी जानी चाहिए और टीकाकरण अभियान में शामिल स्वास्थ्य कर्मियों को अन्य स्थानों पर ड्यूटी पर नहीं लगाया जाना चाहिए।
बैठक में केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, अमित शाह, निर्मला सीतारमण, डॉ.हर्षवर्धन, पीयूष गोयल, मनसुख मंडाविया अन्य मंत्री गण और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।