कोरोना ने छिना है कई बच्चों का आसरा

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Published on : 06 May, 21 10:05

कोरोना से अनाथ हुए बच्चों को सहारा देकर संवारें भविष्य — मनन चतुर्वेदी

 कोरोना ने छिना है कई बच्चों का आसरा

जयपुर, बाल अधिकारों के लिए कार्य कर रही संस्था सुरमन की संस्थापक और राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की पूर्व अध्यक्ष मनन चतुर्वेदी ने बाल अधिकारों के सरंक्षण से जुड़ी गैर सरकारी संस्थाओं, एक्टिविस्ट और समस्त आमजन से आह्वान किया है कि वैश्विक महामारी कोरोना से हर रोज कई बच्चे अनाथ हो रहे है ऐसे में वे कोरोना के कहर से अनाथ हुए बच्चों को गोद लेकर परवरिश का जिम्मा उठावें और इनका भविष्य संवारें।

उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी के दौरान हर रोज देशभर में ऐसे कई मामले सामने आ रहे है जिनमे माता—पिता की मृत्यु के बाद उनके बच्चे लावारिस हो रहे है। ऐसे में या तो इन बच्चों का भविष्य ही खतरे में पड़ जाता है या इन बच्चों को उचित माध्यम से गोद नहीं लिए जाने के कारण कई बार इनकी खरीद—फरोख्त की भी संभावना रहती है। उन्होंने कहा कि समाज में ऐसे बच्चों के लिए बाल अधिकारों के लिए कार्यरत प्रबुद्धजन और स्वयंसेवी संस्थाएं आगे आवें, इन्हें गोद लिए जाने की प्रक्रिया के बारे में आमजन को उचित प्रक्रिया से अवगत करावें। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की स्थिति में सामाजिक संगठनो एवं कार्यकर्ताओं से अपील है कि वे ऐसे बच्चों को सहारा प्रदान करें।

इस तरह से आ रहे मामले :

चतुर्वेदी ने बताया कि देश व राज्य की राजधानी समेत कई बड़े शहरों से प्रतिदिन ऐसे बच्चों के बारे में जानकारी देकर पूछताछ की जा रही है कि इन बच्चों को गोद लेने का कोई इच्छुक व्यक्ति है ? उन्होंने बताया कि कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर नई दिल्ली से कैलाश नगर से एक 3 दिन की लड़की और दूसरी 6 महीने की लड़की के माता पिता के देहांत की सूचना मिली और इन्हें गोद देने के लिए पूछताछ की गई है।

वैधानिक प्रक्रिया से लें गोद

उन्होंने यह भी बताया कि इन दिनों ऐसे बच्चों को बिना किसी वैधानिक प्रक्रिया के गोद लेने के मामले भी सामने आ रहे है ऐसे में उनकी ऐसे लोगों एवं अभिभावकों से अपील है कि जिला बाल कल्याण समिति के माध्यम से वैधानिक प्रक्रिया अपनाते हुए ही गोद ले ना कि अपने स्तर पर सीधे ही गोद लेने की कोई प्रक्रिया अपनावें। ऐसा करने से गोद लेने वाले दम्पति के साथ—साथ बच्चे के लिए भी भविष्य में समस्याएं पैदा हो सकती हैं।

जिलों में बाल संरक्षण के लिए कार्य जरूरी :

उन्होंने इस बात पर खुशी जाहिर की है कि जिला स्तर पर बाल कल्याण समिति एवं अनेक संस्थाएं इस क्षेत्र में काम कर रही है, उनसे भी अपील है कि वे ऐसे बच्चों को ट्रेस कर उनको बेहतर संरक्षण प्रदान करें । ऐसे मामलों में बच्चों के परिजन एवं निकटतम परिजनों को भी बच्चों को संरक्षण देने के लिए प्रोत्साहित करे ताकि कोरोना महामारी के कारण बच्चों का भविष्य संकट में न पड़े।


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