दिल्ली में कोविड-19 के रोगियों के लिए ऑक्सीजन पर अपडेट

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Published on : 05 May, 21 05:05

नई दिल्ली के एम्स और आरएमएल अस्पताल में पीएम केअर्स फंड से दो मेडिकल ऑक्सीजन संयंत्र लगाने का काम युद्ध स्तर पर दोनों स्थानों पर संस्थापना का कार्य आज रात पूरा कर लिया जाएगा

दिल्ली में कोविड-19 के रोगियों के लिए ऑक्सीजन पर अपडेट

नई दिल्ली (नीति गोपेंद्र भट्ट)।  कोविड-19 के दैनिक मामलों में अप्रत्याशित उछाल को देखते हुए ऑक्सीजन की निर्बाध आवश्यकता, ऑक्सीजन युक्त और आईसीयू बिस्तरों  की कई गुणा वृद्धि की गई है। नई दिल्ली के केन्द्र सरकार के अस्पतालों में कोविड-19 के गंभीर रोगियों के प्रभावी नैदानिक प्रबंधन के लिए ऑक्सीजन की पर्याप्त और निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए  केंद्रीय स्वास्थ्य तथा परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने नई दिल्ली के केन्द्र सरकार के अस्पतालों में ऑक्सीजन की उपलब्धता की समीक्षा के लिए 23 अप्रैल, 2021 को उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की थी।

यह निर्णय लिया गया गया था कि डीआरडीओ द्वारा एम्स ट्रॉमा सेंटर, डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल, सफदरजंग अस्पताल, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज और हरियाणा के झज्जर में एम्स में 5  पीएसए ऑक्सीजन संयंत्र लगाए जाएंगे। ये मेडिकल ऑक्सीजन संयत्र पीएम केअर्स फंड से प्राप्त राशि से लगाये जे रहे हैं। कोविड के मामलों में उछाल और ऑक्सीजन की कमी को देखते हुए देश में 500 मेडिकल ऑक्सीजन संयंत्र लगाने के लिए  पीएम केअर्स फंड से राशि आवंटित की गई है। इन संयंत्रों को तीन माह में लगाए जाने की योजना है। 

तीव्र निर्णय के जरिए अगले दिन 24 अप्रैल 2021 को मेडिकल ऑक्सीजन संयंत्र लगाने के आर्डर दे दिए गए। एक सप्ताह के भीतर  मैसर्स ट्राइडेंट न्यूमेटिक्स प्राइवेट लिमिटेड कोयम्बटूर ने की है, जो डीआरडीओ का प्रौद्योगिकी भागीदार है,मैसर्ज ट्राइडेंट  न्केयूमेटिक्स प्राइवेट लिमिटेड कोयंबतूर से  विनिर्माण यूनिट से दो संयंत्र हवाई मार्ग से मंगवाए गए  और ये 4 मई 2021 को नई दिल्ली पहुंच गए। कुल 48 संयंत्र के आर्डर दिए गए हैं। एम्स और आरएमएल अस्पताल में सेयंत्र लगाने का काम युद्ध स्तर पर जारी है। इनकी डिलिवरी पर बारीकी से नज़र रखी जा रहा है। 

एम्स और आरएमएल अस्पताल में मेडिकल ऑक्सीजन संयंत्र लगाने का काम शुरु है और यह आज रात तक पूरा होने की आशा है।

संयंत्र की पाइपिंग कनेक्शन की जांच के साथ दोनों संयंत्र कल शाम तक काम शुरू कर देंगे। इन संयंत्रों का ड्राइ रन कल सुबह निर्धारित किया गया है। सभी कार्य युद्ध स्तर पर जारी हैं। 

डीआरडीओ संयंत्र स्वदेशी जीरो लाइट प्रौद्योगिकी पर आधारित हैं। इन मेडिकल ऑक्सीजन संयंत्रों का डिजाइन प्रति मिनट एक हजार लीटर एलपीएम ऑक्सीजन के उत्पादन के लिए तैयार किया गया है। यह सिस्टम पांच एलपीएम के फ्लो रेट पर 190 रोगियों की आवश्यकता पूरी करता है यह प्रतिदिन 195 सिलेंडर भरता है। मेडिकल ऑक्सीजन संयंत्र के लिए एलसीए, तेजस हेतु ऑन बोर्ड ऑक्सीजन जनरेशन प्रौद्योगिकी के आधार पर डीआरडीओ द्वारा विकसित किया गया है। ये संयंत्र ऑक्सीजन को लेने ले जाने से संबंधित लॉजिस्टिक्स मुद्दों का समाधान करेगा और आपात अवस्था में कोविड-19 के रोगियों की मदद करेगा। सीएसआईआर ने भी अपने उद्योगों के जरिए 120 मेडिकल ऑक्सीजन संयंत्रों को आर्डर दिए हैं। 

भारत पूर्ण सरकार और पूर्ण समाज के दृष्टिकोण से महामारी के खिलाफ जंग लड़ रहा है और राज्य तथा केन्द्र शासित प्रदेश मिलकर केन्द्र सरकार के साथ सहयोग कर रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के आत्म निर्भर भारत के विजन के मार्गदर्शन से भारत चिकित्सा ढांचे, उपकरणों की उत्पादन क्षमता को बढ़ाने का काम कर रहा है। इसी तरह देश भर में  स्वास्थ्य ढांचे की मजबूताी में डीआरडीओ तथा सीएसआईआर अपने भागीदारों के साथ मिलकर तकनीकी सहायता दे रहे हैं।


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