किसानों को आकर्षित कर रही है सरसों की बढती उत्पादकता

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Published on : 20 Apr, 21 10:04

५०० से ज्यादा मॉडल फार्म स्थापित करने की घोषणा

किसानों को आकर्षित कर रही है सरसों की बढती उत्पादकता

उदयपुर। द सोलवेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के अध्यक्ष अतुल चतुर्वेदी का कहना है कि सरसों की बढती उत्पादकता किसानों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है। एक अध्ययन के अनुसार गेहूँ उपज पर ३७.८ प्रतिशत अधिशेष है, जबकि सरसों की फसलों पर ७५.२ प्रतिशत प्रति हैक्टेयर अधिशेष है। यह विशेष रूप से पंजाब, हरियाणा एवं अन्य राज्यों को परम्परागत फसलों जैसे चावल, गेहूँ एवं गन्ना के मुकाबले बेहद वित्तीय परिदृश्य के साथ सरसों की फसल की ओर बदलाव को प्रोत्साहित करेगा।

आत्मनिर्भर भारत मिशन मस्टर्ड २०२५ की दिशा में अपने कदम बढाते हुऐ मॉडल फाम्र्स सरसों उत्पादकता बढाने का एक बेहतर जरिया हैं। मस्टर्ड मिशन ऑयल शीड्स फसलों के उत्पादन एवं उत्पादकता बढाने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है, जिससे कि किसानों के जीवनयापन में भी सुधार होता है।

डॉ. सुरेश मोटवानी, जनरल मैनेजर, वेज ऑयल्स सॉलिडारिडाड नेटवर्क एशिया के अनुसार मस्टर्ड मिशन किसानों को बेहतर तकनीकी के साथ नवीनतम उत्पादन सुविधाएं उपलब्ध कराता है, जिससे कि किसानों को लाभप्रद बाजार हासिल होता है।

एसईए के कार्यकारी निदेशक बी.वी. मेहता ने बताया कि एसईए ५०० से ज्यादा मॉडल फार्म्स स्थापित करने जा रही है, ताकि राजस्थान एवं मध्यप्रदेश के २५ हजार से ज्यादा सरसों की उपज करने वाले किसान रबी सत्र में इनके साथ जुडकर लाभान्वित हो सके।

विजय डाटा, अध्यक्ष, एसईए-रेप मस्टर्ड प्रमोशन परिषद के अनुसार, ऑयलशीड के क्षेत्र में वैश्विकस्तर पर भारत एक बहुत ही महत्वपूर्ण स्थिति में है। यूएसए, चीन, एवं ब्राजील के बाद भारत दुनियां का चौथा सबसे बडा ऑयल शीड उत्पादक है। रेपसीड मस्टर्ड इसकी सबसे महत्वपूर्ण ऑयलशीड क्रोप है, जिसकी उपज मुख्य रूप से राजस्थान, मध्यप्रदेश, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल एवं गुजरात में है। इन राज्यों की देश के कुल उत्पादन की लगभग ९३ प्रतिशत भागीदारी है। प्राथमिक सूत्रों के अनुसार रेपसीड मस्टर्ड की खाद्य तेल उत्पादन में एक तिहाई की भागीदारी है, जिसने कि इसको देश की प्रमुख ऐडिबल ऑयलशीड क्रोप बना दिया है। 

भारत में रेपशीड मस्टर्ड की उत्पादकता प्रमुख रेपशीड मस्टर्ड विकसित राष्ट्रों की तुलना में काफी कम है। विकसित परिस्थितियों एवं तकनीकों के ज्ञान एवं जागरूकता के अभाव में यह अन्तर और बढा है। विकसित श्रेणियों के कम उपयोग, उच्च शीड दर, बीज उपचार के अभाव, उर्वरक उपयोग के असामंजस्य, प्लांट सुरक्षा में उचित देखभाल का अभाव, बाजारों से कमजोर जुडाव आदि कारणों ने भी उत्पादकता के इस अन्तर को और बढाया है।

देश आज ७० प्रतिशत से ज्यादा आयातित खाद्य तेलों पर निर्भर है जो कि खाद्य सुरक्षा की दृष्टि से एक चिंता का विषय है इन चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए भारत को इस दिशा में बहुत ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है एवं प्रमुख ऑयलशीड फसलों की उत्पादकता बढाकर इन चुनौतियों का मुकाबला किया जा सकता है।

इन चुनौतियों से निपटने के लिए द सोलवेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया सॉलिडारिडाड के साथ मिशन मस्टर्ड मॉडल फार्म्स प्रोजेक्ट पर २०१९ से राजस्थान में काम कर रहा है। एक सबसे बडे सरसों उत्पादक देश होने के नाते वर्ष २०२५ तक २०० लाख टन रेपशीड मस्टर्ड का उत्पादन लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस प्रोजेक्ट के तहत रबी सीजन २०२०-२१ में २०० मॉडल फार्मस स्थापित किये गये है, जो कि राजस्थान के बूंदी, कोटा, बारा, टोंक के १० हजार से ज्यादा किसानों को प्रभावी फार्मिंग तकनीकी से अवगत करायेगा। 

 

 


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