नई दिल्ली । वर्ष २०१२ में इतालवी मरीन द्वारा दो भारतीय मछुआरों की हत्या से संबंधित एनरिका लेक्सी मामले में इटली द्वारा केंद्र सरकार को मुआवजे के रूप में १० करोड़ रुपए जमा नहीं किए गए हैं। यह जानकारी केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को दी । चीफ जस्टिस शरद अरविंद बोबडे की अध्यक्षता वाली बेंच इटली द्वारा पेश किए गए मुआवजे को स्वीकार करने के बाद भारत में दो इतालवी मरीन के खिलाफ आपराधिक मामलों को बंद करने की मांग करने को लेकर केंद्र द्वारा दायर आवेदन पर सुनवाई कर रही है। सुप्रीम कर्ट ने ९ अप्रैल को इटली को विदेश मंत्रालय द्वारा निर्दिष्ट खाते में १० करोड़ रुपए के मुआवजे को जमा करने के लिए कहा था और मंत्रालय को इटली से ये राशि प्राप्त करने के बाद इसे सुप्रीम कोर्ट में जमा करने का निदæश दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह भारत में दो भारतीय मछुआरों की हत्या के लिए दो इतालवी मैरीन पर आपराधिक मामलों को बंद करने पर विचार करेगा । सोमवार को सुनवाई शुरू होने पर सीजेआई बोबडे ने सवाल किया कि पैसा कहां हैॽ केंद्र के वकील ने जवाब दिया कि हम पैसे की प्राप्ति का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने (इटली) ने पैसे के हस्तांतरण की पहल की है। उन्होंने इस मामले को टालने की मांग की‚ क्योंकि सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता एक अन्य बेंच के समक्ष उपस्थित थे। सीजेआई ने सॉलिसिटर जनरल द्वारा पिछली सुनवाई में यह राशि तीन दिनों के भीतर सुप्रीम कोर्ट के समक्ष जमा कराए जाने के बयान का उल्लेख करते हुए जवाब दिया। अदालत सुनवाई स्थगित करना चाहती थी‚ लेकिन आपने तीन दिन का समय मांगा था। केंद्र सरकार के वकील ने कहा कि हम इटली से जल्द कार्यवाही की उम्मीद करते हैं। अदालत ने मामले को अगले सप्ताह तक के लिए स्थगित कर दिया |